उत्तर प्रदेश सरकार ने बिजली की नई दरों का ऐलान कर दिया है। हालांकि, इससे आम जनता पर सीधा असर नहीं होगा। इसका असर बड़े पैमाने पर बिजली खरीद करने वाले विभागों और बिजली का वितरण करने वाली कंपनियों पर होगा। सरकार ने टैरिफ वसूलने के नियमों में भी बदलाव किया है। इससे भारतीय रेलवे समेत अन्य खरीदारों पर असर पड़ेगा। अब तक प्रति यूनिट ऊर्जा प्रसारण के आधार पर टैरिफ लगाया जाता था। अब आधारभूत प्रसारण क्षमता के हिसाब से टैरिफ वसूला जाएगा।
एसटीयू यूपीपीटीसीएल ने याचिका दायर कर बिजली दरों में बदलाव करने की मांग की थी। इसके बाद उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग ने नई बिजली दरों का ऐलान किया है और ट्रांसमिशन की दरों में बदलाव किया है।
बदलाव की अहम बातें
- यह राज्यांतर्गत प्रसारण प्रणाली के वास्तविक उपयोग के आधार पर प्रसारण शुल्क की वसूली सुनिश्चित करता है, चाहे कोई TSU किसी विशेष लाइसेंसधारी के नेटवर्क से सीधे जुड़ा हो या नहीं।
- उत्तर प्रदेश के डिस्कॉम्स और भारतीय रेल से हर महीने 2,13,284.55 रुपये प्रति मेगावाट की दर से प्रसारण टैरिफ वसूला जाएगा। हालांकि, अन्य ओपन एक्सेस उपभोक्ता अब भी प्रति मेगावाट की जगह प्रसारित प्रति यूनिट ऊर्जा के आधार पर शुल्क अदा करेंगे, जिसकी दर 0.2674 रुपये प्रति किलोवाट होगी।
- उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति, 2022 और डाटा सेंटर नीति, 2021 के अनुसार निर्धारित छूट लागू होगी।
- अब TBCB प्रसारण लाइसेंसधारी की लागत भी सभी प्रसारण उपभोक्ताओं जैसे नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड, डाटा सेंटर पार्क, अन्य ओपन एक्सेस उपभोक्ता एवं भारतीय रेल द्वारा साझा की जाएगी, जबकि पूर्व में यह लागत केवल यूपीपीसीएल राज्य के स्वामित्व वाले वितरण लाइसेंसधारियों द्वारा वहन की जाती थी।
- यह व्यवस्था राज्य की संपूर्ण प्रसारण लागत को सभी प्रसारण प्रणाली उपयोगकर्ताओं के बीच सामाजिककरण सुनिश्चित करेगी, जिससे राज्य-स्वामित्व वाले वितरण लाइसेंसधारियों पर भार कम होगा और उन अंतिम उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा जिन्हें वितरण लाइसेंसधारियों द्वारा बिजली आपूर्ति की जाती है। ओपन एक्सेस को बढ़ावा मिलेगा और प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहन मिलेगा।
- यह पूरे राज्य में ओपन एक्सेस को बढ़ावा देगा और प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करेगा, क्योंकि अब TBCB प्रसारण लाइसेंसधारियों में भी ओपन एक्सेस संभव होगा, जबकि पूर्व में TBCB प्रसारण लाइसेंसधारियों के लिए कोई ओपन एक्सेस शुल्क निर्धारित नहीं था।
- UPPTCL को नियमित नकदी प्रवाह का लाभ होगा, चाहे मौसमी लोडिंग पैटर्न के कारण विद्युत का कितना भी संचालन हो। इससे उसकी वित्तीय स्थिरता बढ़ेगी और सेवाओं में सुधार आएगा।