Friday, March 29, 2024
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Iran Hijab: ईरान में 'हिजाब' क्यों जला रहीं महिलाएं? राजधानी तेहरान सहित कई शहरों में तेज हुए प्रदर्शन, यहां देखिए विरोध के VIDEO

Iran Hijab: हिजाब को लेकर पूरा विवाद उस वक्त शुरू हुआ, जब एक 22 साल की महिला को सिर नहीं ढंकने के चलते हिरासत में लिया गया। देश की महिलाओं का गुस्सा भड़क गया। कुर्दिस्तान के शहरों से शुरू हुए प्रदर्शन राजधानी तेहरान तक पहुंच गए हैं।

Shilpa Written By: Shilpa
Updated on: September 20, 2022 15:14 IST
Iran Hijab Controversy Protests- India TV Hindi
Image Source : TWITTER Iran Hijab Controversy Protests

Highlights

  • ईरान में विरोध प्रदर्शन जारी
  • हिजाब को लेकर शुरू हुआ विवाद
  • हिजाब जला रही हैं महिलाएं

Iran Hijab: हिजाब को लेकर बवाल होना कोई नई बात नहीं है। भारत समेत दुनिया के कई देशों में इसपर विवाद देखा गया है। ताजा मामला ईरान का है। जहां महिलाएं सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं और हिजाब जला रही हैं। कुछ महिलाओं ने तो गाड़ी के बोनट पर खडे़ होकर हिजाब में आग लगाई है। ये विरोध प्रदर्शन मोरल पुलिसिंग के खिलाफ हो रहे हैं। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की, जिसमें 5 लोगों की मौत हो गई और 80 से ज्यादा घायल हुए हैं। प्रदर्शनों की शुरुआत देश के पश्चिमी हिस्से से हुई थी। ये वो इलाका है, जिसे कुर्दिस्तान भी कहा जाता है। यहां के लोग कई साल से अलग देश की मांग पर अड़े हुए हैं। 

हिजाब को लेकर पूरा विवाद उस वक्त शुरू हुआ, जब एक 22 साल की महिला को सिर नहीं ढंकने के चलते हिरासत में लिया गया। इसका नाम माहसा अमीनी था। माहसा मूल रूप से कुर्द थीं। हिरासत के दौरान उन्हें यातनाएं दिए जाने के आरोप हैं, जिसके चलते वह कोमा में चली गईं और 16 सितंबर को उन्होंने दम तोड़ दिया। जिसके बाद देश की महिलाओं का गुस्सा भड़क गया। कुर्दिस्तान के शहरों से शुरू हुए प्रदर्शन राजधानी तेहरान तक पहुंच गए हैं। प्रदर्शनकारी महिलाओं की मांग है कि हिजाब को अनिवार्य करने के बजाय वैकल्पिक किया जाए।

किसके खिलाफ लगाए जा रहे नारे?

प्रदर्शनकारी देश के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्लाह अली खामनेई के खिलाफ भी नारेबाजी कर रहे हैं। जिसके चलते उनपर पुलिस ने गोलीबारी की। इस देश में चुनाव होते हैं और लोकतांत्रिक व्यवस्था भी है, लेकिन बावजूद इसके सभी अहम फैसले खामनेई लेते हैं। यहां की सरकार के लिए एक हैरान करने वाली बात ये भी है कि महिलाओं के साथ पुरुष भी बढ़ चढ़कर इन प्रदर्शनों में हिस्सा ले रहे हैं। कुर्द आबादी वाले इलाकों में सुरक्षाबलों की लोगों के साथ झड़प होने की खबर आई हैं। मृतका माहसा के शहर में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की है। उनके अंतिम संस्कार के बाद प्रदर्शनकारी गवर्नर हाउस के बाहर एकत्रित हुए थे। जहां सुरक्षाकर्मियों ने उनपर गोलियां चलाना शुरू कर दिया।

250 से ज्यादा लोग गिरफ्तार किए गए

पुलिस ने प्रदर्शनों को रोकने के लिए कुर्द आबादी वाले इलाकों से सोमवार को 250 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है। सुरक्षाबल प्रदर्शन करने वाले लोगों के खिलाफ ऑपरेशन चला रहे हैं। इनके घरों पर छापेमारी की जा रही है। इस ऑपरेशन में ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड भी शामिल हैं। एक कुर्द कार्यकर्ता ने बताया कि सुरक्षाबल उन लोगों को निशाना बना रहे हैं, जो कुर्दों के लिए काम करते हैं। बावजूद इसके जब तक माहसा को इंसाफ नहीं मिल जाता, तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा। 

मामले में पुलिस ने क्या कहा है?

ईरान की पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की मौत की खबरों को खारिज कर दिया है। सरकारी मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है लेकिन किसी की जान नहीं गई है। हालांकि ईरान ने मोरल पुलिस यानी नैतिक पुलिस के प्रमुख को निलंबित कर दिया है। लेकिन पुलिस ने माहसा को प्रताड़ित करने के आरोपों को खारिज कर दिया है। पुलिस का कहना है कि माहसा की मौत बीमारी की वजह से हुई है, न कि प्रताड़ना की वजह से।

सरकार की तरफ से कुर्द के इलाकों इंटरनेट बंद कर दिया गया है। जिसके बाद दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क ने कहा कि यहां उनकी कंपनी स्टारलिंक की सैटेलाइट काम कर रही हैं। उनसे इंटरनेट लिया जा सकता है। बता दें ईरान में बेहद सख्त धार्मिक कानून हैं, जिनके चलते महिलाओं पर तमाम तरह की पाबंदी लगी हुई हैं। 1979 की इस्लामी क्रांति से पहले महिलाओं को काफी आजादी थी, लेकिन अब उन्हें बिलकुल भी आजादी नहीं है।

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