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जंग से थक चुका यूक्रेन भारत की शरण में, इंडिया आ रहे यूक्रेनी विदेश मंत्री, संघर्ष विराम पर होगी बात!

दो साल से भी ज्यादा समय से चली आ रही रूस और यूक्रेन जंग से यूक्रेन थक चुका है। इसी बीच यूक्रेन के विदेश मंत्री भारत की यात्रा पर आ रहे हैं। यूक्रेन को भारत से बहुत उम्मीद है कि भारत इस जंग का कोई समाधान निकाल सकता है।

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published : Mar 20, 2024 12:21 IST, Updated : Mar 20, 2024 12:28 IST
जंग से थक चुका यूक्रेन भारत की शरण में- India TV Hindi
Image Source : FILE जंग से थक चुका यूक्रेन भारत की शरण में

Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन की जंग जारी है। यूक्रेन रूस पर लगातार पलटवार कर रहा है। लेकिन ताकतवर रूस इस जंग में इक्कीसा ही साबित हो रहा है। ताकतवर रूस से लगातार जंग के बीच यूक्रेन शांति चाहता है। इसी बीच जंग से घबराया यूक्रेन भारत की ओर आशा से भरी निगाहों से देख रहा है। यही कारण है कि यूक्रेनी विदेश मंत्री भारत की यात्रा पर आ रहे हैं। इस दौरान संघर्ष विराम पर चर्चा हो सकती है। 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा इस महीने के अंत में भारत यात्रा पर आ रहे हैं। उनकी यह यात्रा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के अपने यूक्रेन के टॉप ​अफसर एंड्री यरमक से फोन पर हुई बातचीत के कुछ दिनों बाद होने वाली है। यरमक ने डोभाल के साथ बातचीत में एक स्थायी और न्यायपूर्ण शांति के लिए संयुक्त योजना पर चर्चा की थी। उन्होंने इसके लिए सभी राजनयिक अवसरों के उपयोग करने पर जोर दिया था। 

लंबी जंग से थक चुका है यूक्रेन, जताया जा रहा अंदेशा

यह अंदेशा जताया जा रहा है कि दो साल से ज्यादा समय तक जंग लड़ने के कारण यूक्रेन थकचुका है। ऐसे में वह कूटनीतिक समाधान तलाशने के उपाय खोज रहा है। ऐसे में भारत को वह इस उम्मीद के साथ देख रहा है कि भारत जिस तरह दुनिया में तेजी से एक ताकत के रूप में उभरा है, वह इस जंग को रोकने में अहम भूमिका निभा सकता है।

जेलेंस्की ने पीएम मोदी से की थी मुलाकात

दोनों देशों के बीच युद्ध 24 फरवरी 2022 को शुरू हुआ था। रूस ने यूक्रेन पर जोरदार हमला किया था। इस जंग के कारण यूक्रेन में पढ़ाई करने वाले करीब 20 हजार भारतीय छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल G7 शिखर सम्मेलन के मौके पर हिरोशिमा में राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ मुलाकात की थी। तब पीएम मोदी ने दोनों देशों के बीच शांति के लिए संवाद और कूटनीति पर जोर दिया था। ऐसे में कुलेबा की भारत यात्रा पर विशेषज्ञों की उत्सुकता से नजर है।

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