Wednesday, May 22, 2024
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अब चीन का होगा "चांद", चांग ई-6 मिशन से अंतरिक्ष में लिखने जा रहा दुनिया का सबसे बड़ा इतिहास

चीन के चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम के मुख्य डिजाइनर वु वेरेन ने कहा, ‘‘यदि चांग-6 मिशन अपने लक्ष्य को हासिल करने में सफल रहता है तो यह वैज्ञानिकों को चंद्रमा के दूरस्थ हिस्से के वातावरण और भौतिक संरचना को समझने के लिए सीधे तौर पर पहली बार साक्ष्य उपलब्ध कराएगा।’’

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: May 04, 2024 16:57 IST
चीन का चांग-ई 6 चांद मिशन।- India TV Hindi
Image Source : AP चीन का चांग-ई 6 चांद मिशन।

सिडनी: चीन अब चांद पर एक ऐसा इतिहास लिखने जा रहा है, जिसके बारे में अब तक कोई और देश सोच भी नहीं सका। चीन अपने चांग ई-6 मिशन के तहत सावधानीपूर्वक योजनाबद्ध तरीके से चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम के अगले चरण में सभी प्रणालियों के साथ आज रात प्रक्षेपण के लिए ‘‘तैयार’’ है। चीन का यह शक्तिशाली लॉन्ग मार्च 5 रॉकेट के शीर्ष पर रखा गया, चांग'ई 6 मिशन शाम 7:30 बजे (एईएसटी) दक्षिणी हैनान द्वीप पर वेनचांग स्पेस लॉन्च साइट से लॉन्च होने वाला है। इसका उद्देश्य चंद्रमा की खोज के लगे बहुत से अभियानों और प्रतिस्पर्धी क्षेत्र में कई काम पहली बार करना है।

बता दें कि 2019 में पहली बार चांग'ई 4 के सफलतापूर्वक उतरने के बाद, चांग'ई 6 चंद्रमा के सुदूर हिस्से पर उतरने वाला केवल चीन का दूसरा मिशन होगा। यह चीन के सफल और लंबे समय से चल रहे चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम का नवीनतम मिशन है, जिसका उद्देश्य प्रत्येक मिशन के साथ नई तकनीकी प्रगति साबित करना है। इस बार, यह अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की एक प्रेरणादायक उपलब्धि भी है। चंद्रमा के सुदूर भाग पर क्या है? अंतरिक्ष यान मूल रूप से पिछले मिशन - चांग'ई 5 - के लिए बैकअप के रूप में बनाया गया था, जो 2020 में चंद्रमा के निकट से 1.73 किलोग्राम चंद्र रेजोलिथ (मिट्टी) को सफलतापूर्वक वापस लाया था। हालांकि, चांग'ई 6 मिशन के पैरामीटर अधिक महत्वाकांक्षी और वैज्ञानिक रूप से अधिक उच्च प्रत्याशा से जुड़े हैं। यह एक जटिल मिशन भी है।

चीन चांद पर वहां पहुंचेगा, जहां कोई नहीं पहुंच पाया

चीन ने पहली बार चंद्रमा के दूरस्थ हिस्से से नमूने एकत्र करने और वैज्ञानिक अध्ययन के लिए उन्हें पृथ्वी पर लाने के उद्देश्य से शुक्रवार को एक चंद्र अन्वेषण मिशन का सफल प्रक्षेपण किया। यह पूरा मिशन 53 दिनों का है। चीन राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (सीएनएसए) के अनुसार, चांग-6 मिशन पृथ्वी के कभी सम्मुख नहीं आने वाले चंद्रमा के दूरस्थ हिस्से से नमूने एकत्र करेगा और उन्हें लेकर पृथ्वी पर लौटेगा। चंद्रमा पर मानव अन्वेषण के इतिहास में ऐसा पहली बार किया जा रहा है। ‘चांग’ चंद्र अन्वेषण का नाम चीन के मिथकों में मिलने वाली एक देवी के नाम पर पड़ा है। चंद्रमा के दूरस्थ हिस्से को पृथ्वी से नहीं देखा जा सकता है। प्रक्षेपण के एक घंटे बाद, एक अधिकारी ने घोषणा की कि चांग-6 का प्रक्षेपण पूरी तरह से सफल रहा है।

मिशन का ये है उद्देश्य

चीन के चंद्र मिशन को लॉंग मार्च-5 वाई8 रॉकेट के जरिये प्रक्षेपित किया गया। यह रॉकेट चीन के हेनान प्रांत के तट पर स्थित वेंचांग अंतरिक्ष प्रक्षेपण स्थल से प्रक्षेपित किया गया। सीएनएसए के अनुसार, चांग-6 में चार उपकरण-‘‘ऑर्बिटर, लैंडर, एसेंडर और री-एंट्री मॉड्यूल’’ हैं। इस मिशन के जरिये चंद्रमा पर धूल और चट्टानों के नमूने एकत्र करने के बाद एसेंडर उन्हें ऑर्बिटर तक पहुंचाएगा, जो नमूनों को री-एंट्री मॉडयूल को स्थानांतरित करेगा। इसके बाद, यह मॉड्यूल इन नमूनों को पृथ्वी पर लाएगा।

सीएनएसए ने इससे पहले कहा था कि मिशन का उद्देश्य स्वचालित तरीके से नमूने एकत्र करना और फिर चंद्रमा के दूरस्थ हिस्से से उन्हें लेकर लौटने जैसी प्रमुख प्रौद्योगिकियों में सफलता हासिल करना है। सीएनएसए ने घोषणा की है कि फ्रांस, इटली और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी/स्वीडन के वैज्ञानिक उपकरण चांग-6 के लैंडर पर होंगे तथा ऑर्बिटर पर एक पाकिस्तानी उपकरण होगा। यह पहला मौका है जब चीन ने अपने चंद्र मिशन में अपने मित्र देश पाकिस्तान का एक ऑर्बिटर शामिल किया है। (भाषा)

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