Monday, April 29, 2024
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"एक लाख करोड़ के पार पहुंचा आत्मनिर्भर भारत का रक्षा उत्पादन, मित्र देशों की सुरक्षा जरूरतें भी हो रही पूरी"

आत्मनिर्भरता के मंत्र को लेकर आगे बढ़ रहे भारत ने रक्षा उत्पादन क्षेत्र में बढ़ी छलांग लगाई है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत का रक्षा उत्पादन अब प्रतिवर्ष 1 लाख करोड़ रुपये के स्तर को पार कर गया है। साथ ही 16 हजार करोड़ से अधिक का निर्यात भी करने लगा है।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: June 16, 2023 18:03 IST
राजनाथ सिंह, रक्षामंत्री- India TV Hindi
Image Source : FILE राजनाथ सिंह, रक्षामंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आत्मनिर्भर भारत का मंत्र कमाल कर रहा है। अब रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा हिंदुस्तान अपने साथ ही साथ मित्र देशों की भी सुरक्षा जरूरतों को पूरी कर रहा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत का रक्षा उत्पादन अब प्रतिवर्ष 1 लाख करोड़ रुपये का आंकड़े को पार कर गया है। साथ ही 16 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात भी करने लगा है। इससे आत्मनिर्भर होते भारत की ताकत का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि पूर्ण आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में विचारधारा के इतर सभी पक्षों में हमेशा सहमति रही है और देश का रक्षा उद्योग मित्र देशों की सुरक्षा जरूरतों को भी पूरा कर रहा है।

एक सरकारी बयान में कहा गया है कि रक्षा मंत्री ने यहां ‘रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता’ विषय पर रक्षा मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक के दौरान, समिति में शामिल सांसदों को आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा उठाए गए कदमों और फैसलों के कारण अब तक हुई प्रगति से अवगत कराया गया। रक्षामंत्री ने देश की सुरक्षा बढ़ाने और विश्व स्तर पर उत्पन्न हो रहे विभिन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए सशस्त्र बलों को तकनीकी रूप से उन्नत बनाने की खातिर सरकार के निरंतर प्रयासों पर प्रकाश डाला। आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के लिए ‘‘मांग आश्वासन’’ को सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक बताते हुए सिंह ने कहा कि उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए कई निर्णय लिए गए हैं।

2023-24 में रक्षा पूंजी खरीद बजट का 75 फीसद होगा

रक्षामंत्री ने देशी रक्षा उद्योगों को और अधिक मजबूत करने का संकल्प दोहराया है। उन्होंने कहा कि इनमें पूंजी परिव्यय सहित रक्षा बजट में निरंतर वृद्धि, वित्त वर्ष 2023-24 में घरेलू उद्योग के लिए रक्षा पूंजी खरीद बजट का रिकॉर्ड 75 प्रतिशत निर्धारित करना और सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची जारी करना शामिल हैं। मंत्री ने जोर दिया कि सरकार के फैसले रंग लाने लगे हैं और आज देश पनडुब्बी, लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर और हथियारों का अपने देश में विनिर्माण कर रहा है। उन्होंने कहा कि रक्षा उद्योग के बढ़ने से न केवल घरेलू आवश्यकतायें पूरी हो रही हैं, बल्कि यह मित्र देशों की जरूरतों को भी पूरा कर रहा है । सिंह के हवाले से बयान में कहा गया है, ‘‘पिछले वित्तीय वर्ष में हमारा रक्षा उत्पादन एक लाख करोड़ रुपये को पार कर गया और निर्यात 16 हजार करोड़ तक पहुंच गया है।

देश का रक्षा उद्योग सही रास्ते पर

उक्त आंकड़े इस बात का साक्ष्य हैं कि रक्षा सेक्टर और देश सही रास्ते पर है।’’ रक्षा मंत्री ने इस तथ्य की सराहना की कि विचारधारा के इतर, आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में सभी पक्षों के साथ हमेशा सहमति रही है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम भारत को रक्षा आयातक की जगह रक्षा निर्यातक बनाना चाहते हैं तो हम लोगों को हर परिस्थिति में ‘देश सबसे पहले’ के विचार के साथ एकजुट होकर खड़े रहना चाहिये। तभी हम आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल हो सकते हैं ।

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