संयुक्त राष्ट्र ने एक बार फिर भारत की कार्यशैली की जमकर सराहना की है। यूएन महासभा के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने कहा कि भारत बहुपक्षवाद का समर्थक है और वह दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। इसलिए उसका भविष्य उज्जवल है।
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट का कहना है कि ईरान ने अपने समृद्ध यूरेनियम भंडार को हथियार-ग्रेड स्तर के करीब तक बढ़ा लिया है। जानकारी के मुताबिक, ईरान हथियार बनाने से बस छोटे से तकनीकी कदम की दूरी पर है।
संयुक्त राष्ट्र के सहायता कर्मियों को कई बार प्रतिकूल माहौल में काम करना पड़ता है और इसमें उनकी जान भी जाती है। संयुक्त राष्ट्र ने इसी को लेकर एक आंकड़ा जारी किया है जो बेहद चौंकाने वाला है।
बांग्लादेश में हुई हिंसा के दौरान प्रदर्शनकारियों की हत्या के मामले में संयुक्त राष्ट्र ने बड़ी पहल की है। संयुक्त राष्ट्र की एक टीम जांच के लिए बांग्लादेश का दौरा करेगी।
संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में चौंकाने वाला दावा किया गया है। इसमें बताया गया कि आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड द लेवेंट खुरासान भारत से ऐसे लोगों की भर्ती करना चाहता है जो अकेले घटनाओं को अंजाम दे सकें।
पाकिस्तानी सेना के जवान इन दिनों एलओसी के पास पठानी सूट में दिखाई दे रहे हैं। इसके पीछे पाकिस्तानी सेना की सोची-समझी साजिश है। दरअसल पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र में विक्टिम कार्ड खेलने की तैयारी में जुटा हुआ है।
भारत के प्रसिद्ध रामकथा मर्मज्ञ मोरारी बापू संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम के जीवन चरित को सुनाने के लिए न्यूयार्क पहुंच चुके हैं। यह पहला मौका होगा जब मोरारी बापू युनाईटेड नेशन्स में रामकथा के प्रसंग सुनाएंगे।
यूनाइटेड नेशन की शीर्ष अदालत ने इजराइल को लेकर बड़ी बात कही है। अदालत ने कहा है कि फलस्तीनी कब्जे वाले क्षेत्रों में इजराइल की मौजूदगी गैरकानूनी है, इसे समाप्त किया जाना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र में नीति आयोग ने वैश्विक समस्याओं के समाधान में भारत को कुंजी की तरह काम करने वाला देश बताया है। क्योंकि भारत विभिन्न क्षेत्रों में समस्याओं के समाधान में अहम रोल निभा रहा है। नीति आयोग ने पीएम मोदी के दृष्टिकोण वाले नये भारत को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय सत्र को संबोधित कर सकते हैं। इससे पहले पीएम मोदी ने 2021 में वार्षिक उच्च स्तरीय यूएनजीए सत्र को संबोधित किया था।
पीएम नरेंद्र मोदी इस साल न्यूयॉर्क में होने वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा की उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित कर सकते हैं। बता दें कि यह कार्यक्रम सितंबर महीने में आयोजित किया जाएगा। सोमवार को जारी कार्यक्रम के मुताबिक पीएम मोदी का भाषण 26 सितंबर की दोपहर के सत्र में होगा।
भारत सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (UNRWA) को 2.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर की पहली किश्त जारी की है।
भारत ने फलीस्तीन समस्या के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन किया है। भारत ने फिर कहा है कि वार्ता के माध्यम से समस्या को हल किया जाना चाहिए।
यूएन महासचिव ने कहा कि जब हमने सोचा कि गाजा में स्थिति इससे बदतर नहीं हो सकती, तब भयावह रूप से नागरिकों को नरक के और भी गहरे घेरे में धकेला जा रहा है। गुटरेस ने कहा कि गाजा शहर में इजरायल के नवीनतम निकासी आदेश से नागरिकों को अधिक पीड़ा और रक्तपात का सामना करना पड़ा है।
जनसंख्या के मामले में भारत ने चीन को पहले ही पीछे छोड़ दिया है। अब जनसंख्या को लेकर संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट में सदी के अंत तक भारत की जनसंख्या को लेकर दिलचस्प आंकड़े दिए गए हैं।
संयुक्त राष्ट्र और अफगानिस्तान के तालिबान प्रशासन के प्रतिनिधियों के बीच कतर में मीटिंग हुई। इसे लेकर संयुक्त राष्ट्र की तरफ से साफ कह दिया गया है कि मीटिंग का मतलब तालिबान सरकार को मान्यता देना नहीं है।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को जेल से रिहा कराने के लिए संयुक्त राष्ट्र का एक समूह आगे आया है। संयुक्त राष्ट्र के समूह ने कहा है कि इमरान खान को मनमाने तरीके से जेल में कैद किया गया है।
दुनिया के 7 अरब लोगों का जीवन बेहतर बनाने के लक्ष्य को 2030 तक भी पूरा नहीं किया जा सकेगा। इसके लिए संयुक्त राष्ट्र ने जितने लक्ष्य रखे थे, उनमें से केवल 17 फीसद तक कार्य हो पाने की संभावना है। इसे लेकर यूएन ने गहरी चिंता जाहिर की है।
संयुक्त राष्ट्र अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों पर चलाए जा रहे तालिबानी हंटर पर बेहद खफा हो गया है। संयुक्त राष्ट्र ने अब तालिबान को सबक सिखाने के लिए ठान लिया है। यूएन ने कह दिया है कि ऐसी स्थिति में तालिबान को सरकार के तौर पर मान्यता नहीं दी जा सकती।
ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका और उसके प्रमुख यूरोपीय सहयोगियों ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। अमेरिका ने कहा है कि वह ईरान को परमाणु-सशस्त्र बनाने से रोकने के लिए सभी साधनों का उपयोग करने के लिए तैयार है।
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