Friday, May 17, 2024
Advertisement

‘रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस लेने के लिए म्यांमार पर दबाव बना रहा है भारत’

25 अगस्त को शुरू हुई हालिया हिंसा के बाद से 3,00,000 से अधिक रोहिंग्या बांग्लादेश में आ चुके हैं जबकि यहां पहले से ही करीब 3,00,000 शरणार्थी रह रहे हैं...

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: September 15, 2017 18:45 IST
Rohingya Refugees- India TV Hindi
Rohingya Refugees | AP Photo

ढाका: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रोहिंग्या शरणार्थियों के मसले पर बांग्लादेश के साथ एकजुटता प्रदर्शित की है। उन्होंने कहा है कि भारत बौद्ध बहुल आबादी वाले देश से भागे रोहिंग्या मुसलमानों को वापस लेने के लिए म्यांमार पर दबाव डाल रहा है। बांग्लादेश के प्रधानमंत्री के एक वरिष्ठ सहयोगी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का हवाला देते हुए यह बात कही है। 25 अगस्त को शुरू हुई हालिया हिंसा के बाद से 3,00,000 से अधिक रोहिंग्या बांग्लादेश में आ चुके हैं। म्यांमार की सीमा से लगे बांग्लादेश में पहले से ही करीब 3,00,000 शरणार्थी रह रहे हैं।

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के उप प्रेस सचिव नजरूल इस्लाम ने बताया कि गुरुवार को सुषमा स्वराज ने फोन पर प्रधानमंत्री से बात की और उन्हें भरोसा दिया कि रोहिंग्या मुद्दे पर भारत बांग्लादेश के रुख का पूरा समर्थन करेगा। सुषमा स्वराज और हसीना के बीच हुई बातचीत का हवाला देते हुए नजरूल ने बताया कि भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि अब रोहिंग्या मुद्दा एक अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा बन चुका है। भारत म्यांमार पर द्विपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दबाव डालने का प्रयास कर रहा है ताकि वह जातीय रूप से अल्पसंख्यक रोहिंग्या मुसलमानों पर अत्याचार बंद करे और देश छोड़कर बांग्लादेश की ओर भाग रहे शरणार्थियों को वापस ले।

प्रवक्ता के अनुसार, हसीना ने इस मामले में कहा कि बांग्लादेश को शरणार्थियों को मानवीय आधार पर शरण देने को मजबूर होना पड़ा क्योंकि वे म्यांमार में पश्चिमी राखिन राज्य में अपने घरों से भाग रहे थे। उनहोंने बताया कि हसीना ने सुषमा स्वराज को शरणार्थियों की दयनीय हालत के बारे में जानकारी दी, खासतौर से नाबालिग बच्चों और महिलाओं की हालत के बारे में। साथ ही कहा कि बांग्लादेश उनकी मूलभूत जरूरतों को पूरा करने का प्रयास कर रहा है। प्रवक्ता ने कहा, ‘उन्होंने (हसीना) ने स्वराज को बताया कि बांग्लादेश को शरणार्थी संकट से निपटने के लिए बाहरी समर्थन और उन्हें वापस म्यांमार भेजे जाने की जरूरत है।’

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement