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नेपाल में हर तरफ तबाही का मंजर, बाढ़ और लैंडस्लाइड से अब तक 170 लोगों की मौत; कई हाइवे बंद

नेपाल में हुई मूसलाधार बारिश के बाद बाढ़ और लैंडस्लाइड की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। देश भर में अबतक 170 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं राहत और बचाव का कार्य अभी भी चल रहा है।

Edited By: Amar Deep
Published : Sep 30, 2024 8:16 IST, Updated : Sep 30, 2024 8:16 IST
बाढ़ और लैंडस्लाइड से अब तक 170 लोगों की मौत।- India TV Hindi
Image Source : PTI बाढ़ और लैंडस्लाइड से अब तक 170 लोगों की मौत।

काठमांडू: नेपाल में बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर रविवार को 170 हो गई, जबकि 42 लोग लापता हैं। बता दें कि शुक्रवार से पूर्वी और मध्य नेपाल के बड़े हिस्से जलमग्न हो गए हैं और देश के कई हिस्सों में अचानक बाढ़ आ गई है। पुलिस के अनुसार, नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन के कारण अब तक 170 लोग मारे गए हैं। गृह मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, बाढ़ और भूस्खलन की वजह से 42 लोग लापता हैं। 

बाढ़ प्रभावित 4,000 लोगों को बचाया गया

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ऋषिराम पोखरेल ने बताया कि बाढ़ से संबंधित घटनाओं में 111 लोग घायल हुए हैं। पोखरेल ने बताया कि सभी सुरक्षा एजेंसियों की मदद से खोज एवं बचाव अभियान जारी है। उन्होंने कहा कि नेपाली सेना ने देशभर में फंसे 162 लोगों को हवाई मार्ग से निकाला है। पोखरेल ने बताया कि बाढ़ और जलभराव से प्रभावित लगभग 4,000 लोगों को नेपाली सेना, नेपाल पुलिस और सशस्त्र पुलिस बल के जवानों ने बचाया है। उन्होंने बताया कि बचाए गए लोगों को खाद्यान्न सहित सभी आवश्यक राहत सामग्री वितरित की गई है। 

कई नेशनल हाइवे हुए बंद

प्रवक्ता ऋषिराम पोखरेल ने बताया कि भूस्खलन के कारण शनिवार से ही राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित हैं और सैकड़ों लोग विभिन्न राजमार्गों पर फंसे हुए हैं। पोखरेल ने बताया कि बाढ़, भूस्खलन और जलभराव के कारण बाधित राष्ट्रीय राजमार्गों को खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि काठमांडू को अन्य जिलों से जोड़ने वाले मुख्य भूमार्ग त्रिभुवन राजमार्ग पर यातायात फिर से शुरू हो गया है। अधिकारियों के मुताबिक, बाढ़ से नेपाल में कम से कम 322 घर और 16 पुल क्षतिग्रस्त हो गये हैं। 

40-45 सालों बाद दिखी विनाशकारी बाढ़

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उन्होंने 40-45 वर्षों में काठमांडू घाटी में ऐसी विनाशकारी बाढ़ और जलभराव कभी नहीं देखा। इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट (आईसीआईएमओडी) के जलवायु एवं पर्यावरण विशेषज्ञ अरुण भक्त श्रेष्ठ ने कहा, ‘‘मैंने काठमांडू में इस पैमाने पर बाढ़ पहले कभी नहीं देखी।’’ आईसीएमओडी द्वारा शनिवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया कि काठमांडू की मुख्य नदी बागमती शुक्रवार और शनिवार को पूर्वी तथा मध्य नेपाल में मूसलाधार बारिश के बाद से खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसमें कहा गया कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर हवा के कम दबाव की स्थिति और मानसून के कारण शनिवार को असाधारण रूप से मूसलाधार बारिश हुई। वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण पूरे एशिया में वर्षा की मात्रा और समय में परिवर्तन हो रहा है, लेकिन बाढ़ के बढ़ते प्रभाव का एक प्रमुख कारण अनियोजित निर्माण जैसी मानव गतिविधियां हैं। 

भूस्खलन से 6 फुटबॉल खिलाड़ियों की मौत

बाढ़ और भूस्खलन के कारण देश के कई भागों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कई राजमार्ग और सड़कें बाधित हो गई हैं, सैकड़ों घर और पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं तथा सैकड़ों परिवारों को विस्थापित होना पड़ा है। सड़कों के बाधित होने की वजह से हजारों यात्री विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को काठमांडू की सीमा से लगे धादिंग जिले में भूस्खलन में एक बस के दब जाने से कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई। भक्तपुर शहर में भूस्खलन के कारण एक मकान ढह जाने से पांच लोगों की मौत हो गई। मकवानपुर में ‘ऑल इंडिया नेपाल एसोसिएशन’ द्वारा संचालित एक प्रशिक्षण केंद्र में, भूस्खलन की घटना में छह फुटबॉल खिलाड़ियों की जान चली गई और अन्य लोग बाढ़ के पानी में बह गए। इस बीच मंगलवार तक बारिश जारी रहने के अनुमान के बावजूद रविवार को थोड़ी राहत मिली। (इनपुट- एजेंसी)

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