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पाकिस्तान ने दिया IMF को धोखा, 5 में से 3 लक्ष्य भी नहीं किया पूरा; गहराया संकट

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से 7 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज लेने वाला पाकिस्तान आईएमएफ के लक्ष्य को पूरा नहीं कर सका है। इससे उसे अगली किस्तें मिलने में समस्या हो सकती है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Aug 06, 2025 09:48 pm IST, Updated : Aug 06, 2025 09:48 pm IST
शहबाज शरीफ, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री (फाइल)- India TV Hindi
Image Source : AP शहबाज शरीफ, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री (फाइल)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से कर्ज लेने के बाद उसे तगड़ा गच्चा दे दिया है। पाकिस्तान ने आईएमएफ के 7 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज की दूसरी समीक्षा से पहले तय किए गए 5 में से 3 अहम आर्थिक लक्ष्य भी पूरा नहीं किया है। इससे आईएमएफ टेंशन में आ गया है।  

कंगाली से उबारने को दिया था बेलआउट पैकेज

आईएमएफ ने पाकिस्तान को बुरे आर्थिक हालात से बाहर निकालने के लिए यह बेलआउट पैकेज दिया था। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी वित्तीय रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान की कोई भी प्रांतीय सरकार 1.2 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये की बचत का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाईं, क्योंकि खर्चों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसके अलावा फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू (FBR) भी 12.3 ट्रिलियन रुपये की कुल कर वसूली करने और ताजिर दोस्त योजना के तहत 50 अरब रुपये खुदरा व्यापारियों से संग्रह करने में विफल साबित हुआ है। 

किस शर्त को पाकिस्तान ने किया पूरा

पाकिस्तान ने सिर्फ 2.4 ट्रिलियन रुपये का प्राइमरी बजट सरप्लस हासिल किया है। इस प्रकार उसने एक अहम शर्त पूरी कर ली है। यह IMF के तय लक्ष्य से भी बेहतर बताया जा रहा। दावा है कि लगातार दूसरे साल पाकिस्तान ने प्राइमरी सरप्लस दर्शाया है। रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार ने खर्च पर नियंत्रण बनाए रखने की कोशिश की, लेकिन प्रांतीय सरकारों की असफलता ने IMF के लक्ष्यों को प्रभावित किया, जो संघीय नियंत्रण में नहीं आतीं।

कितना हुआ राजकोषीय घाटा

पाकिस्तान का कुल राजकोषीय घाटा GDP का 5.4% (6.2 ट्रिलियन रुपये) रहा, जो IMF के 5.9% के लक्ष्य से नीचे था। IMF ने बेलआउट पैकेज के तहत करीब 50 शर्तें रखी हैं, जिनमें से कुछ त्रैमासिक और वार्षिक आधार पर समीक्षा की जाती हैं और अगली 1 अरब डॉलर की किश्त की मंजूरी इन्हीं पर निर्भर करती है। हालांकि सरकार ने कुछ मोर्चों पर सुधार दिखाया है, आधिकारिक आंकड़े दर्शाते हैं कि केंद्र सरकार की कुल शुद्ध आय रक्षा और ब्याज भुगतान जैसे सिर्फ दो मदों की जरूरतों से भी 1.2 ट्रिलियन रुपये कम है। अन्य खर्च उधार लेकर पूरे किए जाते हैं।

280 अरब रुपये लक्ष्य से पीछे

प्रांतों द्वारा किए गए वादों के बावजूद पाकिस्तान ने केवल 921 अरब रुपये का नकद अधिशेष अर्जित किया, जो IMF के 1.2 ट्रिलियन रुपये लक्ष्य से 280 अरब रुपये कम है। FBR ताजिर दोस्त योजना के तहत कोई उल्लेखनीय राजस्व एकत्र नहीं कर सका। हालांकि दावा है इन कमियों के बावजूद पाकिस्तान को अगली समीक्षा में गंभीर बाधाओं का सामना नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि अन्य महत्वपूर्ण शर्तों पर प्रगति हुई है। यह बेलआउट पैकेज 2024 में स्वीकृत हुआ था और इसे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को स्थिर करने में अहम माना जा रहा है। (पीटीआई)

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