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हार्वर्ड ने ट्रंप पर दायर किया मुकदमा, विदेशों छात्रों के एडमिशन को लेकर राष्ट्रपति ने लगाया था बैन

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर मुकदमा दायर कर दिया है। यह मुकदमा विदेशों छात्रों के एडमिशन को लेकर बैन लगाने के उस आदेश के बाद किया है, जो ट्रंप प्रशासन ने बीते दिन हार्वर्ड पर लगाया है।

Written By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published : May 23, 2025 19:22 IST, Updated : May 23, 2025 19:24 IST
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी
Image Source : AP हार्वर्ड यूनिवर्सिटी

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने ट्रंप के विदेशों छात्रों के एडमिशन को लेकर लगाए गए बैन को बोस्टन कोर्ट में चुनौती दी है और इसे व्हाइट हाउस की राजनीतिक मांगों की अवेहलना करने के लिए असंवैधानिक प्रतिशोध कहा है। हार्वर्ड ने कहा कि ट्रंप प्रशासन की यह कार्रवाई प्रथम संशोधन का उल्लंघन करती है और इसका 'हार्वर्ड और 7000 से अधिक विदेशी छात्रों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।'

मुकदमे में क्या कहा गया?

हार्वर्ड ने अपने मुकदमे में कहा, अमेरिका की सरकार ने एक झटके से यूनिवर्सिटी के एक चौथाई विदेशी छात्र-छात्राओं को मिटाने की कोशिश की है, जो हमारे यूनिवर्सिटी मिशन में महत्वपूर्व योगदान देते हैं। आगे कहा कि वह होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट को यह कदम उठाने से रोकने के लिए एक अस्थायी निरोधक आदेश दायर करने की योजना बना रही है।

छात्रों में फैली अव्यवस्था

आगे मुकदमे में कहा कि इस कदम से ग्रेजुएट होने से कुछ दिन पहले ही परिसर में छात्रों के बीच परेशानी बढ़ गई है। प्रैक्टिकल क्लास लेने वाले, सिलेबस पढ़ाने वाले, प्रोफेसरों के सहायता करने वाले और हॉर्वर्ड के स्पोर्ट्स में भाग लेने वाले इंटरनेशनल स्टूडेट्स को इस फैसले के बाद यह तय करना है कि वे यूनिवर्सिटी से चले जाएं ले या देश में रहकर कानून प्रक्रिया का जोखिम उठाएं।

किन पर दिख रहा ज्यादा असर?

ट्रंप प्रशासन के फैसले का प्रभाव हार्वर्ड कैनेडी जैसे ग्रेजुएट स्कूलों पर सबसे ज्यादा दिख रहा है, यहां करीबन आधे से ज्यादा छात्र विदेशी मूल के हैं और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में करीब एक तिहाई विदेशी छात्र पढ़ रहे हैं।

यूनिवर्सिटी को बड़ा नुकसान

हार्वर्ड ने कहा कि यह यूनिवर्सिटी को बड़े नुकसान में डाल रहा है, क्योंकि दुनिया के टॉपर स्टूडेंट यहां पढ़ते हैं। भविष्य में विदेशा मूल के छात्र यूनिवर्सिटी में आवेदन करने से पहले सोचेंगे क्योंकि सरकार हमसे बदला ले रही है। आगे हार्वर्ड ने कहा कि अगर सरकार की कार्रवाई जारी रहेगी तो उसे कम से कम 2 एकेडमिक सालों तक नए इंटरनेशनल छात्रों को एडमिशन देने से वंचित होना पड़ेगा।

जानकारी दे दें कि हार्वर्ड कैम्ब्रिज, मैसाचुसेट्स में अपने परिसर में लगभग 6,800 विदेशी छात्रों को दाखिला देता है। इनमें से ज़्यादातर स्नातक छात्र हैं और वे 100 से ज़्यादा देशों से आते हैं।

विभाग ने क्या लगाए आरोप?

बता दें कि अमेरिकी सरकार ने हार्वर्ड पर यह आरोप लगाते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी में एंटी अमेरिकन और प्रो टेरेरिस्ट्स समर्थक आंदोलनकारियों को तैयार किया जाता है, जो यहूदी छात्रों पर हमला करते हैं। इसके अलावा, विभाग ने हार्वर्ड पर चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के साथ कोआर्डिनेट करने का आरोप लगाया, जिसमें कहा कि स्कूल ने 2024 तक चीन के पैरामिलिट्री के मेंबर की मेजबानी की और उन्हें ट्रेनिंग दी।

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