इस बीच, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) ने कहा है कि आईएमएफ से मिली दूसरी किस्त की राशि, 16 मई को समाप्त होने वाले सप्ताह में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में दर्ज की जाएगी।
सूत्रों ने कहा कि आईएमएफ इस बात की जांच करेगा कि क्या सरकार नए कर लक्ष्य का समर्थन करने के लिए विश्वसनीय रूप से यथार्थवादी उपाय करने की योजना बना रही है।
IMF यानी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान के लिए 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर के तत्काल वितरण को मंजूरी दे दी है। भारत-पाक तनाव के बीच इस लोन को मंजूरी देने से IMF पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं।
जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने आईएमएफ को लताड़ लगाई है। उन्होंने पाकिस्तान को राशि मंजूर किए जाने पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि आईएमएफ भारतीय शहरों को तबाह करने के लिए पाकिस्तान को हथियारों की प्रतिपूर्ति कर रहा है। ऐसे में उपमहाद्वीप में शांति स्थापित करने की बात आईएमएफ सोच भी कैसे सकता है।
भारत ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि पाकिस्तान लंबे समय से आईएमएफ से कर्ज लेता आ रहा है, जिसका क्रियान्वयन और आईएमएफ की कार्यक्रम शर्तों के पालन का रिकॉर्ड बहुत खराब रहा है।
31 मार्च, 2025 तक, पाकिस्तान पर IMF का कुल 6.23 बिलियन डॉलर का कर्ज है। इसमें लोन और आउटस्टैंडिंग क्रेडिट दोनों शामिल हैं।
भारत 2027 में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा, जिसका सकल घरेलू उत्पाद 5069.47 बिलियन डॉलर होगा।
सुब्रमण्यन की यह विदाई 9 मई को आईएमएफ की बैठक से पहले हो गई है। 9 मई को आईएमएफ की अहम बैठक होने वाली थी, जिसमें पाकिस्तान को अतिरिक्त वित्तीय सहायता पर फैसला होने वाला था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 24 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले के पीछे के आतंकवादियों और साजिश में शामिल लोगों को उनकी कल्पना से परे दंडित करने की शपथ ली।
लंबे समय तक व्यापार नीति अनिश्चितता और वर्तमान में लागू टैरिफ के चलते भारत सहित पूरी दुनिया की इकोनॉमी प्रभावित हो सकती हैं। साल 2026 में वैश्विक अर्थव्यवस्था के 3 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 में पिछला एफएसएपी आने के बाद से भारत की वित्तीय प्रणाली अधिक जुझारू और विविधतापूर्ण हो गई है, जो तीव्र आर्थिक वृद्धि से प्रेरित है।
आईएमएफ ने कहा कि भारत का मजबूत आर्थिक प्रदर्शन संरचनात्मक सुधारों को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है। भारत सरकार द्वारा जारी दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक, देश की अर्थव्यवस्था 2024-25 के दौरान 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है।
कई देश उन कर्जों से जूझ रहे हैं जो उन्होंने कोविड-19 महामारी से निपटने को लेकर लिए थे। आईएमएफ के मुताबिक, इस साल दुनिया भर में सरकारी कर्ज 1,00,000 अरब डॉलर से ऊपर पहुंच जाएगा।
देश की श्रम शक्ति में महिलाओं की कम भागीदारी तथा युवाओं में व्याप्त बेरोजगारी पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, पहली तो यह कि भारत में रोजगार सृजन को लेकर कई सवाल खड़े हैं।
विश्व आर्थिक परिदृश्य में आईएमएफ ने कहा कि लेटेस्ट आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी वृद्धि 2023-24 में 8.2 प्रतिशत से घटकर 6.5 से 7 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
हाल ही में स्वीकृत 7 अरब डॉलर के राहत पैकेज के बाद आईएमएफ ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान को उछाल-मंदी चक्र से बचने के लिए पिछले 75 वर्षों की अपनी आर्थिक नीतियों को बदलना होगा।
पाकिस्तान लंबे समय से आर्थिक संकट से जूझ रहा है। हालात ये हैं कि उसे अपनी व्यवस्था चलाने के लिए इंटरनेशनल लेवल पर भीख मांगनी पड़ रही है। हालही में उसने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से 7 अरब अमेरिकी डॉलर के लोन की डील की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को कटोरा लेकर भीख मांगने के लिए मजबूर तो किया ही, अब उसे पूरी तरह से दरिद्र भी बना दिया है। पाकिस्तान के पास अब जीवन चलाने के लिए फूटी कौड़ी भी नहीं है। लिहाजा वह आईएमएफ से फिर 7 बिलियन डॉलर का कर्ज ले रहा है।
इससे पिछले हफ्ते (30 अगस्त को खत्म हुए हफ्ते में) विदेशी मुद्रा भंडार 2.29 अरब डॉलर के उछाल के साथ 683.99 अरब डॉलर पर पहुंच गया था, जो उस हफ्ते तक का ऑल टाइम हाई था।
इससे पिछले हफ्ते यानी 23 अगस्त को खत्म हुए हफ्ते के दौरान देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 7.023 अरब डॉलर की भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई थी, जिसके बाद ये बढ़कर 681.688 अरब डॉलर हो गया था।
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