Sunday, May 05, 2024
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यूक्रेन युद्ध में जर्मनी के "लैपर्ड" के बाद कूदा अमेरिका का "अब्राम", बज गया वर्ल्ड वार-3 का अलार्म!

Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन युद्ध लगातार भीषण होता जा रहा है। करीब 11 महीने से चल रहा यह युद्ध अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सका है। जनवरी के आरंभ से ही रूस यूक्रेन पर दोबारा हावी होता जा रहा था। रूस का दावा था कि वह जल्द ही यूक्रेन को हरा देगा।

Dharmendra Kumar Mishra Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: January 27, 2023 15:07 IST
अब्राम टैंक (प्रतीकात्मक)- India TV Hindi
Image Source : FILE अब्राम टैंक (प्रतीकात्मक)

Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन युद्ध लगातार भीषण होता जा रहा है। करीब 11 महीने से चल रहा यह युद्ध अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सका है। जनवरी के आरंभ से ही रूस यूक्रेन पर दोबारा हावी होता जा रहा था। रूस का दावा था कि वह जल्द ही यूक्रेन को हरा देगा। इधर टैंकों और हथियारों की कमी से जूझते यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की का हौसला भी जवाब दे रहा था। वहीं पुतिन की सेना यूक्रेन के शहरों को घातक मिसाइलों और बम हमलों से खंडहर में बदलती जा रही थी। यूक्रेन के शहरों पर दोबारा रूस ने कब्जा करना शुरू कर दिया था। रूस को जीत की ओर बढ़ते देखकर अमेरिका और यूरोपीय देशों में हड़कंप मच गया।

इस बीच यूक्रेन टैंकों और हथियारों के लिए पश्चिमी देशों से गुहार लगाता रहा, लेकिन पुतिन की वार्निंग स्पष्ट थी कि जिसने भी यूक्रेन की मदद की, वह रूस का सबसे बड़ा दुश्मन होगा। लिहाजा यूक्रेन को लैपर्ड-2 टैंक देने का वादा करके भी जर्मनी हिचकिचा रहा था। इस बीच अमेरिका ने जब 2.5 अरब डॉलर का रक्षा पैकेज यूक्रेन को दिया तो जर्मनी पर लैपर्ड टैंक देने का दबाव फिर से बढ़ गया। आखिरकार जर्मनी को 14 लैपर्ड-2 टैंक देने के लिए राजी होना पड़ा। इसके बाद अमेरिका ने भी यूक्रेन को युद्ध में और मजबूत करने के लिए 30 अब्राम टैंक देना का ऐलान कर दिया है। इससे पुतिन की आंखों में आग के शोले भड़क उठे हैं।  इसके साथ ही वर्ल्ड वार-3 का अलार्म भी बज चुका है। अब परमाणु युद्ध छिड़ने की आशंका भी बढ़ गई है। बताया जा रहा है कि रूस न्यूक्लियर वार की तैयारियों को फिर से तेज कर रहा है।

कहर बरपाता है अब्राम

अमेरिका का अब्राम टैंक इतना घातक है कि यह दुश्मन पर कहर बरपाने के लिए जाना जाता है। इसमें 120 एमएम एक्सएम 256 स्मूथबोर गन लगी है, जो कई तरह के गोले फायर करने की क्षमता रखती है। इस गन से बख्तरबंद वाहनों, पैदल सेना और कम ऊंचाई पर उड़ने वाले विमानों को आसानी से निशाना बनाया जा सकता है। अब्राम टैंक की गणना दुनिया के सबसे घातक टैंकों में होती है। यूक्रेन को अब्राम टैंक देने की घोषणा के बाद से रूस भड़क उठा है। उसने नाटो और अमेरिका को तबाह करने की धमकी दे डाली है।

तेंदुए की रफ्तार से दौड़ सकता है लैपर्ड-2
अमेरिका के अब्राम टैंक की तरह जर्मनी का लैपर्ड-2 टैंक भी दुनिया के सबसे घातक टैंकों में शुमार है। इसमें भी 120 एमएम स्मूथबोर तोप लगी है। यह एंटी टैंक फायर, आइईडी ब्लास्ट और माइन विस्फोट को भी मात देकर दुश्मन के सीने पर चढ़ता जाता है। यह दुश्मनों की सेना, उनके बख्तरबंद वाहनों और कम ऊंचाई वाले विमानों को पल झपकते ही तबाह कर सकता है। यह टैंक 70 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड से दौड़ सकता है। तेंदुए जैसी स्पीड होने के चलते ही इस टैंक का नाम लैपर्ड-2 रखा गया है। जर्मनी यूक्रेन को 14 लैपर्डर-2 टैंक भेज रहा है। इससे यूक्रेनी सेना के हौसले बुलंद हो गए हैं।

जर्मनी और अमेरिका की मदद के बाद रूस ने तेज किए हमले
इधर जर्मनी और अमेरिका की ओर से यूक्रेन को टैंकों और हथियारों की मदद के ऐलान के बाद रूस ने एक साथ दर्जनों मिसाइलों से यूक्रेन पर कहर बरपा दिया है। रूसी सेना ने बृहस्पतिवार तड़के मिसाइल और ड्रोन हमलों के जरिये यूक्रेन के करीब दर्जन भर प्रांतों को निशाना बनाया, जिसमें करीब एक दर्जन लोगों के मारे जाने की खबर है। यूक्रेन की राज्य आपातकालीन सेवा के प्रवक्ता ऑलेक्जेंडर खोरुंझी ने यूक्रेनी टेलीविजन पर कहा कि हमलों में कम से कम 11 लोग घायल भी हुए हैं। कीव में भी एक व्यक्ति के मारे जाने की सूचना है। कीव के मेयर विटाली क्लिट्सको ने कहा कि हमलों के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई, जो नए साल की पूर्व संध्या के बाद से राजधानी में इस तरह की यह पहली मौत है। उन्होंने कहा कि रूसी हमले में दो अन्य लोग घायल हुए हैं। कीव शहर प्रशासन के प्रमुख सेरही पोपको ने कहा कि यूक्रेनी वायु सेना ने क्षेत्र में जा रही 15 मिसाइलों को नष्ट कर दिया। यूक्रेन के जेपोरीजिया प्रांत के अधिकारियों ने कहा कि एक ऊर्जा इकाई पर हुए हमले में तीन लोग मारे गए और 7 घायल हुए।

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