Friday, November 07, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. बिहार
  3. क्या बिहार चुनाव में किंगमेकर बनेगी ओवैसी की पार्टी? 100 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी

क्या बिहार चुनाव में किंगमेकर बनेगी ओवैसी की पार्टी? 100 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी

पार्टी ने विधानसभा की 100 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का ऐलान कर सियासी गलियारों में एक नई हलचल पैदा कर दी है। इसे एक तरह से तीसरे मोर्चे की सुगबुगाहट माना जा रहा है।

Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Published : Oct 12, 2025 11:18 am IST, Updated : Oct 12, 2025 11:49 am IST
Owaisi- India TV Hindi
Image Source : PTI असदुद्दीन ओवैसी

पटना: जैसे-जेसै दिन बीत रहे हैं बिहार विधानसभा चुनाव दिलचस्प होता जा रहा है। एनडीए और महागठबंधन के अंदरखाने सभी दल ज्यादा से ज्यादा सीटें पाने की चाह में माथापच्ची कर रहे हैं। इस बीच ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने उन 32 सीटों का ऐलान किया है जिनपर पार्टी अपने उम्मीदवार उतारने जा रही है। इतना ही नहीं पार्टी ने विधानसभा की 100 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का ऐलान कर सियासी गलियारों में एक नई हलचल पैदा कर दी है। इसे एक तरह से तीसरे मोर्चे की सुगबुगाहट माना जा रहा है। 

नई मित्रता करने के लिए उत्सुक

हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने हाल के दिनों में सीमांचल का व्यापक दौरा किया है, जिसे पार्टी का पारंपरिक गढ़ माना जाता है। उन्होंने वहां कई जनसभाएं कीं और कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर उनसे नए राजनीतिक समीकरण पर बात की।  किशनगंज में पत्रकारों से बातचीत में ओवैसी ने कहा था, ‘‘मैं बिहार में कई साथियों से मिलने और नई मित्रता करने के लिए उत्सुक हूं। राज्य की जनता को एक नया विकल्प चाहिए और हम वही बनने की कोशिश कर रहे हैं।’’

सीमांचल मुस्लिम बहुल आबादी वाला इलाका

उल्लेखनीय है कि सीमांचल बिहार के पूर्वोत्तर हिस्से को कहा जाता है। इसमें चार जिले कटिहार,किशनगंज, अररिया और पूर्णिया शामिल है। यह क्षेत्र मुस्लिम बहुल आबादी, गरीबी और विकास की कमी जैसे मुद्दों के कारण लंबे समय से राजनीतिक दलों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। एआईएमआईएम ने 2015 में पहली बार बिहार विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाई थी। पार्टी ने सीमांचल की छह सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन उसे कोई सफलता नहीं मिली। हालांकि, किशनगंज के कोचाधामन विधानसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार और मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान को करीब 37 हजार वोट मिले थे, जो कुल मतों का लगभग 26 प्रतिशत था। 

2020 में ओवैसी की पार्टी को मिली थी 5 सीटें

वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 20 सीटों पर उम्मीदवार उतारकर राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन किया। इस चुनाव में एआईएमआईएम ने सीमांचल की पांच सीटों - अमौर, बहादुरगंज, बायसी, कोचाधामन और जोकीहाट पर जीत हासिल की थी। विजयी उम्मीदवारों में अमौर से अख्तरुल ईमान, बहादुरगंज से मोहम्मद अंजार नइमी, बायसी से सैयद रुकनुद्दीन, कोचाधामन से इजहार असर्फी और जोकीहाट से शाहनवाज आलम शामिल थे। हालांकि, 2022 में पार्टी को बड़ा झटका तब लगा जब अख्तरुल ईमान को छोड़कर बाकी चारों विधायक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में शामिल हो गए। 

2020 के चुनाव में पार्टी ने 16 मुस्लिम और चार गैर-मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिया था। पांच मुस्लिम उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी। लेकिन, पार्टी के गैर-मुस्लिम उम्मीदवारों को सफलता नहीं मिली और वोट भी कम मिले। इसमें मनिहारी सीट पर गोरेटी मुर्मू को 2475, बरारी से राकेश रोशन को 6598, फुलवारी शरीफ से कुमारी प्रतिभा को 5019 और रानीगंज से रौशन देवी को मात्र 2412 वोट ही मिले थे।

कई दलों से गठबंधन की बातचीत

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि असदुद्दीन ओवैसी अब सिर्फ सीमांचल की राजनीति तक सीमित नहीं रहना चाहते। वे कई दलों से गठबंधन की बातचीत कर रहे हैं। जहां मुस्लिम मतदाता निर्णायक हैं, वहां महागठबंधन को मुश्किल हो सकती है, जबकि जहां पिछड़ी जातियों की भूमिका अहम है, वहां राजग को चुनौती मिल सकती है। बिहार में मुसलमानों की आबादी 17.7 प्रतिशत से अधिक है और राज्य की 47 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। इनमें 11 सीटों पर मुस्लिम आबादी 40 प्रतिशत से अधिक, सात सीटों पर 30 प्रतिशत से अधिक और 29 सीटों पर 20 से 30 प्रतिशत के बीच है। इसमें से अधिकतर सीट सीमांचल में ही हैं। 

तीसरा विकल्प पेश करने की कोशिश

एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने कहा, “हम बिहार चुनाव में तीसरा विकल्प पेश करने की कोशिश में लगे हैं। हमारी योजना 100 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की है। हमने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद और महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव को पत्र लिखकर महागठबंधन में एआईएमआईएम के लिए कुछ सीट की मांग की थी, लेकिन उन्होंने कोई रुचि नहीं दिखाई। चुनाव में जनता इसका जवाब देगी।” उन्होंने कहा कि पार्टी इस बार सामाजिक न्याय और अल्पसंख्यक अधिकारों के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी तथा ‘‘हम राजग और महागठबंधन दोनों को अपनी ताकत दिखाएंगे।’’ बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान छह नवंबर और दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होगा। मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी। (इनपुट-भाषा)

Google पर इंडिया टीवी को अपना पसंदीदा न्यूज सोर्स बनाने के लिए यहां
क्लिक करें

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें बिहार सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement