
मॉस्को: रूस ने ईरान पर इजरायल के हमले को अकारण किया गया अटैक बताया है। रूस ने हमलों की कड़ी निंदा करते हुए क्षेत्र में तनाव के खतरनाक ढंग से बढ़ने पर चिंता भी जताई है। इजरायल ने ईरान के परमाणु, मिसाइल और सैन्य परिसरों पर हमला किया है। इजरायल ने अपने इस सैन्य अभियान को ऑपरेशन राइजिंग लॉयन नाम दिया है। इस हमले में ईरान के प्रमुख सैन्य कमांडर और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए है।
रूसी विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
रूसी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘हम पश्चिम एशिया में तनाव के खतरनाक ढंग से बढ़ने पर बड़ी चिंता व्यक्त करते हैं। हम 13 जून की रात को संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करते हुए इजरायल की ओर से की गई सैन्य कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हैं।’’ उसने कहा है कि एक संप्रभु संयुक्त राष्ट्र सदस्य देश, उसके नागरिकों, शांतिपूर्ण शहरों और परमाणु ऊर्जा अवसंरचना सुविधाओं के खिलाफ "अकारण सैन्य हमले" अस्वीकार्य हैं। रूस ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ऐसे अत्याचारों के प्रति उदासीन नहीं रह सकता है जो शांति को नष्ट करते हैं और क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचाते हैं।
रूस ने किया संयम बरतने का आह्वान
रूसी विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘हमारा दृढ़ विश्वास है कि ईरान पर हमले की योजना बनाने और उसे अंजाम देने वाले लोग चाहे जो भी स्पष्टीकरण दें, ईरानी परमाणु कार्यक्रम के इर्द-गिर्द कोई भी समझौता सैन्य बल से नहीं हो सकता और इसे केवल शांतिपूर्ण, राजनीतिक और कूटनीतिक तरीकों से ही हासिल किया जा सकता है।’’ रूस ने सभी पक्षों से संयम बरतने का आह्वान किया है जिससे तनाव और ना बढ़े।
रूस रख रहा है करीबी नजर
क्रेमलिन ने कहा कि वह बदल रहे हालात पर करीब से नजर रख रहा है क्योंकि इजरायली वायु सेना के जेट विमानों ने ईरान में ठिकानों पर बमबारी की है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने संवाददाताओं से कहा,‘‘राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को रक्षा मंत्रालय, विदेशी खुफिया सेवा और विदेश मंत्रालय द्वारा लगातार जानकारी दी जा रही है, क्योंकि स्थिति बदल रही है।’’ रेडियो मायाक की रिपोर्ट के अनुसार रूसी नागरिक उड्डयन एजेंसी "रोसावियात्सिया" ने 23 जून तक इजरायल, ईरान और अमीरात के लिए उड़ानें निलंबित कर दी हैं। (भाषा)
यह भी पढ़ें: