
तेहरानः ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फान न्यूक्लियर साइट्स पर अमेरिकी हमले के बाद तेहरान की बड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है। ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराघची ने 'X' पर पोस्ट में कहा, "संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य अमेरिका ने ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु स्थलों पर हमला करके संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतर्राष्ट्रीय कानून व परमाणु अप्रसार संधि (NPT) का गंभीर उल्लंघन किया है। आज सुबह की घटनाएं अत्यंत निंदनीय हैं और इनके स्थायी परिणाम होंगे।"
उन्होंने आगे लिखा,"संयुक्त राष्ट्र के हर सदस्य देश को अमेरिका के इस अत्यंत खतरनाक, गैरकानूनी और आपराधिक व्यवहार को लेकर सचेत हो जाना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत आत्मरक्षा में वैध प्रतिक्रिया की जो व्यवस्था है, उसके अनुरूप ईरान अपनी संप्रभुता, हितों और जनता की रक्षा के लिए सभी विकल्प सुरक्षित रखता है।"
ईरान ने कहा-जबरन थोपा गया युद्ध
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा कि अमेरिका ने हमारे परमाणु ठिकानों पर हमला करके अंतरराष्ट्रीय कानून तोड़ा है। इजरायल और अमेरिका की ओर से हम पर जबरन युद्ध थोपा गया है। ईरान को अपनी आत्म रक्षा का पूरा अधिकार है। उन्होंने संकेतों में बता दिया कि ईरान भी चुप नहीं बैठेगा और वह पलटवार करेगा। उनके इस बयान के तुरंत बाद ईरानी सेना ने इजरायल पर जवाबी हमला शुरू भी कर दिया। इजरायल के तेल अवीव और हाईफा शहर पर ईरानी मिसाइलें तबाही मचाती देखी गईं।
ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन ने भी की अमेरिकी हमले की सख्त निंदा
ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन ने भी परमाणु सुविधाओं पर अमेरिकी हमलों के बाद बयान जारी किया है। भारत में ईरान के दूतावास ने 'एक्स' पर पोस्ट में लिखा, "हाल के दिनों में ज़ायोनी दुश्मन द्वारा किए गए क्रूर हमलों के बाद, आज सुबह, फोर्डो, नतांज़ और इस्फ़हान में देश के परमाणु स्थलों पर बर्बर आक्रमण किया गया - जो अंतर्राष्ट्रीय कानूनों, विशेष रूप से NPT का उल्लंघन है। यह कार्रवाई, जो अंतर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करती है, दुर्भाग्य से अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की उदासीनता - और यहां तक कि मिलीभगत - के तहत हुई। अमेरिकी दुश्मन ने, आभासी अंतरिक्ष के माध्यम से और अपने राष्ट्रपति की घोषणा के द्वारा, उल्लिखित साइटों पर हमलों की जिम्मेदारी ली है, जो सुरक्षा समझौते और NPT के अनुसार निरंतर IAEA निगरानी में हैं..."
ईरान ने कहा-अमेरिकी हमला युद्ध के समान
ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा, "अमेरिकी हमले ईरान के खिलाफ युद्ध के समान हैं"। संयुक्त राज्य अमेरिका ने स्वयं ईरान के खिलाफ एक खतरनाक युद्ध की शुरुआत कर दी है," क्योंकि अमेरिका ने इस्लामी गणराज्य की तीन परमाणु साइटों पर हमला किया है। "दुनिया यह न भूले कि यह अमेरिका ही था जिसने एक चल रही राजनयिक प्रक्रिया के दौरान, नरसंहार करने वाले और कानूनविहीन इज़रायली शासन की आक्रामक कार्रवाइयों का समर्थन करके, कूटनीति के साथ विश्वासघात किया। ईरान अमेरिका की सैन्य आक्रामकता और इस बागी शासन द्वारा किए गए अपराधों के खिलाफ पूरी ताकत से प्रतिरोध करने का अधिकार सुरक्षित रखता है, और ईरान की सुरक्षा तथा राष्ट्रीय हितों की रक्षा करेगा।"
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