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अमेरिका में पहली हिंदू सांसद तुलसी गेबार्ड राष्ट्रपति चुनाव लड़ेंगी

गेबार्ड भारत, अमेरिका संबंधों की समर्थक रही हैं। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी समर्थक हैं। उन्होंने पाकिस्तान को अमेरिका की आर्थिक मदद में कटौती की वकालत भी की थी।

Reported by: IANS
Published : Jan 12, 2019 11:14 am IST, Updated : Jan 12, 2019 11:14 am IST
अमेरिका में पहली हिंदू सांसद तुलसी गेबार्ड राष्ट्रपति चुनाव लड़ेंगी - India TV Hindi
अमेरिका में पहली हिंदू सांसद तुलसी गेबार्ड राष्ट्रपति चुनाव लड़ेंगी 

न्यूयॉर्क: अमेरिका में 2020 में राष्ट्रपति चुनाव में हिंदू सांसद तुलसी गेबार्ड अपनी किस्मत आजमाने जा रही हैं। अमेरिका की पहली हिंदू सांसद गेबार्ड (37) ने शुक्रवार को ऐलान किया कि वह अगले साल होने जा रहा राष्ट्रपति चुनाव लड़ेंगी। कई न्यूज रिपोर्टों के मुताबिक, भारतीय मूल की अमेरिकी कमला हैरिस (54) भी अगले सप्ताह डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से अपना उम्मीदवारी का ऐलान कर सकती हैं।

ऐसी अटकलें भी हैं कि संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी स्थाई प्रतिनिधि का पद छोड़ चुकी निकी हेली भी रिपब्लिकन पार्टी की ओर से इस दौड़ में शामिल होने की मंशा रखती हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने अगले साल राष्ट्रपति चुनाव में दोबारा इस पद पर चुनाव लड़ने की कोई मंशा जाहिर नहीं की है।

निकी हेली अमेरिकी कैबिनेट में शामिल होने वाली भारतीय मूल की पहली अमेरिकी नागरिक हैं। गेबर्ड भारतीय मूल की नहीं हैं लेकिन वह हिंदू परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उन्होंने हवाई से सीनेटर पद पर काबिज होने के बाद भगवद गीता पर हाथ रखकर शपथ ली थी। वह पहली बार 2011 में प्रतिनिधि सभा में चुनी गई थीं।

गेबार्ड ने सीएनएन को साक्षात्कार में बताया, "मैं राष्ट्रपति चुनाव लड़ने का फैसला किया है और मैं अगले सप्ताह इस बारे में औपचारिक ऐलान करूंगी।" गेबार्ड ने कहा, "यह फैसला करने के मेरे पास कई कारण हैं। अमेरिकी लोगों के समक्ष मौजूदा समय में कई चुनौतियां हैं और मैं इसे लेकर फ्रिकमंद हूं और मैं इसका समाधान करने में मदद करना चाहती हूं।"

उन्होंने आगे कहा, "मुख्य मुद्दा युद्ध और शांति का है। मैं इस पर काम करने को लेकर आशान्वित हूं और गहराई में जाकर इस पर बात करूंगी।" राजनीति में आने से पहले गेबार्ड अमेरिकी सेना की ओर से 12 महीने के लिए इराक में तैनात रह चुकी हैं।

सैन्य पृष्ठभूमि होने के बावजूद गेबार्ड ने सीरिया में अमेरिका की दखल का विरोध किया है। सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद से उनकी मुलाकात को लेकर उन्हें खासी आलोचना भी सहनी पड़ी। गेबार्ड भारत, अमेरिका संबंधों की समर्थक रही हैं। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी समर्थक हैं। उन्होंने पाकिस्तान को अमेरिका की आर्थिक मदद में कटौती की वकालत भी की थी।

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