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खुशखबरी: CureVac की कोरोना वैक्‍सीन इंसानों पर दिखी असरदार, जल्द आ सकता है टीका

जर्मन बायोटेक फर्म ने सोमवार को कहा कि CureVac के प्रायोगिक COVID-19 वैक्सीन ने मनुष्यों में प्रतिरोधक प्रतिक्रिया पैदा कर दी है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : Nov 03, 2020 10:57 am IST, Updated : Nov 03, 2020 10:57 am IST
curevac- India TV Hindi
Image Source : FILE curevac

कोरोना संक्रमण से जूझ रही दुनिया को अब सिर्फ वैक्सीन का ही इंतजार है। वैज्ञानिकों की दिन रात की मेहनत के बीच अब जल्द ही कोरोना की वैक्सीन बाजार में आने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। 

जर्मन बायोटेक फर्म ने सोमवार को कहा कि CureVac के प्रायोगिक COVID-19 वैक्सीन ने मनुष्यों में प्रतिरोधक प्रतिक्रिया पैदा कर दी है। कंपनी जल्द ही इस वैक्सीन का बड़े पैमाने पर ह्यूमन ट्रायल शुरू करने जा रही है। उम्मीद है कि अगले साल की शुरुआत तक यह वैक्सीन बाजार में आ जाए। 

मुख्य कार्यकारी अधिकारी फ्रांज-वर्नर हास ने एक बयान में कहा, "हम अंतरिम चरण I डेटा से बहुत प्रोत्साहित हैं।" बायोटेक फर्म तथाकथित मैसेंजर आरएनए (mRNA) दृष्टिकोण का उपयोग कर रही है। CureVac ने कहा कि इसका संभावित टीका, जिसे CVnCoV के रूप में जाना जाता है। कंपनी के मुताकिब वॉलंटियर्स में उतनी ऐंटीबॉडीज डेवलप हुईं जितनी कोविड-19 के एक गंभीर केस के रिकवर होने पर बनती हैं। दुनियाभर में कोरोना वायरस की 150 से ज्‍यादा वैक्‍सीन पर काम चल रहा है। इनमें से 10 ऐडवांस्‍ड स्‍टेज ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल से गुजर रही हैं।

CureVac के मुताबिक, फेज 1 स्‍टडी में अबतक 250 से ज्‍यादा लोग शामिल हो चुके हैं। वैक्‍सीन ने शायद T सेल्‍स भी जेनरेट की हैं, लेकिन कंपनी ने कहा कि अभी एनालिसिस जारी है। वैक्‍सीन के साइड इफेक्‍ट्स अधिकतर दूसरे इंजेक्‍शन के बाद देखने केा मिले। कंपनी के मुताबिक, थकान, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और कुछ में बुखार जैसे साइड इफेक्‍ट्स 24 से 48 घंटों में दूर हो गए।

mRNA ऐसा ही एक प्रयोग है। आज तक दुनिया में इस अप्रोच पर आधारित किसी वैक्‍सीन को मंजूरी नहीं मिल है। नॉर्मल वैक्‍सीन शरीर को वायरस या बैक्‍टीरिया के बनाए प्रोटीन्‍स को पहचानने और लड़ने के लिए तैयार करती हैं। इसके उलट, mRNA वैक्‍सीन बॉडी को चकमा देकर उससे खुद ही वायरल प्रोटीन्‍स बनवाती है। किसी कोशिका में mRNA को प्रोटीन बनाने की टेम्‍पलेट की तरह इस्‍तेमाल किया जाता है। ये प्रोटीन्‍स एकसाथ जुड़कर वायरस नहीं बनते। इम्‍युन सिस्‍टम इन प्रोटीन्‍स को डिटेक्‍ट करता है और उनके प्रति डिफेंसिव रेस्‍पांस तैयार करने लग जाता है।

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