Saturday, April 20, 2024
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PHD में एडमिशन लेने वालों छात्रों के इंतजार की घड़ी खत्म, DU ने जारी की इंटरव्यू की तारीख

दिल्ली विश्वविद्यालय में एकेडमिक सेशन 2022-23 के यूजी, पीजी पाठ्यक्रमों में एडमिशन की प्रक्रिया लगभग पूरी होने को है। वहीं, हायर एजुकेशन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पीएचडी पाठ्यक्रमों में एडमिशन करने के लिए विभिन्न विभागों ने इंटरव्यू की तिथि घोषित कर दी है।

Akash Mishra Edited By: Akash Mishra @Akash25100607
Published on: December 27, 2022 22:18 IST
प्रतीकात्मक फोटो - India TV Hindi
Image Source : FILE प्रतीकात्मक फोटो

दिल्ली विश्वविद्यालय में एकेडमिक सेशन 2022-23 के यूजी, पीजी पाठ्यक्रमों में एडमिशन की प्रक्रिया लगभग पूरी होने को है। वहीं, उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पीएचडी पाठ्यक्रमों में एडमिशन करने के लिए विभिन्न विभागों ने इंटरव्यू की तिथि घोषित कर दी है। PHD कराने वाले दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुछ विभाग 30 दिसम्बर से इंटरव्यू की प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं तो कुछ जनवरी के पहले वीक से यह प्रक्रिया शुरू करने जा रहे हैं।

इस दिन तक चलेंगे इंटरव्यू 

दिल्ली यूनिवर्सिटी से संबद्ध 16 संकाय और 86 शैक्षणिक विभागों में पीएचडी करने वाले रिसर्चर्स के लिए इंटरव्यू के माध्यम से एडमिशन की प्रक्रिया 30 दिसम्बर व कुछ विभागों द्वारा जनवरी से शुरू हो रही है। हिन्दी विभाग में पीएचडी पाठ्यक्रम में प्रवेश की प्रक्रिया 30 दिसम्बर से शुरू होकर जनवरी 2023 के लास्ट वीक तक चलेगी।

इन स्टूडेंट्स को मिलती है छूट

PHD पाठ्यक्रम में एडमिशन लेने वाले उम्मीदवारों के लिए दोनों विकल्प खुले हैं। नेट व JRF किए उम्मीदवार भी सीधे इंटरव्यू दे सकते हैं और एंट्रेंस एग्जाम पास करने पर भी पीएचडी में एडमिशन ले सकते हैं। इन उम्मीदवारों के पास च्वाइस के दोनों विकल्प है। हालांकि यूजीसी नेट और जेआरएफ आदि किए स्टूडेंट्स को इसमें छूट दी जाती है।

नई शिक्षा नीति के प्रोविजन के एम फिल को बंद कर दिया है

दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हंसराज सुमन का कहना है कि नई शिक्षा नीति के प्रावधानों के तहत अब एम.फिल पाठ्यक्रमों को बंद कर दिया गया है। शिक्षकों एवं छात्रों को उम्मीद थी कि, एम.फिल सीटों को पीएचडी में तब्दील किया जाएगा। हालांकि, इस संबंध में यूजीसी या विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं की है। दिल्ली यूनिवर्सिटी के कई शिक्षक संगठन भी मानते हैं कि यूनिवर्सिटी को इस एकेडमिक सेशन से PHD पाठ्यक्रमों की सीटों को बढ़ाना चाहिए था। लेकिन विभागों को इस संदर्भ में अभी तक कोई जानकारी नहीं है।

वहीं कई विभाग अध्यक्षों का कहना है कि जब एम.फिल पाठ्यक्रम बंद कर दिया गया है तो वे सीटें पीएचडी पाठ्यक्रमों को दी जानी चाहिए लेकिन अभी एम.फिल सीटों को पीएचडी में तब्दील करने की कोई सूचना जारी नहीं की गई है।

'सीटें न बढ़ाए जाने को लेकर छात्र चिंतित'

दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र सी आचार्य का कहना है कि पीएचडी में सीटें न बढ़ाए जाने को लेकर छात्र भी अपने भविष्य के प्रति चिंतित है। प्रशासन को छात्रों की इस चिंता के मद्देनजर जल्द उपयुक्त कदम उठाने चाहिए। वहीं फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस ने यूजीसी के चेयरमेन एम.जगदीश कुमार को इस विषय में एक पत्र लिखा है। फोरम के चेयरमैन डॉ.हंसराज सुमन के मुताबिक पत्र में मांग की गई है कि एम.फिल पाठ्यक्रमों की सीटों को पीएचडी पाठ्यक्रमों में तब्दील किया जाए। शिक्षकों का कहना है कि इससे उच्च शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा और ज्यादा शोधार्थियों को एडमिशन मिल सकेगा।

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