पाकिस्तान कंगाली से बाहर नहीं आ पा रहा है। लोगों को खाने-पीने के भी लाले पड़ गए हैं। महंगाई आसमान छू रही है। ऐसे में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अब भारत की पंचवर्षीय योजना की नकल करके देश के हालात को सुधारने का प्रण किया है।
कंगाली और पाकिस्तान अब एक सिक्के के दो पहलू हो गए हैं। खस्ताहाली से पाकिस्तान में आमजनों को भोजन नसीब होना मुश्किल हो गया है। महंगाई ने जनता की कमर तोड़ दी है। पाकिस्तान सरकार इस स्थिति का सामना करने के लिए अभी तक सिर्फ कर्ज का सहारा लेती थी। मगर अब पीएम समेत उनका कैबिनेट बिना वेतन काम करेगा।
श्रीलंका में आए आर्थिक संकट के बीच भारत उसका प्रमुख मददगार बनकर खड़ा था। श्रीलंका के हटाए गए पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने अपनी एक किताब में इस घटना के पीछे विदेशी हाथ होने का संकेत दिया है। साथ ही इशारों ही इशारों में भारत का नाम लिए बगैर यह भी लिखा है कि प्रमुख लोकतांत्रिक पड़ोसी देश उनके साथ था।
पाकिस्तान को भीख मांगने से फुरसत नहीं मिल पा रही है। कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर उल हक ने अब अपने करीबी चीन से 2 अरब डालर की मदद मांगी है। इससे पहले पाकिस्तान ने सऊदी अरब से 2 अरब डॉलर का उधार लिया था, जिसे सऊदी ने वापस ले लिया है। इससे पाकिस्तान की हालत फिर बिगड़ गई है।
अमेरिका के मेसाच्यूसेट्स में एक धनी भारतीय मूल का जोड़ा बेटी के साथ अपनी हवेली में मृत पाया गया है। इससे आसपास के इलाकों में भी दहशत फैल गई है। घटना की वजह की कोई सटीक जानकारी नहीं है। मगर पुलिस के अनुसार ऑनलाइन रिकॉर्ड से पता चलता है कि वह वित्तीय समस्याओं से जूझ रहे थे। घटना की पड़ताल कराई जा रही है।
Special Report: PoK के बर्फीले पहाड़ों में बगावत का उबाल
पाकिस्तान बुरी तरह गरीबी और भुखमरी के चंगुल में फंस चुका है। 1 वर्ष के दौरान विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार 39.4 फीसदी गरीब बढ़ गए हैं। पाकिस्तान की कुल जनसंख्या 23 करोड़ है और इनमें से 9.5 करोड़ लोग गरीबी में जी रहे हैं। इससे पाकिस्तान की बदहाली का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पूर्व में मदद करने वाले देशों की तारीफ की है। ताकि बाढ़ से जूझ रहे पाकिस्तान को फिर से दया की भीख मिल सके। पाकिस्तान में हजारों लोग बाढ़ से बेघर हो चुके हैं। दो वक्त की रोटी के भी गरीबों को लाले पड़े हैं।
धनप्रेषण में चार अरब डॉलर से अधिक की गिरावट आना इस लिहाज से अहम है कि पाकिस्तान सरकार मुद्राकोष से तीन अरब डॉलर की राहत पाने के लिए लगातार कोशिशों में लगी रही है।
भारत 11-13 जून तक जी20 समूह के देशों के विकास मंत्रियों की तीन दिवसीय बैठक की मेजबानी वाराणसी में कर रहा है। इसमें वैश्विक आपूर्ति शृंखला, खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा चुनौतियों, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए राष्ट्रपति जो बाइडेन और केविन मैक्कार्थी एक समझौते पर सहमत हो गए हैं। आइएमएफ को उम्मीद है कि इससे कर्ज में डूबे अमेरिका की स्थिति को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था का जहाज डूबने के कगार पर है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अमेरिकी नीतियों को वैश्विक चिंता का कारण बननने के लिए अमेरिकी सरकार की आलोचना की।
अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने कहा कि यूएस सरकार के 31.46 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज चुकाने में डिफॉल्ट करने से दुनिया भर में आर्थिक संकट पैदा हो सकता है।
श्रीलंका और पड़ोसी पाकिस्तान के बाद अब तालिबान शासित अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था में भी भूचाल आने के संकेत मिल रहे हैं। पिछले कई महीनों से अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अफगानी मुद्रा में गिरावट का दौर जारी है। इससे तालीबानियों को कुछ सूूझ नहीं रहा है। वैसे अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था में ज्यादातर आतंकवाद का ही पैसा लगा है।
पाकिस्तान में ना महंगाई पर काबू हो पा रहा है ना मुल्क के अंदर भड़कती विद्रोह की आग पर...सुप्रीम कोर्ट, फौज और पाकिस्तान सरकार,, सत्ता के लिए इस कदर गुत्थमगुत्था हो चुके हैं कि महंगाई और भुखमरी से जूझ रहे आम पाकिस्तानियों की उन्हें कोई परवाह नहीं रह गई और ना ही डूबते मुल्क को बचाने में दिलचस्पी
पाकिस्तान की आर्थिक हालत किस कदर खस्ताहाल हो चुकी है, इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि उसके पास 2 राज्यों में चुनाव कराने के लिए पैसे नहीं हैं। जबकि चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जा चुका है। मगर सरकार की ओर से चुनाव के लिए धनराशि जारी नहीं की जा रही है।
दिवालिया पाकिस्तान को कर्ज मिलने की एक धुंधली सी उम्मीद जागी थी, लेकिन वो भी फना हो गई...IMF से कर्ज की बात फाइनल करने के लिए पाकिस्तान के वित्तमंत्री को अमेरिका जाना था लेकिन
महंगाई और कर्ज से कंगाल हुआ पाकिस्तान यदि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता करने में कामयाब ना हुआ तो उसे दिवालिया होने से कोई नहीं बचा सकता। दरअसल पाकिस्तान आईएमएफ के साथ 1.1 अरब डालर के राहत पैकेज पर कर्मचारी स्तर का समझौता नहीं कर सका है। जबकि यह समझौता होना पाकिस्तान के लिए बहुत जरूरी है।
पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स के आंकड़ों के अनुसार मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि यह 45.64 फीसदी सालाना है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सप्ताह दर सप्ताह आधार पर टमाटर, आलू और गेहूं का आटा महंगा होने के कारण अल्पकालिक मुद्रास्फीति में 1.80 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने मंगलवार को यह कहा कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र के ज्यादातर वित्तीय संस्थानों का अमेरिका के विफल बैंकों से कोई सरोकार नहीं है और सिलिकॉन वैली बैंक की तरह वे ऋण प्रतिभूति होल्डिंग को लेकर जोखिम में भी नहीं हैं।
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