ढाका: बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना पर अदालत की बड़ी गाज गिरी है। बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने बुधवार को शेख हसीना समेत कई लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। यह कार्रवाई अवामी लीग सरकार के तहत कथित तौर पर लोगों को जबरन गायब करने और मानवता के खिलाफ अपराध करने के आरोपों पर की गई है।
किस मामले में जारी हुआ गिरफ्तारी वारंट
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, न्यायमूर्ति मोहम्मद गुलाम मुर्तुजा मजूमदार की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय न्यायाधीशों की पीठ ने दो अलग-अलग मामलों में दायर आरोपों पर संज्ञान लिया। बीडीन्यूज24 के मुताबिक, इन मामलों में हसीना और 29 अन्य पर सुरक्षा एजेंसियों द्वारा संचालित गुप्त केंद्रों में राजनीतिक विरोधियों को हिरासत में लेने, उन्हें यातना देने और गायब करने का आरोप है।
इसी महीने पेश होने के लिए दी तारीख
सरकारी समाचार एजेंसी बीएसएस के अनुसार, आईसीटी ने शेख हसीना और मामले में संलिप्त अन्य व्यक्तियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया और आरोपियों को अदालत में पेश करने के लिए 22 अक्टूबर की तारीख तय की है। हसीना पिछले साल 5 अगस्त को सरकारी विरोधी छात्र-नेतृत्व वाले प्रदर्शनों के बीच देश छोड़कर भारत चली गई थीं। पहले मामले में अभियोजन पक्ष ने 13 लोगों के खिलाफ पांच आरोप लगाए हैं, जिनमें शेख हसीना और उनके पूर्व सुरक्षा एवं रक्षा सलाहकार तारिक अहमद सिद्दीकी को भी आरोपी बनाया गया है।
बंदियों को यातना देने का भी आरोप
यह आरोप सेना के खुफिया महानिदेशालय के संयुक्त पूछताछ प्रकोष्ठ में किए गए कथित अपराधों से संबंधित हैं। दूसरे मामले में, शेख हसीना, सिद्दीकी और 15 अन्य पर रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) की कार्यबल पूछताछ इकाई द्वारा संचालित एक गुप्त प्रकोष्ठ में बंदियों के गायब होने और उन्हें यातना देने का आरोप है। (भाषा)