Friday, May 03, 2024
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प्रशांत किशोर का नीतीश कुमार पर बड़ा हमला, कहा- 'इनकी जिद के कारण ही बिहार में आई त्रासदी, राज्य में ख़त्म हो शराबबंदी'

प्रशांत किशोर ने दावा किया कि शराब बिहार में हर जगह उपलब्ध है। उन्होंने कहा' "नीतीश कुमार के साथ रहने वाले अधिकारी भी घर में शराब पीते थे। मैं 2 सालों तक उनके साथ रहा था, इसलिए मुझे उइंके बारे में सबकुछ मालूम है।"

Sudhanshu Gaur Edited By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Updated on: December 16, 2022 9:15 IST
प्रशांत किशोर- India TV Hindi
Image Source : FILE प्रशांत किशोर

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार में शराबबंदी कानून को 48 घंटे के भीतर वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जिद के कारण ही शराब त्रासदी हो रही है। उन्होंने कहा- बिहार में शराबबंदी को लागू करना पूरी तरह से विफल रहा है। यह बिहार में हर जगह उपलब्ध है। यहां तक कि नीतीश कुमार के साथ रहने वाले अधिकारी भी घर में शराब पीते थे। मैं दो साल मुख्यमंत्री के सरकारी आवास में रहा और मैं उनकी गतिविधियों को जानता हूं।

मैंने किया था शराबबंदी का विरोध- प्रशांत किशोर 

प्रशांत किशोर ने कहा, "जब बिहार सरकार ने शराब पर प्रतिबंध लगाया था, तो मैंने पहली बार इसका विरोध किया था। यह हास्यास्पद है जब नीतीश कुमार जिलाधिकारियों से शराब न पीने की शपथ लेने और नियमों को लागू करने और शराबबंदी के उल्लंघनकतार्ओं के आरोपियों को उनके जिलों में गिरफ्तार करने के लिए कहते हैं। यह सिर्फ नीतीश कुमार की हताशा है। वह नहीं जानते कि इस मौके पर क्या किया जाए।

प्रशांत किशोर

Image Source : FILE
प्रशांत किशोर

'बीजेपी और RJD को सवाल उठाने का कोई हक नहीं' 

बीजेपी द्वारा विधानसभा में इस मुद्दे को उठाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए किशोर ने कहा, जब सुशील कुमार मोदी बिहार के उपमुख्यमंत्री थे, तब शराबबंदी लागू की गई थी। बीजेपी ने उस वक्त कानून का समर्थन किया था। फिर बीजेपी सवाल क्यों पूछती है? इसी तरह जब राजद विपक्ष में था तो उसके नेता इस बात को उठा रहे थे। वे नीतीश कुमार से सवाल क्यों नहीं पूछ रहे? भाजपा और राजद का एक ही स्टैंड है। जब वे सत्ता में होते हैं तो इस मुद्दे पर चुप रहते हैं और जब विपक्ष में होते हैं तो राज्य सरकार पर सवालिया निशान लगाते हैं।

'शराब बंदी समाज के हित में नहीं'

उन्होंने कहा- शराब बंदी समाज के हित में नहीं है और यह राज्य की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित कर रही है। राज्य सरकार को एक योजना के साथ आना चाहिए और शराब पर प्रतिबंध को हटाना चाहिए। जो लोग शराब पीना चाहते हैं उन्हें घर पर या विशिष्ट स्थानों पर अनुमति दें। संवेदनशील स्थानों की पहचान करें और वहां शराब की दुकानों के लिए लाइसेंस देने से बचें।

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