Thursday, July 17, 2025
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जबरन क्रेडिट लेकर नोबेल पाने को बेताब हैं ट्रंप, फिर बोले-मैंने रोकवाया भारत-पाक युद्ध; लेकिन मुझे नहीं मिलेगा प्राइज

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिर एक बार भारत-पाकिस्तान युद्ध रोकवाने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद मुझे शांति का नोबेल पुरस्कार नहीं मिलेगा। ट्रंप के बार-बार किए जा रहे इस दावे और पुरस्कार पाने की चाह से साफ हो गया है कि वह नोबेल के लिए ही जबरन क्रेडिट लेने के प्रयास में हैं।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Jun 21, 2025 10:27 IST, Updated : Jun 21, 2025 10:35 IST
डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिका के राष्ट्रपति।
Image Source : AP डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिका के राष्ट्रपति।

न्यूयॉर्क/वाशिंगटन: अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से भारत-पाकिस्तान युद्ध रोकवाने का दावा किया है। इस बार उन्होंने कहा कि मैंने भारत-पाक युद्ध रोकवाया, लेकिन मुझे शांति का नोबेल पुरस्कार नहीं मिलेगा। ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि चाहे वह कितने भी अंतरराष्ट्रीय संघर्षों को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने की कोशिश क्यों न कर लें, फिर भी उन्हें नोबेल पुरस्कार नहीं मिलेगा।

नोबेल के लिए ट्रंप जबरन ले रहे क्रेडिट

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया मंच ‘ट्रुथ सोशल’ पर एक पोस्ट साझा करते हुए कहा, "मैं चाहे कुछ भी करूं, मुझे नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा।" इससे साफ जाहिर हो रहा है कि भारत-पाकिस्तान युद्ध रोकवाने का जबरन क्रेडिट ट्रंप बार-बार क्यों लेना चाह रहे हैं। राष्ट्रपति ट्रंप को नोबेल पुरस्कार हासिल करने की बेताबी है। 

रवांडा और कांगो के बीच भी किया समझौते के करीब होने का दावा

ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी सीनेटर मार्को रुबियो के साथ मिलकर कांगो और रवांडा के बीच दशकों से चले आ रहे हिंसक संघर्ष को समाप्त करने के लिए एक “अद्भुत” शांति समझौते पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह संघर्ष अत्यधिक रक्तपात और मौतों के लिए जाना जाता है, और इसमें अब एक समाधान निकट है। उनके अनुसार, रवांडा और कांगो के प्रतिनिधि सोमवार को वाशिंगटन में समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। ट्रंप ने इस उपलब्धि को "अफ्रीका और पूरी दुनिया के लिए एक महान दिन" बताया, लेकिन यहां भी उन्होंने दोहराया कि इसके बावजूद उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा।

इन देशों के बीच भी युद्ध रोकवाने का दावा

ट्रंप ने सिर्फ भारत-पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि कई और देशों के बीच युद्ध रोकवाने का दावा किया है। ताकि उन्हें नोबेल के लिए नामित किया जा सके। उन्होंने कहा, "मुझे भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रोकने के लिए नोबेल पुरस्कार नहीं मिलेगा। मुझे सर्बिया और कोसोवो, मिस्र और इथियोपिया, या रूस-यूक्रेन और इजराइल-ईरान जैसे संघर्षों में शांति की दिशा में किए प्रयासों के लिए भी यह पुरस्कार नहीं मिलेगा।" 

पश्चिम एशिया के एकजुट होने का दावा

ट्रंप ने यह भी कहा कि अब्राहम समझौता पश्चिम एशिया में कई अरब देशों और इजराइल के बीच ऐतिहासिक संबंधों की बहाली का प्रयास है, उसकी सफलता के बावजूद भी उन्हें कोई अंतरराष्ट्रीय मान्यता नहीं मिलेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस समझौते में और देश शामिल होंगे, जिससे "युगों में पहली बार पश्चिम एशिया एकजुट हो सकता है।" गौरतलब है कि ट्रंप पहले भी दावा कर चुके हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता कर युद्ध टालने में भूमिका निभाई थी, हालांकि भारत सरकार ने इस दावे को खारिज करते हुए स्पष्ट किया है कि संघर्ष विराम की सहमति भारत और पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों के बीच प्रत्यक्ष बातचीत से बनी थी।

पाकिस्तान ने किया है ट्रंप को नोबेल के लिए समर्थन

डोनाल्ड ट्रंप के साथ वाशिंगटन में पाक आर्मी चीफ के लंच के बाद पाकिस्तान ऐसा पहला देश बन गया है, जिसने अमेरिकी राष्ट्रपति को नोबेल पुरस्कार मिलने का समर्थन किया है। लंच के बदले नोबेल पुरस्कार के लिए पाकिस्तान का ट्रंप को समर्थन देना अजीबोगरीब मामला बन गया है।  (भाषा)

 

 

 

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