Friday, December 13, 2024
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मुरादाबाद लोकसभा सीट पर 'खेल' की इनसाइड स्टोरी, किसके कहने पर कटा एसटी हसन का टिकट?

उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद लोकसभा सीट पर बड़ा उलटफेर हो गया। समाजवादी पार्टी ने सीटिंग उम्मदीवार एसटी हसन का टिकट काट दिया। उनकी जगह पर अखिलेश यादव ने रुचि वीरा को उम्मीदवार बनाया है, जिसकी कहानी सीतापुर जेल में शुरू हुई थी।

Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Published : Mar 28, 2024 14:47 IST, Updated : Mar 28, 2024 14:51 IST
एसटी हसन और अखिलेश यादव- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO एसटी हसन और अखिलेश यादव

आगामी लोकसभा चुनाव के दिन नजदीक हैं। सभी पार्टियां चुनाव-प्रचार के साथ प्रत्याशियों के नाम का ऐलान करने में जुटी हैं। इस बीच, उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद लोकसभा सीट पर बड़ा उलटफेर हो गया। समाजवादी पार्टी ने सीटिंग उम्मदीवार एसटी हसन को उम्मीदवार घोषित करने के बाद उनका टिकट काट दिया है। उनकी जगह पर अखिलेश यादव ने अब रुचि वीरा को उम्मीदवार बनाया है। पूर्व विधायक रुचि वीरा सपा के कद्दावर नेता आजम खान की करीबी मानी जाती हैं। 

24 मार्च को एसटी हसन के नाम की हुई घोषणा

इस पूरे घटनाक्रम की कहानी सीतापुर जेल से शुरू होती है। सपा मुखिया अखिलेश यादव बीते 22 मार्च को आजम खान से मुलाकात करने सीतापुर जेल पहुंचे थे। उस मुलाकात के दौरान ही सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान ने अखिलेश यादव के सामने दो शर्तें रखी थीं, जिसमें से एक शर्त मुरादाबाद सीट से रुचि वीरा को उम्मीदवार घोषित करने की थी। दूसरी शर्त आजम खान ने अखिलेश यादव को खुद रामपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की रखी। इसके बावजदू सपा मुखिया अखिलेश यादव ने एसटी हसन का नाम 24 मार्च को मुरादाबाद सीट से घोषित कर दिया।

क्या आजम खान ने जेल में रहकर भी कर दिया 'खेल'?

मुरादाबाद से सांसद एसटी हसन को उम्मीदवार घोषित करने के बाद माना जा रहा है कि आजम खान ने जेल में रहकर ही खेल कर दिया। उधर, रामपुर सीट से उम्मीदवार घोषित नहीं होने के चलते मंगलवार को रामपुर की सपा जिला इकाई ने बैठक कर दी। बैठक में रामपुर सीट से अखिलेश यादव के चुनाव नहीं लड़ने की स्थिति में चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया। मंगलवार को जहां रामपुर का सियासी पारा चढ़ रहा था, तो वहीं दूसरी ओर आजम खान की करीबी रुचि वीरा लखनऊ पहुंच गईं। रुचि वीरा ने अखिलेश से मुलाकात करने के बाद अपना सिंबल लेकर मुरादाबाद के लिए रवाना हो गईं, क्योंकि अगले दिन यानी बुधवार को नामांकन का आखिरी दिन था।

एसटी हसन ने नामांकन भी कर दिया था दाखिल 

समाजवादी पार्टी के पहले से घोषित उम्मीदवार एसटी हसन ने मंगलवार को ही अपना नामांकन किया था, लेकिन शाम होते ही उनके टिकट पर संकट के बादल मंडराने लगे। आजम खान की करीबी रुचि वीरा को मुरादाबाद सीट से सिंबल मिलने और घोषित उम्मीदवार एसटी हसन का टिकट कटने की सूचना मिलते ही एसटी हसन के करीबी समर्थकों ने रुचि वीरा के खिलाफ नारेबाजी करनी शुरू कर दी थी। फिलहाल बुधवार को रुचि वीरा के नामांकन करने के बाद मुरादाबाद से दोनों में से कौन चुनाव लड़ेगा ये तस्वीर साफ हो गई। आजम खान की करीबी एवं पूर्व विधायक रुचि वीरा समाजवादी पार्टी की अधिकृत प्रत्याशी हो गईं।

पूरे घटनाक्रम पर क्या बोले सपा सांसद एसटी हसन?

टिकट कटने के बाद सपा सांसद एसटी हसन ने कहा कि टिकट होना या न होना वो एसटी हसन की शख्सियत को खत्म नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि जो आइडियोलॉजी हमारी है, वो आइडियोलॉजी मुलायम सिंह यादव की थी और जो आइडियोलॉजी अखिलेश यादव जी की है, हम उसी के साथ हैं। एसटी हसन ने कहा कि मैं मुस्लिम वर्ग से आता हूं। अखिलेश ने ही मुझे पार्लियामेंट भेजा था। उन्होंने कहा कि अब सपा के उम्मीदवार नहीं हैं। अपना पर्चा वापस लेंगे। इसके साथ ही एसटी हसन ने कहा कि जब एक बार टिकट दे चुके थे, तो कोई कारण तो नहीं था। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ही बेहतर बता पाएंगे कि टिकट क्यों काटा गया है। सपा नेता ने कहा कि अखिलेश पार्टी के नेता हैं, जिसको चाहें लड़ाएं, जिसको चहें न लड़ाएं।

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