Monday, May 20, 2024
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पाकिस्तान के नेता ने कह दी अजब बात, "भारत सुपर पॉवर बन रहा और हम भीख मांग रहे"

पाकिस्तानी नेता फजलुर रहमान ने कहा कि "हमें देश इस्लाम के नाम पर मिला था, लेकिन आज हम एक धर्मनिरपेक्ष राज्य बन गए हैं। 1973 के बाद से सीआईआई की एक भी सिफारिश लागू नहीं की गई है। हम एक इस्लामी देश कैसे हो सकते हैं?

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: April 30, 2024 21:24 IST
मौलाना फजुल रहमान, पाकिस्तान के मंत्री।- India TV Hindi
Image Source : ANI मौलाना फजुल रहमान, पाकिस्तान के मंत्री।

इस्लामाबादः पाकिस्तान के एक मंत्री ने भारत से तुलना करते वक्त अपने देश को ही आईना दिखा दिया है। पाकिस्तान के प्रमुख दक्षिणपंथी इस्लामिक नेता मौलाना फजलुर रहमान ने कथित तौर पर राजनीतिक व्यवस्था में धांधली के लिए अपने देश आलोचना की। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत सुपर पॉवर बन रहा है "...और हम भीख मांग रहे हैं"। पाकिस्तानी नेता की यह बयान तेजी से वायरल हो रहा है। फजलुर रहमान सोमवार को अपने पूर्व प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थन में सामने आ गए। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल को रैलियां आयोजित करने और यहां तक ​​कि सरकार बनाने का भी अधिकार है।

जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल (जेयूआई-एफ) के अपने गुट के प्रमुख रहमान ने नेशनल असेंबली में जोरदार भाषण दिया और कथित तौर पर राजनीतिक व्यवस्था में हेराफेरी करने के लिए शक्तिशाली प्रतिष्ठान की आलोचना की। उन्होंने कहा, ''रैली करना पीटीआई का अधिकार है।'' "हमने 2018 के चुनाव पर भी आपत्ति जताई थी और हमें इस (8 फरवरी के चुनाव) पर भी आपत्ति है। उन्होंने पूछा कि अगर 2018 के चुनाव में धांधली हुई थी, तो मौजूदा चुनाव में धांधली क्यों नहीं हुई? 

पीटीआई नेता की बात को बताया जायज

पीटीआई नेता असद क़ैसर ने रैली आयोजित करने के लिए पार्टी के अधिकार की मांग की थी। रहमान ने अपने भाषण में कहा, "असद क़ैसर की मांग सही है और रैली आयोजित करना पीटीआई का अधिकार है।" रहमान ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सत्तारूढ़ गठबंधन से आग्रह किया कि अगर संसद में बहुमत है तो पीटीआई को सरकार बनाने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा, "यह शक्ति छोड़ दो। आओ और यहां (विपक्षी बेंच पर) बैठो, और अगर पीटीआई वास्तव में बड़ा समूह है, तो उन्हें सरकार दे दो।" मौलवी ने तब चुनाव और देश चलाने में प्रतिष्ठान और नौकरशाही की भूमिका पर निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा, "इस देश को हासिल करने में सत्ता प्रतिष्ठान और नौकरशाही की कोई भूमिका नहीं थी।"

फरवरी में हुए चुनाव नहीं थे निष्पक्ष

फजलुर रहमान ने आरोप लगाया कि आठ फरवरी को हुए चुनाव निष्पक्ष नहीं, बल्कि त्रुटिपूर्ण थे। "यह कैसा चुनाव है जहां हारने वाले संतुष्ट नहीं हैं और जीतने वाले परेशान हैं?"उन्होंने पड़ोसी भारत के साथ समानताएं व्यक्त करते कहा, "जरा भारत और हमारी तुलना करें... दोनों देशों को एक ही दिन आजादी मिली थी, लेकिन आज वे (भारत) महाशक्ति बनने का सपना देख रहे हैं और हम दिवालिया होने से बचने के लिए भीख मांग रहे हैं।" उन्होंने कहा कि फैसले कोई और लेता है, लेकिन समस्याओं के लिए राजनेताओं को जिम्मेदार ठहराया जाता है। रहमान ने इस्लामिक सिद्धांतों को बनाए रखने के महत्व पर जोर देते हुए काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी (सीआईआई) की सिफारिशों को लागू करने में विफलता पर भी अफसोस जताया। (पीटीआई)

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