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भारत के अलावा नेपाल में भी दशहरा की धूम, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने दी बधाई

भारत की तरह आज पड़ोसी देश नेपाल में भी दशहरा पर्व की धूम है। नेपाल के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने भी अपने देशवासियों को इस पावन पर्व की बधाई दी है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Oct 12, 2024 17:43 IST, Updated : Oct 12, 2024 17:46 IST
नेपाल में दशहरा की धूम। - India TV Hindi
Image Source : AP नेपाल में दशहरा की धूम।

काठमांडूः भारत के साथ ही साथ नेपाल में भी आज विजयदशमी का त्यौहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने विजयदशमी के अवसर पर लोगों को बधाई दी है। साथ ही उनसे हाल की आपदाओं से प्रभावित लोगों को सामान्य स्थिति में लौटने में मदद करने की अपील की। राष्ट्रपति ने नेपाल में हिंदुओं के सबसे बड़े त्योहार ‘दसईं’ के दसवें दिन सभी नेपालियों के लिए शांति, समृद्धि और खुशहाली की कामना की। प्रधानमंत्री ने सभी नागरिकों के बीच सहयोग एवं सद्भाव की भी कामना की। इधर भारत में भी आज दशहरा की धूम है। पीएम मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देशवासियों को असत्य पर सत्य की जीत के पर्व की शुभकामनाएं दी हैं।

ओली ने एक बयान में सभी नेपालियों से आपदा प्रभावित लोगों को सामान्य स्थिति में लौटने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर भी मदद देने की अपील की। उन्होंने लोगों से आपदा में बाल-बाल बच गये लोगों को सरकार की ओर से आवश्यक सहायता का आश्वासन दिया। हाल में मूसलाधार वर्षा के कारण नेपाल के कई हिस्से बाढ़ एवं भूस्खलन की चपेट में आ गये थे जिसके फलस्वरूप 240 लोगों की जान चली गयी एवं हजारों अन्य विस्थापित हो गये। विजया दशमी तीन अक्टूबर को शुरू हुई। इसे यहां दसईं के नाम से जाना जाता है। पहले दिन कलश स्थापना की गई, जिसे घटस्थापना के रूप में जाना जाता है और जौ के बीज बोए गए जिसे ‘जामरा’ कहा जाता है।

नेपाल में दहशहरे का भारी उल्लास

नेपाल में दशहरे का भारी उल्लास रहता है। यह त्योहार कोजागृत (कोजगरा) पूर्णिमा तक चलता है, जो इस वर्ष 17 अक्टूबर को है। हर साल काठमांडू घाटी में काम करने वाले बहुत से लोग दसईं के लिए अपने घरों को लौटते हैं। ‘फेडरेशन ऑफ नेपाली नेशनल ट्रांसपोर्ट एंटरप्रेन्योर्स’ ने शुरू में अनुमान लगाया था कि घाटी से लगभग 18 लाख यात्री सड़क मार्ग से अपने घर जायेंगे। काठमांडू पोस्ट नामक समाचार पत्र ने फेडरेशन के अध्यक्ष बिजय स्वर के हवाले से कहा कि त्योहार के पहले दिन से अबतक सिर्फ 13 लाख लोग अपने घर गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यात्रियों की कम संख्या की वजह 27 और 28 सितंबर को भारी बारिश के बाद आयी बाढ़ एवं भूस्खलन से सड़कों का क्षतिग्रस्त हो जाना है।  (भाषा) 

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