Monday, May 13, 2024
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ताईवानी विदेश मंत्री ने कहा-यूक्रेन से मिला है लड़ने का हौसला, चीन ने की गुस्ताखी तो देंगे मुंहतोड़ जवाब

चीन की बल पूर्वक कार्रवाई की मंशा को देखते हुए ताईवान ने ड्रैगन को अगाह किया है। ताईवान के विदेश मंत्री जौशीह जोसेफ वू ने कहा कि रूस भी यूक्रेन को हल्के में ले रहा था, लेकिन उसे मुश्किल हो रही है। वही हाल चीन का भी करेंगे। इसलिए चीन कुछ करने से पहले सोच-समझक कर कदम उठाए।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: June 26, 2023 19:37 IST
ताइवान के विदेश मंत्री जौशीह जोसेफ वू - India TV Hindi
Image Source : FILE ताइवान के विदेश मंत्री जौशीह जोसेफ वू

ताइवान के विदेश मंत्री जौशीह जोसेफ वू ने चीन को किसी भी तरह की बलपूर्वक कार्रवाई करने से पहले अगाह किया है। विदेशमंत्री ने कहा है कि यदि चीन ऐसा कोई भी कदम उठाता है तो ताइवान मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार है। जौशीह जोसेफ वू ने कहा कि ताइवान के खिलाफ चीन का खतरा जितना दिख रहा है उससे कहीं अधिक गंभीर है और बीजिंग द्वारा बलपूर्वक यथास्थिति बदलने के किसी भी प्रयास के दुनिया के लिए गंभीर परिणाम होंगे, जिसमें सेमीकंडक्टर की आपूर्ति बाधित होना भी शामिल है। ताइवान अपनी संप्रभुता की रक्षा को प्रतिबद्ध है।

एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूह के साथ बातचीत में वू ने कहा कि ताइवान को अपने देश की संप्रभुता की रक्षा के लिएरूसी हमले का सामना करने वाले यूक्रेन के "अविश्वसनीय दृढ़ संकल्प" से हौसला बढ़ गया है। चीन कहता रहा है कि ताइवान उसका हिस्सा है और उसे मुख्य भूमि के साथ फिर से एकीकृत किया जाना चाहिए और यदि इसके लिए जरूरी हुआ तो बल का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। चीन नियमित रूप से ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में लड़ाकू विमान भेज रहा है और स्व-शासित द्वीप के करीब युद्धपोत तैनात कर रहा है। ताइवान के विदेश मंत्री ने कहा कि समय आ गया है कि सभी लोकतांत्रिक देश चीन के विस्तारवादी एजेंडे और विशेषकर समुद्री क्षेत्र में उसकी सैन्य ताकत से निपटने के तरीके खोजें।

चीन का होगा रूस जैसा हाल

ताइवानी विदेश मंत्री वू ने कहा, ‘‘मुझे यकीन नहीं है कि चीन, यूक्रेनी युद्ध को उसी तरह से देख रहे हैं जिस तरह से अन्य देश इसे देख रहे हैं। दुनिया की सबसे बड़ी सेनाओं में से एक रूस को यूक्रेन पर आक्रमण में मुश्किलें आ रही हैं।’’ उन्होंने कहा, "बहुत से लोगों का अनुमान था कि युद्ध एक या दो सप्ताह में समाप्त हो जाएगा, लेकिन यह एक साल से अधिक समय तक खिंच गया और यह चीन के लिए एक अच्छा सबक है।" वू ने कहा कि चीनी नेतृत्व को ताइवान के खिलाफ "युद्ध शुरू करने की कठिनाइयों" को समझना चाहिए और चीन के जीतने की कोई गारंटी नहीं है। उन्होंने कहा, "अगर वे समझते हैं, तो उन्हें ताइवान के खिलाफ सैन्य धमकियों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।

चीन की किसी भी शत्रुता का असर सेमीकंडक्टर पर भी पड़ेगा

एक बात हम दुनिया को याद दिलाते रहते हैं कि कोई भी युद्ध, खासकर दुनिया के इस हिस्से में, दुनिया के बाकी हिस्सों पर असर डाल सकता है।" ताइवान के विदेश मंत्री ने आगाह किया कि ताइवान के खिलाफ चीन की किसी भी सैन्य शत्रुता का वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला, विशेषकर सेमीकंडक्टर, पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। भारत और दुनिया भर के देश ताइवान में उत्पादित सेमीकंडक्टर पर बहुत अधिक निर्भर हैं। वू ने कहा कि ताइवान दुनिया भर में आवश्यक 90 प्रतिशत उन्नत चिप्स की आपूर्ति करता है। उन्होंने कहा, "चीन, ताइवान के खिलाफ जिस भी युद्ध का इस्तेमाल करना चाहता है, उसका वैश्विक स्तर पर गंभीर प्रभाव पड़ने वाला है।

चीन को सभी देश कर रहे अगाह

हमें यह देखकर खुशी हो रही है कि प्रमुख अंतरराष्ट्रीय नेता चीन को यथास्थिति कायम रखने के लिए आगाह कर रहे हैं, खासकर बल प्रयोग से।" उन्होंने कहा, "हमने यूक्रेन के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन भी देखा और इसे मैं यूक्रेनियों के लिए अपनी स्वतंत्रता और संप्रभुता की लड़ाई की दृष्टि से महत्वपूर्ण समझता हूं।" ताइवान के विदेश मंत्री ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध ने असममित युद्ध के महत्व को उजागर किया है। उन्होंने कहा, "हम बहुत गंभीरता से सैन्य सुधार में भी लगे हुए हैं। उदाहरण के लिए, हम अपनी सेना को असममित युद्ध के लिए भी अनुकूलित करने की कोशिश कर रहे हैं। हम ऐसे युद्ध के लिए हथियार हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।" असममित युद्ध से तात्पर्य युद्ध के अपरंपरागत रूपों से है।

यूक्रेन में रूस कर रहा मानवाधिकारों का उल्लंघन

ताइवान जलसंधि, ताइवान को चीन से अलग करती है। ताइपे के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों को दर्शाते हुए अमेरिका नियमित रूप से इस क्षेत्र में अपने युद्धपोत भेजता है। वू ने यूक्रेन के खिलाफ रूसी आक्रामकता को ‘अकारण’ करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘यह मानवाधिकारों के सबसे बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ है। यह मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है। युद्ध अंतरराष्ट्रीय विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के मौलिक सिद्धांतों का भी घोर उल्लंघन है।" वू ने कहा कि ताइवान, यूक्रेन ही नहीं बल्कि पोलैंड, स्लोवाकिया और लिथुआनिया जैसे देशों में शरण ले रहे यूक्रेनवासियों को मानवीय सहायता भी प्रदान कर रहा है। (भाषा)

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