Saturday, December 14, 2024
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दिल्ली के बापा नगर इलाके में क्यों ढही इमारत? सामने आई बड़ी लापरवाही, 4 लोगों की गई थी जान

दिल्ली के बापा नगर इमारत हादसे में कई बातें निकलकर सामने आ रही हैं। बताया जा रहा है कि फैक्ट्री के मालिक से कई बार इमारत में रिसाव को लेकर शिकायत की गई थी, लेकिन उसने कोई कार्रवाई नहीं की।

Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published : Sep 19, 2024 8:27 IST, Updated : Sep 19, 2024 8:27 IST
Bapa Nagar Building Collapse, Building Collapse- India TV Hindi
Image Source : PTI बापा नगर इमारत हादसे में रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान काफी दिक्कतें आईं।

नई दिल्ली: दिल्ली के करोल बाग में स्थित बापा नगर के एक भीड़भाड़ वाले इलाके में बुधवार सुबह 5 मंजिला इमारत के ढह जाने से 4 लोगों की मौत हो गई जबकि 14 व्यक्ति घायल हो गए। इस इमारत में चप्पल का कारखाना और श्रमिकों के लिए आवास था। पुलिस ने घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बचावकर्मियों को छोटी-छोटी गलियों से होते हुए घटनास्थल पर पहुंचने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। रेस्क्यू में दिक्कतों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि क्रेन जैसी भारी मशीनें घटनास्थल तक नहीं पहुंच सकीं। बता दें कि इस मामले में फैक्ट्री मालिक की तरफ से बड़ी लापरवाही भी सामने आ रही है।

‘पीठ पर उठाकर ले जाए गए पीड़ित’

दिल्ली अग्निशमन सेवा विभाग (DFS) के प्रमुख अतुल गर्ग ने सोशल मीडिया मंच 'X' पर एक वीडियो साझा करते हुए कहा कि घटनास्थल पर 'स्ट्रेचर' भी नहीं ले जाया जा सका, इसलिए पीड़ितों को अपनी पीठ पर उठाकर ले जा रहा हैं। पुलिस ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 106 और 290 के तहत केस दर्ज किया गया है और मामले जांच जारी है। एक अधिकारी ने बताया कि घटना का मुख्य कारण इमारत में रिसाव होने का संदेह है, लेकिन इसकी जांच की जाएगी। हालांकि, दिल्ली नगर निगम (MCD) ने कहा कि मॉनसून से पहले सर्वेक्षण के दौरान इमारत को खतरनाक स्थिति में नहीं पाया गया था।

‘भारी मशीनें या क्रेन अंदर नहीं पहुंच पाई’

पुलिस उपायुक्त (मध्य) एम. हर्ष वशण ने बताया कि उन्हें सुबह करीब 9 बजे घटना की सूचना मिली था, जिसमें पता चला कि पांच मंजिला इमारत (ग्राउंड फ्लोर प्लस 4 मंजिल) ढह गई है और लोग मलबे में फंसे हुए हैं और बगल की एक इमारत को भी नुकसान पहुंचा है। अधिकारी ने बताया कि स्थानीय पुलिस और DFS ने बचाव अभियान शुरू किया और NDRF को भी बुलाया गया। वर्धन ने कहा कि इमारत पुरानी थी। वे भारी मशीनें या क्रेन अंदर नहीं ले जा सके, जिसके कारण अभियान में देरी हुई, लेकिन अग्निशमन विभाग, स्थानीय पुलिस और NDRF की टीमों ने शाम साढ़े पांच बजे तक बचाव कार्य चलाया।

‘4 की मौत, 14 को अस्पताल में भर्ती कराया गया’

वर्धन ने कहा, ‘कुल 18 लोगों को RML अस्पताल ले जाया गया, उनमें से 4 को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि 14 को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनमें से 2 की हालत अभी भी गंभीर है।’ मृतकों की पहचान अमन (12), मुकीम (25), मुजीब (18) और मोसिन (26) के रूप में हुई है, जो उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के खातानगर गांव के मूल निवासी थे। मुकीम, मुजीब और मोसिन चप्पल बनाने वाले कारखाने में काम करते थे, जबकि अमन उनसे मिलने आया था। पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार, जांच के दौरान पता चला कि इमारत में रहने वालों ने फैक्ट्री मालिक से कई बार इमारत में रिसाव की शिकायत की थी, लेकिन उसने कोई ध्यान नहीं दिया।

‘इमारत की हर मंजिल पर मजदूर रहते थे’

अधिकारी ने कहा कि इमारत की हर मंजिल पर मजदूर रहते थे और काम करते थे। यह फैक्ट्री मालिक को किराए पर दी गई थी। उन्होंने कहा, ‘कारखाने के मालिक और इमारत के मालिकों की पहचान कर ली गई है और उन्हें पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।’ पुलिस आयुक्त ने कहा कि बचाव अभियान पूरा हो जाने के बाद दिल्ली नगर निगम को प्रभावित क्षेत्र को खाली कराने के लिए कहा गया है। दिल्ली की नामित मुख्यमंत्री आतिशी ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा करते हुए अधिकारियों को घटना की गहन जांच करने और घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

‘घटना की आशंका होने पर प्रशासन को सूचित करें’

आतिशी ने RML अस्पताल में घायलों से मुलाकात की। AAP नेता ने कहा कि उन्होंने इस घटना के बारे में दिल्ली के मेयर से बात की है। उन्होंने कहा, ‘इस साल दिल्ली में अधिक बारिश हुई है। मैं लोगों से अनुरोध करती हूं कि वे इस तरह की किसी भी घटना की आशंका होने पर प्रशासन को सूचित करें।’ MCD के एक बयान के अनुसार, इमारत विशेष क्षेत्र श्रेणी में आती है और लगभग 25/30 वर्ग मीटर के भूखंड पर बनी थी। इमारत गिरने का कारण पता नहीं चल सका है। MCD ने कहा, ‘रखरखाव विभाग द्वारा किए गए मानसून पूर्व सर्वेक्षण के दौरान इमारत को खतरनाक स्थिति में नहीं पाया गया था।’

‘मेरा छोटा भाई हमेशा से उद्यमी बनना चाहता था’

अमन की बहन उस्मी खान ने कहा, ‘वह यूपी के रामपुर से दिल्ली के इंडिया गेट को देखने के लिए लगभग 200 किलोमीटर की यात्रा करके आया था, लेकिन करीब 11.30 बजे एक दुखद कॉल मिला, जिसमें मेरे भाई की मौत की दुखद सूचना मिली। मेरा छोटा भाई हमेशा से उद्यमी बनना चाहता था और व्यवसाय करके अपने परिवार का सहयोग करना चाहता था। उसका दृढ़ संकल्प और परिपक्वता उसकी उम्र से कहीं अधिक थी। हमने अपनी मां को इस बारे में नहीं बताया है। मुआवजा देने से हम जिस दर्द से गुजर रहे हैं, वह कम नहीं होगा।’ मंगलवार को अमन अपने दोस्त से मिलने बापा नगर गया था, उसे ऊपर मंडरा रहे खतरे का अंदाजा नहीं था। (भाषा)

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