Wednesday, April 30, 2025
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Explainer: ट्रंप क्यों चाहते हैं अपने आप अमेरिका से निर्वासित हो जाएं अवैध अप्रवासी?

अमेरिका अब अवैध प्रवासियों को स्व-निर्वासन के लिए प्रेरित कर रहा है। इससे बिना कागजात के अमेरिका में रहने वाले अप्रवासियों को बगैर कानूनी कार्रवाई के वहां से निकलने की सुविधा मिलती है। वहीं अमेरिका को इससे लाखों डॉलर की बचत होती है, जो उनको डिपोर्ट करने पर होता है।

Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Mar 16, 2025 16:31 IST, Updated : Mar 16, 2025 16:31 IST
डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिका के राष्ट्रपति।
Image Source : AP डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिका के राष्ट्रपति।

Explainer: अमेरिका ने self-deport यानि स्व-निर्वासन को बढ़ावा देने के लिए कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (सीबीपी) होम ऐप फिर से शुरू किया है। अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार इसमें स्व-निर्वासन को अनिर्दिष्ट अप्रवासियों के लिए सबसे सुरक्षित विकल्प माना जाता है। क्योंकि यह उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना किए बिना स्वेच्छा से देश से बाहर निकलने की अनुमति देता है। अमेरिका के होमलैंड सुरक्षा विभाग (डीएचएस) ने सोमवार को सीबीपी होम ऐप को फिर से लॉन्च किया।

बता दें कि इससे पहले इस ऐप को मूल रूप से 2020 में सीबीपी वन ऐप के रूप में लॉन्च किया गया था, जिसकी कार्यक्षमता को 2023 में विस्तारित किया गया था, लेकिन ट्रम्प प्रशासन द्वारा शपथ ग्रहण के तुरंत बाद एक नई स्व-निर्वासन रिपोर्टिंग सुविधा के साथ इसे ऑफ़लाइन कर दिया गया था। मगर अब स्व-निर्वासन को बढ़ावा देने के लिए इसे फिर से शुरू किया गया है।

क्या सुविधा देता है सीबीपी ऐप

इस ऐप में यह सुविधा मिलती है कि अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे लोग आधिकारिक तौर पर "प्रस्थान करने का इरादा" प्रस्तुत कर सकते हैं। इतना ही नहीं वह बिना कानूनी कार्रवाई का सामना किए स्वेच्छा से देश छोड़ सकते हैं। अमेरिकी अधिकारी ऐसे लोगों के प्रस्थान को ट्रैक करते हैं। इसलिए इसके उपयोगकर्ताओं को अपने निकास यानि निर्वासन को सत्यापित करने के लिए जानकारी अपलोड करने की भी जरूरत होती है। 

अमेरिका क्यों चाहता है स्व-निर्वासन

अगर अमेरिका बिना दस्तावेजों वाले प्रवासियों की धर-पकड़ करके उन्हें उनके देश में डिपोर्ट करता है तो इस पूरी प्रक्रिया में उनके लाखों डॉलर की बर्बादी होती है। मगर स्वेच्छा से अवैध प्रवासियों के डिपोर्ट करने से अमेरिकी करदाताओं के लाखों डॉलर की बचत होगी। क्योंकि सेल्फ डिपोर्ट ना करने पर लोगों को हिरासत में रखने और फिर उन्हें निर्वासित करने में लाखों डॉलर खर्च हो जाते हैं। इसी सुविधा का फायदा उठाकर अभी एक एक भारतीय डॉक्टरेट छात्रा ने मंगलवार (11 मार्च) को अमेरिका से self-deport किया था। हमास का समर्थन करने के मामले में अमेरिकी अधिकारियों द्वारा कार्रवाई के डर से उसने सीबीपी होम ऐप में self-deport सुविधा का उपयोग करके स्वेच्छा से देश छोड़ दिया था। 

ट्रंप दे रहे अप्रवासियों ये संदेश

स्व-निर्वासन ट्रम्प प्रशासन के 200 मिलियन डॉलर के बड़े "स्टे आउट एंड लीव नाउ" अभियान का एक हिस्सा है। होमलैंड सिक्योरिटी के सचिव क्रिस्टी नोएम ने अभियान के लिए एक विज्ञापन में कहा: "राष्ट्रपति ट्रम्प का एक स्पष्ट संदेश है: यदि आप अवैध रूप से यहाँ हैं, तो हम आपको ढूँढ लेंगे और आपको निर्वासित कर देंगे। फिर आप कभी वापस नहीं आ आएंगे, लेकिन अगर आप स्वेच्छा से अभी चले जाते हैं तो आगे आपके पास यहां वैध तरीके से वापस लौटने और हमारी स्वतंत्रता का आनंद लेने के साथ अमेरिकी सपने को जीने का अवसर हो सकता है"।

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