
बॉलीवुड में फिल्मों के नाम अक्सर दोहराए जाते हैं, लेकिन कभी ऐसा सुना है कि एक ही नाम की तीन-तीन फिल्में बनी हों और तीनों ने बॉक्स ऑफिस पर धमाका कर दिया हो? हैरान रह गए न? जी हां, ऐसा करिश्मा हुआ है और वो भी 'बरसात' नाम की फिल्मों के साथ। ‘बरसात’, ये सिर्फ एक शब्द नहीं, एक एहसास है, एक रोमांटिक मौसम है और अब एक इतिहास भी, जिसने तीन दशकों में तीन अलग-अलग फिल्मों को सुपरहिट बना दिया। आइए ‘बारिश और बॉलीवुड’ के इस खूबसूरत सफर में आपको ले चलते हैं ‘बरसात’ नाम की तीन सदाबहार फिल्मों की कहानी सुनाने।
राज कपूर की बारिश में भीगी क्लासिक 'बरसात'
1949 की 'बरसात' सिर्फ फिल्म नहीं एक सिनेमा युग की शुरुआत थी। राज कपूर और नरगिस की जोड़ी, कश्मीर की वादियां और वो नगमें जो आज भी दिल को भिगो देते हैं। ‘हवा में उड़ता जाए मेरा लाल दुपट्टा’, ‘जिया बेकरार है’, ‘बरसात में हमसे मिले’ जैसे गाने इस फिल्म में चार चांद लगाते नजर आए। राज कपूर ने इस फिल्म को डायरेक्ट भी किया, प्रोड्यूस भी किया और लीड रोल भी निभाया। कहते हैं, इस फिल्म की बेजोड़ सफलता ने ही उन्हें आरके स्टूडियोज खरीदने की ताकत दी। तब 35 लाख में बनी इस फिल्म ने करीब 2 करोड़ की कमाई की थी, जो उस दौर के लिहाज से धमाकेदार थी।
1995: दूसरी 'बरसात', हुई स्टारकिड्स की झमाझम एंट्री
करीब 46 साल बाद 1995 में 'बरसात' फिर लौटी और इस बार साथ में लाई दो नए चेहरे- बॉबी देओल और ट्विंकल खन्ना। यह दोनों ही स्टारकिड्स की पहली फिल्म थी और दोनों को ही दर्शकों ने हाथों-हाथ लिया। 8 करोड़ के बजट में बनी ये फिल्म करीब 35 करोड़ का बिजनेस कर गई। और गाने एक से बढ़कर एक धमाकेदार थे। ‘हमको सिर्फ तुमसे प्यार है’ जैसे रोमांटिक ट्रैक्स ने हर दिल को छू लिया। ये फिल्म उस साल की टॉप कमाई करने वाली फिल्मों में शामिल हो गई।
2005: तीसरी 'बरसात'
10 साल बाद 2005 में 'बरसात' ने फिर दस्तक दी और एक बार फिर लीड में थे बॉबी देओल, लेकिन इस बार साथ थीं प्रियंका चोपड़ा और बिपाशा बसु। हालांकि क्रिटिक्स ने फिल्म को लेकर कुछ खास तारीफ नहीं की, लेकिन जनता ने इसे सुपरहिट बना दिया। 10 करोड़ के बजट में बनी ये फिल्म 20 करोड़ कमा गई और ‘बरसात के दिन आए’ जैसे गानों ने इसे यादगार बना दिया।
एक नाम, तीन दौर, तीन हिट्स
'बरसात' ऐसा नाम बन गया है, जिसे न केवल तीन पीढ़ियों ने देखा, बल्कि तीनों ने सराहा, इसके गाने गुनगुनाए और बॉक्स ऑफिस पर इसे ब्लॉकबस्टर बना दिया। ऐसी किस्मत बहुत कम फिल्मों को नसीब होती है तो अगली बार जब बारिश की पहली बूंदें गिरें और किसी प्लेलिस्ट में 'बरसात' का कोई गाना बजे तो याद करिए, ये सिर्फ गाना नहीं, बॉलीवुड की एक सफलतम परंपरा है।