Tuesday, April 16, 2024
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भारत से लगा शी जिनपिंग को डर तो हवा में गरजे चीन के लड़ाकू विमान, जानें पूरा मामला

India Vs China Fight:अपनी सेना को कई गुना अधिक ताकतवर बना चुका भारत चीन के लिए खतरे का सबब बनता जा रहा है। पीएम मोदी की दुनिया में बढ़ती दबंगई से शी जिनपिंग की सांसें उखड़ रही हैं। आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ते भारत के कदम ने चीन के लिए रक्षा निर्यात के क्षेत्र में भी मुश्किल पैदा कर दी है।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: November 08, 2022 14:57 IST
हवा में उड़ते चीन के लड़ाकू विमान (प्रतीकात्मक फोटो)- India TV Hindi
Image Source : PTI हवा में उड़ते चीन के लड़ाकू विमान (प्रतीकात्मक फोटो)

India Vs China Fight:अपनी सेना को कई गुना अधिक ताकतवर बना चुका भारत चीन के लिए खतरे का सबब बनता जा रहा है। पीएम मोदी की दुनिया में बढ़ती दबंगई से शी जिनपिंग की सांसें उखड़ रही हैं। आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ते भारत के कदम ने चीन के लिए रक्षा निर्यात के क्षेत्र में भी मुश्किल पैदा कर दी है। इससे ड्रैगन बुरी तरह घबरा गया है। अब हालत यह है कि चीन दुनिया को अपनी ताकत दिखाकर अपना दबदबा बनाना चाह रहा है। इसीलिए चीन ने अपने कई लड़ाकू विमानों को आसमान में उतार कर शक्ति का प्रदर्शन किया है।

हथियारों के वैश्विक व्यापार में बड़ी भूमिका निभाने, ‘बोइंग’ और ‘एअरबस’ के साथ प्रतिस्पर्धा करने के मकसद से चीन मंगलवार से शुरू हुए हवाई शो में नवीनतम पीढ़ी के लड़ाकू जेट और विमान प्रदर्शित कर रहा है। वर्तमान में चीन दुनिया का चौथा सबसे बड़ा हथियार निर्यातक है और एक विस्तारित घरेलू उद्योग द्वारा इसे रूस पर अपनी पूर्व निर्भरता कम करने का अवसर प्राप्त हुआ है। मगर अब वह भारत की आत्मनिर्भरता से जल रहा है।

ड्रोन और लड़ाकू विमानों को बेच रहा चीन

अलग-अलग देशों से समर्थन मिलने के कारण चीन अब ड्रोन, युद्धक विमानों और मिसाइल रक्षा प्रणालियों के साथ-साथ इसके प्रमुख, शीत युद्ध-युग के ज़मीनी हथियार और गोला-बारूद बेचने के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहा है। मंगलवार से शुरू हुए इस प्रदर्शन में सैन्य विमानों में जे-20 स्टील्थ फाइटर और यू -20 हवाई टैंकर शामिल हैं। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार, 2017 और 2021 के बीच, चीन का कुल वैश्विक हथियारों के निर्यात में 4.6 प्रतिशत हिस्सा था, जो अमेरिका, रूस और फ्रांस से चौथे स्थान पर था। चीन से हथियारों के निर्यात का बड़ा हिस्सा पाकिस्तान को जाता था, जो लंबे समय से सहयोगी रहा है।

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