Friday, March 29, 2024
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हाई कोर्ट ने महरौली में बुलडोजर की कार्रवाई पर दिल्ली सरकार, DDA का जवाब मांगा

अधिकारियों ने अतिक्रमण रोधी अभियान के तहत महरौली पुरातत्व पार्क में करीब 20 बहुमंजिला भवन, बड़ी संख्या में दुकानों और मकान तथा एक निजी स्कूल भवन की पहचान अवैध ढांचों के रूप में की है।

India TV News Desk Edited By: India TV News Desk
Updated on: February 14, 2023 22:11 IST
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Image Source : PTI महरौली में एक इमारत पर चलता बुलडोजर।

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने एक नई ‘सीमांकन रिपोर्ट’ तैयार किये जाने तक शहर के दक्षिणी हिस्से में स्थित महरौली पुरातत्व पार्क में मकानों और दुकानों को ढहाये जाने पर रोक लगाने की मांग करने वाली एक याचिका पर मंगलवार को दिल्ली सरकार और दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) से जवाब मांगा। जस्टिस मिनी पुष्कर्णा ने महरौली माइनॉरीटीज रेजीडेंट एंड शॉप ओनर्स वेलफेयर की याचिका पर नोटिस जारी किया और साथ ही निर्देश दिया कि विषय को चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष रखा जाए, जहां इसी तरह का एक विषय पहले से लंबित है।

LG ने तोड़फोड़ पर रोक लगाई

इस बीच दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने महरौली और लाडो सराय में डीडीए द्वारा जारी अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई पर अगले आदेश तक रोक लगा दिया है। जाहिर तौर पर उपराज्यपाल के इस आदेश के बाद उन लोगों ने राहत की सांस ली होगी जिनके घरों और दुकानों पर आने वाले दिनों में कार्रवाई होने वाली थी। बता दें कि इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने तोड़फोड़ कार्रवाई में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था।

कई इमारतें कार्रवाई की जद में
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, ‘नोटिस जारी किया जाए। खंडपीठ-1 के समक्ष इसी तरह के मुद्दे लंबित रहने की दलीलों और तथ्यों पर विचार करते हुए यह विषय इसी खंडपीठ के समक्ष रखा जाए। इसे खंडपीठ-1 के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए, जो 17 फरवरी को चीफ जस्टिस के आदेश पर निर्भर करेगा।’ बता दें कि अधिकारियों ने अतिक्रमण रोधी अभियान के तहत महरौली पुरातत्व पार्क में करीब 20 बहुमंजिला भवन, बड़ी संख्या में दुकानों और मकान तथा एक निजी स्कूल भवन की पहचान ऐसे ढांचे के रूप में की है जो पिछले कुछ दशकों में अवैध रूप से निर्मित किये गये हैं।

लोग लगातार कर रहे हैं विरोध
अधिकारियों ने इन ढांचों को ढहाये जाने पर रोक लगाने के लिए कुछ पक्षकारों द्वारा अदालत का रुख किए जाने के बाद कहा कि केवल उन ढांचों को हटाया जाएगा जो किसी वाद का हिस्सा नहीं हैं। इस पार्क में G-20 की एक प्रस्तावित बैठक से एक महीने पहले बीते शुक्रवार को यह अभियान शुरू किया गया था। DDA के मुताबिक, इस पुराने पार्क में करीब 55 स्मारक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, राज्य पुरातत्व विभाग और शहरी निकाय के संरक्षण के तहत हैं। कार्रवाई के विरोध में महरौली के लोगों का कहना है कि जिस प्रॉपर्टी पर वे टैक्स देते आए हैं उसे भी अवैध बताकर ढहाया जा रहा है।

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