Wednesday, April 24, 2024
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मदिरा की माया ने किया कमाल, ऑस्ट्रेलिया और चीन के खराब रिश्ते शराब से हो गए बहाल

ऑस्ट्रेलिया और चीन के संबंध लंबे समय से तनावपूर्ण चल रहे थे, लेकिन शराब के कारण अब यह फिर से पटरी पर लौटने लगे हैं। आप सोच रहे होंगे कि दो देशों के बीच रिश्तों में शराब से क्या लेना-देना। मगर ये सच है। दरअसल चीन ने ऑस्ट्रेलिया शराब से शुल्क हटाकर ऑस्ट्रेलिया को आर्थिक लाभ पहुंचाने का काम किया है।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: March 28, 2024 19:03 IST
प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi
Image Source : AP प्रतीकात्मक फोटो

बीजिंग: शराब भी बड़ी कमाल की चीज है। कभी यह दोस्ती कराती है, कभी दुश्मनी तो कभी पुराने गम को भुलाती है, कभी यादों को मिटाती है तो कभी यादों में जलाती है। मगर इस बार शराब ने कुछ ऐसा किया है, जिसके बारे में जानकर आप भी चौंक जाएंगे। मामला ही कुछ ऐसा है। अगर किन्ही दो देशों के बीच शराब खराब रिश्तों को बहाल कर दे तो फिर मदिरा को जादुई ही कहेंगे। यह बात सुनने में अजीब भले लग रही हो, लेकिन ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच कुछ ऐसा ही हुआ है। दोनों देशों के रिश्ते लंबे समय से खराब चल रहे थे। मगर शराब ने अब दोनों देशों के संबंधों को बहाल करने का काम किया है। उम्मीद की जा रही है कि इससे ऑस्ट्रेलिया और चीन के संबंध आने वाले समय में और मजबूत हो सकते हैं। 

बता दें कि चीन ने तीन साल पहले ऑस्ट्रेलियाई शराब पर लगाए गए शुल्क को हटाने की बृहस्पतिवार को घोषणा की। चीन का यह कदम दोनों के बीच संबंधों में सुधार का सबसे बड़ा संकेत माना जा रहा है। चीन के इस फैसले से ऑस्ट्रेलिया भी गदगद हो गया है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने बताया कि यह फैसला शुक्रवार से प्रभावी होगा। चीन ने राजनयिक तनातनी के बाद 2020 में ऑस्ट्रेलियाई शराब पर भारी शुल्क लगा दिया था इससे आस्ट्रेलिया शराब बाजार को तगड़ा झटका लगा था क्योंकि आस्ट्रेलियाई शराब का भारी मात्रा में चीन को निर्यात किया जाता है।

चीनी शुल्क से ऑस्ट्रेलिया को हुआ था 20 अरब डॉलर का नुकसान

चीन ने जब ऑस्ट्रेलियाई शराब पर यह शुल्क लगाया था तो उसे 20 अरब डॉलर तक का नुकसान झेलना पड़ा था। मगर अब चीन के इस फैसले से ऑस्ट्रेलिया को भारी मुनाफे की उम्मीद है। हाल के वर्षों में बीजिंग और कैनबरा के बीच व्यापार शुल्क सबसे ज्वलंत मुद्दा रहा है, क्योंकि चीन ने संबंधों में खटास के दौरान आस्ट्रेलियाई वस्तुओं पर प्रतिबंध लगा दिया था। अनुमान है कि शुल्क के कारण आस्ट्रेलियाई अर्थव्यवस्था को 20 अरब आस्ट्रेलियाई डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा। दोनों देशों के बीच अब संबंधों में सुधार के बाद अधिकांश शुल्क हटा दिए गए हैं। (एपी)

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