Friday, April 26, 2024
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राजा भैया पर दर्ज 'अपहरण और जानलेवा हमला' मामले में वापस होगा केस! हाई कोर्ट ने दिया ये आदेश

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने एक अहम फैसला सुनाया है। ये फैसला राजा भैया के खिलाफ दर्ज अपहरण और जानलेवा हमला के मामले में दर्ज एफआईआर से जुड़ा हुआ है।

Amar Deep Edited By: Amar Deep
Published on: March 03, 2024 14:54 IST
राजा भैया के खिलाफ दर्ज मामले में कोर्ट ने दिया आदेश।- India TV Hindi
Image Source : REPRESENTATIVE IMAGE राजा भैया के खिलाफ दर्ज मामले में कोर्ट ने दिया आदेश।

लखनऊ: इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया, विधान पार्षद अक्षय प्रताप सिंह और अन्य के खिलाफ मुकदमा वापस लेने का अनुरोध करने वाली राज्य सरकार की याचिका पर नया आदेश पारित करने के लिए मामले को विशेष एमपी/एमएलए अदालत को भेज दिया। यह मामला अपहरण और जानलेवा हमले से जुड़ा है। पीठ ने एमपी-एमएलए कोर्ट को फैसले में की गई टिप्पणियों पर विचार करते हुए नया आदेश पारित करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की पीठ ने राजा भैया और अन्य की ओर से भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 482 के तहत दायर याचिका पर यह फैसला सुनाया। 

क्या है मामला

याचिकाकर्ताओं ने विशेष अदालत के 17 मार्च, 2023 के आदेश को चुनौती दी थी, जिसके तहत उसने मामला वापस लेने की राज्य सरकार की याचिका खारिज कर दी थी। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि राजनीतिक कारणों से 2010 में तत्कालीन बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सरकार के दौरान उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। उक्त मामले को तत्कालीन समाजवादी पार्टी सरकार ने चार मार्च 2014 को वापस लेने का फैसला किया। हालांकि, विशेष अदालत ने 17 मार्च, 2023 को राज्य सरकार के आवेदन को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि अपराध गंभीर प्रकृति की थी और इसे वापस लेने की अनुमति देने में कोई सार्वजनिक हित नहीं है।

हाई कोर्ट ने क्या कहा

मामले में अपने नवीनतम आदेश में हाई कोर्ट ने कहा कि पेश साक्ष्यों में कोई ठोस सबूत नहीं है जो अभियोजन के आरोपों को साबित करने का कारण बने। पीठ ने कहा कि ‘‘जिन व्यक्तियों के खिलाफ मामला वापस लेने का अनुरोध किया गया है, उनके खिलाफ मुकदमा जारी रखने से स्पष्ट रूप से कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा।’’ पीठ ने यह भी पाया कि शिकायतकर्ता, बसपा नेता मनोज शुक्ला को भी मुकदमे की सुनवाई जारी रखने में कोई दिलचस्पी नहीं थी और उन्होंने इसे वापस लेने का समर्थन किया है। 

कुंडा थाने में दर्ज मामला

अदालत ने कहा कि ‘‘इन परिस्थितियों में लोक अभियोजक की ओर से मामले की उपरोक्त कमजोरियों और विसंगतियों के मद्देनजर मुकदमा वापस लेने का निर्णय तर्क पर आधारित है।" इस मामले में 19 दिसंबर 2010 को शुक्ला की शिकायत पर प्रतापगढ़ के कुंडा पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जांच के बाद, पुलिस ने तीन जनवरी, 2011 को आरोप पत्र दायर किया था। राज्य सरकार ने 17 मार्च, 2014 को मामला वापस लेने के लिए एक अर्जी दी। राजा भैया जनसत्ता दाल लोकतान्त्रिक पार्टी के अध्यक्ष है जिसकी स्थापपना उन्होंने 2018 में की थी। 

(इनपुट- भाषा)

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