Tuesday, April 16, 2024
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देश के टॉप 100 संस्थानों में ही हैं सबसे काबिल शिक्षक! रिपोर्ट में हुआ खुलासा

देश के टॉप 100 संस्थानों में ही सबसे काबिल शिक्षक पढ़ा रहे हैं। इस बात का खुलासा एजुकेशन मिनिस्ट्री ने अपने एक रिपोर्ट में किया है। एजुकेशन मिनिस्ट्री ने अपनी रिपोर्ट में पीएचडी योग्यता वाले शिक्षक का कमी को एक गंभीर मुद्दा बताया है।

Shailendra Tiwari Edited By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published on: June 06, 2023 21:18 IST
Phd Teacher- India TV Hindi
Image Source : PTI (REPRESENTATIVE IMAGE) पीएचडी योग्यता वाले फैकल्टी मेंबर देश की टॉप 100 संस्थानों तक ही सीमित है।

देश में शिक्षा व्यवस्था का क्या हाल है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि देश के टॉप 100 संस्थानों में ही सबसे काबिल शिक्षक यानी पीएचडी योग्यता वाले शिक्षक पढ़ा रहे हैं। ये बात हम नहीं कह रहे। शिक्षा मंत्रालय ने खुद इस बात का दावा किया है। शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि पीएचडी योग्यता वाले फैकल्टी मेंबर टॉप 100 संस्थानों तक ही सीमित हैं जबकि शेष संस्थानों में डॉक्टरेट की डिग्री वाले फैकल्टी मेंबर की संख्या कम है। नेशनल इंस्टिट्यूशन रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) के 8वें संस्करण के लिए मंत्रालय ने एनालिसिस के आधार पर ये बात कही। 

पीएचडी डिग्रीधारक की कमी का मुद्दा गंभीर

शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, पीएचडी फैकल्टी मेंबर की कमी का मुद्दा एक गंभीर "बाधा" है क्योंकि डॉक्टरेट ट्रेनिंग के दौरान प्राप्त सलाह हायर एजुकेशन में टीचिंग कैरियर के लिए फैकल्टी तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। एनालिसिस रिपोर्ट के मुताबिक, देश के टॉप 100 संस्थानों में पीएचडी वाले फैकल्टी मेंबर कॉलेजों के मामले में न्यूनतम 61.06 प्रतिशत से लेकर मैनेजमेंट इंस्टिट्यूशन के मामले में अधिकतम 91.60 फीसदी तक हैं। वहीं, पीएचडी वाले फैकल्टी मेंबर फार्मेसी संस्थानों के मामले में न्यूनतम 33.27 प्रतिशत से लेकर यूनिवर्सिटीज के मामले में अधिकतम 64.29 प्रतिशत तक हैं।

इंजीनियरिंग एजुकेशन में बढ़ोतरी

मंत्रालय की रिपोर्ट के मानें तो, "इंजीनियरिंग एजुकेशन में भारत में पिछले दो दशकों में अभूतपूर्व बढ़ोतरी दर्ज हुई है, जिसमें हजारों इंजीनियरिंग इंस्टिट्यूशन, निजी क्षेत्र के साथ-साथ सरकारी क्षेत्र में, देश के लगभग सभी हिस्सों में दिखाई देते हैं। भारत में हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूशन की एक बड़ी तस्वीर प्राप्त करने के वास्ते फैकल्टी डेटा के एनालिसिस के लिए इंजीनियरिंग का चयन किया जाता है।" 

बड़ी चुनौती से गुजर रहा

रिपोर्ट में आगे कहा गया है, "यह विषय (इंजीनियरिंग) अपने ग्रेजुएट्स की क्वालिटी और रोजगार क्षमता के मामले में भी एक बड़ी चुनौती से गुजर रहा है।" हालांकि, इंजीनियरिंग फैकल्टी के केवल 44.51 प्रतिशत सदस्यों के पास डॉक्टरेट की योग्यता है, जबकि 55 प्रतिशत से अधिक फैकल्टी मेंबर के पास मास्टर डिग्री है। जानकारी दे दें कि केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह ने सोमवार को एनआईआरएफ (NIRF) का 8वां संस्करण जारी किया।

(इनपुट- पीटीआई)

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