Friday, April 26, 2024
Advertisement

पाकिस्तान की अदालत ने कम उम्र की ईसाई लड़की से जबरन शादी को बताया वैध, कराया गया था धर्म परिवर्तन

पाकिस्तान की एक अदालत ने 14 साल की ईसाई किशोरी और उसका अपहरण करने वाले व्यक्ति के बीच विवाह को वैध करार देते हुए कहा है कि शरिया कानून के अनुसार यदि लड़की को मासिक धर्म शुरू हो चुका है तो कम उम्र की लड़की से विवाह मान्य है। 

Bhasha Written by: Bhasha
Published on: February 08, 2020 14:34 IST
Representative Image- India TV Hindi
Image Source : FILE Representative Image

कराची: पाकिस्तान की एक अदालत ने 14 साल की ईसाई किशोरी और उसका अपहरण करने वाले व्यक्ति के बीच विवाह को वैध करार देते हुए कहा है कि शरिया कानून के अनुसार यदि लड़की को मासिक धर्म शुरू हो चुका है तो कम उम्र की लड़की से विवाह मान्य है। इससे बाद, पीड़िता के माता-पिता ने कहा कि वे निचली अदालत के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे।

 निचली अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि शरिया कानून के तहत कम उम्र की लड़की से शादी वैध है क्योंकि वह रजस्वला हो चुकी है। पीड़िता के पिता यूनिस और मां नगीना मसीह के अनुसार पिछले साल अक्टूबर में हुमा को जब अगवा किया गया था तब वह 14 साल की थी और उसे अगवा करने वाले अब्दुल जब्बार ने उसे इस्लाम धर्म कबूल करवाकर शादी करने के लिए मजबूर किया। 

उनके वकील तबस्सुम यूसुफ ने शुक्रवार को बताया कि वे उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। सिंध उच्च न्यायालय ने हुमा की कम उम्र को जानते हुए भी उसके कथित अगवाकर्ता जब्बार और उसके बीच शादी को यह कहकर वैध ठहराया था कि हुमा रजस्वला हो चुकी है।

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement