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Afghanistan: तालिबान का फरमान, महिला ने किसी और से बनाए संबंध तो पत्थरों से मार-मारकर दी जाएगी मौत की सजा

अफगानिस्तान में महिलाओं की स्थिति और भयावह होने वाली है। तालिबान के सुप्रीम लीडर मुल्ला हिबातुल्लाह अखुंदजादा का एक ऑडियो मैसेज सामने आया है। अखुंदजादा ने कहा है कि हम अफगानिस्तान में शरिया वापस लाकर रहेंगे।

Edited By: Amit Mishra
Published : Mar 27, 2024 9:34 IST, Updated : Mar 27, 2024 9:36 IST
अफगान महिलाएं (फाइल फोटो)- India TV Hindi
Image Source : AP अफगान महिलाएं (फाइल फोटो)

अफगानिस्तान में महिलाओं का हाल बेहाल है। महिलाओं की स्थिति पहले ही अफगानिस्तान में कोई बहुत अच्छी नहीं थी लेकिन जब से तालिबान ने शासन की बागड़ोर संभाली है, महिलाओं की हालत बद से बदतर हो गई है। तालिबान शासन ने महिलाओं पर तमान तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं। अब इसी क्रम में तालिबान के सुप्रीम लीडर मुल्ला हिबातुल्लाह अखुंदजादा ने महिलाओं के खिलाफ एक नया फरमान जारी किया है। फरमान के मुताबिक जो भी महिला पति के अलावा किसी दूसरे पुरुष के साथ संबंध बनाने के मामले में दोषी हुई तो उसकी पत्थरों से मार-मारकर हत्या कर दी जाएगी। 

'अफगानिस्तान में शरिया वापस लाकर रहेंगे'

मुल्ला हिबातुल्लाह अखुंदजादा का एक ऑडियो मैसेज भी सामने आया है। इस ऑडियो मैसेज में अखुंदजादा ने पश्चिमी देशों के लोकतंत्र को चुनौती देते हुए इस्लामिक कानून शरिया को सख्ती से लागू करने का आदेश दिया। तालिबानी लीडर ने कहा 'आप कहते हैं कि यह महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन है जब हम उन्हें पत्थर मारकर मार देते हैं, लेकिन जल्द ही एडल्ट्री के लिए यह सजा लागू की जाएगी। दोषी महिलाओं को सरेआम कोड़े और पत्थर मारे जाएंगे।' अखुंदजादा ने कहा कि क्या महिलाएं वो अधिकार चाहती हैं जिनकी बात पश्चिमी देश कर रहे हैं? ऐसे सभी अधिकार शरिया और मौलवियों की राय के खिलाफ हैं। वही मौलवी जिन्होंने पश्चिमी लोकतंत्र को उखाड़ फेंका। हमने पश्चिमी लोगों के खिलाफ 20 साल तक लड़ाई लड़ी और जरूरत पड़ी तो हम अगले 20 सालों तक भी लड़ाई लड़ते रहेंगे। तालिबानी नेता ने ये भी कहा कि जब हमने काबुल पर दोबारा कब्जा किया था तब हमारा काम खत्म नहीं हुआ था। हम चुपचाप बैठकर चाय नहीं पीने वाले। हम अफगानिस्तान में शरिया वापस लाकर रहेंगे।

तालिबान ने कही थी ये बात 

देखने वाली बात ये भी है कि, अफगानिस्तान में जब तालिबान ने सत्ता सभाली थी तो आश्वासन दिया था कि वो महिलाओं के अधिकारों का हनन नहीं करेगा। बावजूद इसके अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों का हनन किया जा रहा है। लड़कियों की स्कूली शिक्षा पर रोक लगा दी गई है। ज्यादातर रोजगारों से महिलाओं को निकाल दिया गया या फिर उनके परिवार के ही किसी पुरुष को उनकी जगह रख लिया गया। अफगानिस्तान में महिलाओं के ब्यूटी पार्लर जाने और स्पोर्ट्स खेलने जैसी कई चीजों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। 

सामने आई थी UN की रिपोर्ट 

हाल ही में अफगानिस्तान में महिलाओं की स्थिति को लेकर संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट सामने आई थी। इस रिपोर्ट में महिलाओं, लड़कियों को मनमाने ढंग से हिरासत में रखे जाने पर चिंता जताई गई थी। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि तालिबान शासन के दौरान जेलों में कैद महिलाओं के साथ शारीरिक दुर्व्यवहार किया गया है। रिपोर्ट में तालिबान शासन ने मांग की गई थी कि वो महिलाओं के पहनावे पर लगाए गए प्रतिबंधों को तत्काल हटाए और लड़कियों को हिरासत में रखने पर रोक लगाए। 

शरिया कानून

तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद कहा था कि देश में शरिया कानून लागू होगा। शरिया इस्लाम को मानने वाले लोगों के लिए एक लीगल सिस्टम की तरह है। कई इस्लामी देशों में ये लागू है। हालांकि, पाकिस्तान समेत अधिकतर इस्लामी देशों में यह पूरी तरह लागू नहीं है। इसमें रोजमर्रा की जिंदगी से लेकर कई तरह के बड़े मसलों पर कानून हैं। शरिया में पारिवारिक, वित्त और व्यवसाय से जुड़े कानून भी शामिल हैं। इसमें अपराध के लिए कड़ी सजा के नियम हैं।

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