Saturday, April 20, 2024
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Bihar ByElection: कुढनी सीट पर सोमवार को मतदान, सभी सेंटर्स पर अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती

बिहार विधानसभा की कुढनी सीट पर हो रहे उपचुनाव के आलोक में सभी मतदान केंद्रों पर अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की गयी है और प्रशासनिक स्तर पर निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान के लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली गयी है।

Pankaj Yadav Edited By: Pankaj Yadav @ThePankajY
Published on: December 05, 2022 0:04 IST
320 मतदान केंद्रों पर अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की गयी है।- India TV Hindi
Image Source : ANI 320 मतदान केंद्रों पर अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की गयी है।

बिहार विधानसभा की कुढनी सीट पर हो रहे उपचुनाव के आलोक में सभी मतदान केंद्रों पर अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की गयी है और प्रशासनिक स्तर पर निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान के लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली गयी है। इस सीट पर सोमवार को मतदान होगा । मुजफ्फरपुर जिला निर्वाचन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार को सुबह सात बजे से मतदान प्रारंभ हो जाएगा जो शाम 6 बजे तक जारी रहेगा । निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और सुचारू रूप से मतदान संपन्न कराए जाने के लिए सभी 320 मतदान केंद्रों पर अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की गयी है और पर्याप्त संख्या में ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की व्यवस्था की गयी है। 

13 उम्मीदवारों के भविष्य पर सवाल

कुढ़नी सीट के इस उपचुनाव में कुल मिलाकर 13 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं जिनमें पांच निर्दलीय प्रत्याशी हैं जिनके भाग्य का फैसला 311003 मतदाता सोमवार को अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर करेंगे। राजद के स्थानीय विधायक अनिल सहनी की अयोग्यता के बाद इस सीट पर उपचुनाव कराया जा रहा है । सहनी को धोखाधड़ी के एक मामले में सीबीआई की जांच में दोषी ठहराया गया था, और तीन साल के जेल की सजा सुनाई गई थी। इस उपचुनाव में मुख्य रूप से प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू और विपक्षी दल भाजपा करीब चार महीने पहले एक-दूसरे से अलग होने के बाद पहली बार आमने-सामने हैं। 

पिछली बार राजद का उम्मीदवार जीता था

बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल सबसे बडी पार्टी राजद ने यह सीट अपनी सहयोगी जदयू के लिए छोड़ दी थी। राजद के राजनीतिक उत्तराधिकारी माने जाने वाले उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अपनी सहयोगी पार्टी के पक्ष में चार रैलियां की और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ मंच साझा किया। इस सीट पर मुख्य रूप से मुकाबला जदयू के मनोज सिंह कुशवाहा और भाजपा के केदार गुप्ता के बीच है। 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के गुप्ता को राजद के अनिल कुमार सहनी से 700 से अधिक मतों से हार का सामना करना पड़ा था। 

इस बार इन लोगों को दिया गया मौका

इस सीट से दो छोटे दलों विकास इंसान पार्टी (वीआईपी) और ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने भी भाजपा और जदयू के खिलाफ अपने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारे हैं। वीआईपी ने जहां नीलाभ कुमार को मैदान में उतारा है वहीं एआईएमआईएम ने ऑल इंडिया मोमिन कॉन्फ्रेंस के पूर्व सदस्य मोहम्मद गुलाम मुर्तजा पर भरोसा जताया है। मछुवारा समाज के अपने पक्ष में होने का दावा करने वाली वीआईपी ने कुढनी में हालांकि एक उच्च जाति भूमिहार समुदाय से आने वाले नीलाभ कुमार को चुनावी मैदान में उतारकर एक स्पष्ट संकेत देने की कोशिश की है कि वह भाजपा को परेशान करना चाहती है। 

8 दिसंबर को होगा फैसला

वहीं उच्च जाति समर्थक पार्टी माने जाने वाली भाजपा ने वीआईपी से मिल रही चुनौती के मद्देनजर भूमिहार समुदाय से आने वाले अपने दल के सभी प्रमुख चेहरों को कुढ़नी में प्रचार के दौरान लगाया था। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान उनके विद्रोही चाचा तथा केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने भी भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार किया था। कुढनी विधानसभा सीट पर पांच दिसंबर को मतदान होना है और चुनाव परिणाम आठ दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। 

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