Saturday, December 14, 2024
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क्या विनेश बचा सकती थी सिल्वर मेडल, 100 ग्राम वजन का खेल, समझिए पूरी बात

Vinesh Phogat: विनेश फोगाट के 100 ग्राम वजन ज्यादा होने से पूरा देश इस वक्त दुखी है। लेकिन क्या आप इस इवेंट के सभी नियमों के बारे में जानते हैं। चलिए जरा बताते हैं कि ये सब कुछ हुआ क्या है और क्यों हुआ है। क्या विनेश के पास कोई विकल्प बचता है या फिर नहीं।

Written By: Pankaj Mishra @pankajplmishra
Published : Aug 07, 2024 16:54 IST, Updated : Aug 07, 2024 17:42 IST
Vinesh Phogat- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV क्या विनेश बचा सकती थी सिल्वर मेडल, 100 ग्राम वजन का खेल, समझिए पूरी बात

Vinesh Phogat controversy Explainer: बुधवार सुबह की शुरुआत इस उम्मीद के साथ हुई थी कि रात होते होते भारत की झोली में एक गोल्ड मेडल आ जाएगा। विनेश फोगाट ने पहले दिन यानी मंगलवार को विरोधी एथलीटों को जिस तरह से चारोखाने चित्त किया, उसके बाद किसी को भी सिल्वर चाहिए ही नहीं था। सबको केवल गोल्ड ही दिख रहा था, लेकिन बुधवार सुबह ऐसा खेल हुआ कि विनेश फोगाट के साथ साथ करोड़ों भारतवासियों की उम्मीदों पर पानी फिर गया। इस बीच बातें बहुत हो रही हैं। हम आपको समझाने की कोशिश करते हैं कि आखिरी ये 100 ग्राम वजन का मामला है क्या और क्या कोई ऐसा चांस था कि विनेश गोल्ड नहीं तो सिल्वर बचा सकती थीं। 

एक झटके में उम्मीदों पर हुआ तुषारापात 

विनेश फोगट का अयोग्य घोषित होना पेरिस ओलंपिक में भारतीय दल के साथ-साथ देश के 1.4 अरब लोगों के लिए एक झटका था, जो बुधवार सुबह महिलाओं की 50 किग्रा वर्ग में पहलवान विनेश से स्वर्ण पदक की उम्मीद के साथ जागे थे। विनेश ने शानदार प्रदर्शन करते हुए जापानी चैंपियन यूई सुसाकी और फिर क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल में यूक्रेन और क्यूबा के पहलवानों को हराकर फाइनल के लिए क्वालीफाई किया।

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Image Source : PTI
एक झटके में उम्मीदों पर हुआ तुषारापात

इवेंट से पहले रेफरी मापते हैं पहलवान का वजन 

नियमों के अनुसार वजन मापने की जिम्मेदारी रेफरी पर होती है। उन्हें ये पड़ताल करनी होती है कि इवेंट में भाग लेने वाले सभी एथलीट का वजन उनके भारवर्ग के अनुसार है या नहीं। यानी जो भी पहलवान जिस इवेंट में हिस्सा ले रहा है, उसका वजन उतना ही है या फिर कम या ज्यादा है। इससे पहले कि मुकाबला शुरू हो, ये सारा काम हो जाना चाहिए। इतना ही नहीं वजन मापते वक्त ये भी देखना होता ​है कि खेलने वाले पहलवान ने सही कपड़े पहने हैं या नहीं। अगर कोई एथलीट गलत पोशाक के साथ सामने आता है तो उसे उसका नुकसान हो सकता है। रेफरी की जिम्मेदारी होती है कि वो सही ढंग से पहने हुए कपड़ों के साथ ही वजन की माप करे। 

अगर वजन मापने के वक्त एथलीट मौजूद नहीं है तो क्या होगा 

क्या हो अगर एथलीट दिए गए समय पर अपना वजन ना दे और उस वक्त मौजूद नहीं होता है। सख्त और साफ नियम है कि अगर कोई एथलीट वजन मापने में शामिल नहीं होता है या असफल हो जाता है तो उसे इवेंट से बाहर कर दिया जाएगा। एथलीट को बिना किसी रैंक के अंतिम स्थान पर रखा जाएगा। इस बीच अगर कोई एथलीट पहले दिन घायल हो जाता है तो उसे दूसरे वजन मापने में शामिल होने की जरूरत नहीं है। इस बीच वजन में हल्के से अंतर का नियम दूसरे दिन यानी फाइनल में लागू नहीं होता है। विश्व कप और अन्य इंटरनेशनल टूर्नामेंट के लिए 2 किलोग्राम वजन ज्यादा होने की परमीशन है। यानी कोई एथलीट अगर 50 किलो भारवर्ग में हिस्सा ले रहा है तो अगर वो 52 किलो का है तो भी उसे छूट दी जा सकती है। यानी इस हिसाब से देखें तो विनेश इवेंट का हिस्सा हो सकती थी, लेकिन जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया कि ये नियम फाइनल में लागू नहीं होता। ओलंपिक के नियम बहुत ज्यादा सख्त होते हैं। 

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Image Source : PTI
चोट बताकर क्या अपना नाम फाइनल से वापस ले सकती थी विनेश

इवेंट से पहले डॉक्टरी जांच और वजन किया जाता है 

अनुच्छेद 8 के अनुसार एथलीट जिस इवेंट में हिस्सा ले रहा है, उसी दिन सुबह डॉक्टरी जांच और वजन मापने की प्रक्रिया से गुजरना होता है। फाइनल और रिपेचेज के लिए योग्य एथलीट का दूसरे दिन सुबह संबंधित भार वर्ग में फिर से वजन किया जाता है। इसमें कोई छूट नहीं है। इसको आप ऐसे समझ सकते हैं कि विनेश ने जब पहले दिन यानी मंगलवार को अपने इवेंट में हिस्सा लिया था, तब उससे पहले उनका वजन किया गया था, जो सही निकला होगा। यानी 50 किलो। इसलिए वे अपने विरोधियों से लड़ती हुई नजर आईं। वे फाइनल में पहुंच गईं, जो अगले दिन यानी बुधवार को था। इसलिए बुधवार को सुबह फिर से उनका वजन हुआ, जिसमें 50 किलो से 100 ग्राम ज्यादा निकला। जिससे ये सब कुछ देखना पड़ रहा है। 

चोट बताकर क्या अपना नाम फाइनल से वापस ले सकती थी विनेश 

अब एक सवाल ये भी उठ रहा है कि क्या विनेश अपनी चोट को बताकर अपना नाम वापस ले सकती थीं। इसको लेकर क्या नियम हैं और अगर ऐसा होता ​तो फिर आगे क्या होता। क्या चोटिल होने की दशा में विनेश को सिल्वर मेडल मिल सकता था, क्योंकि वे अपने मुकाबले जीतकर फाइनल में पहुंची हैं। अनुच्छेद 56 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यदि एथलीट बाउट पूरा होने के बाद चोट के कारण नाम वापस लेता है तो उसे दूसरे दिन भी वजन मापने के लिए शामिल होना होगा, नहीं तो उसे बाहर कर दिया जाएगा। एथलीट दूसरे वजन से बचने का एकमात्र तरीका बाउट के बीच में चोट लगने की स्थिति में हो सकता था। पहलवान को अगले बाउट में प्रतिस्पर्धा करने के लिए टूर्नामेंट के लिए UWW डॉक्टर या प्रमाणित चिकित्सक की पहले से स्वीकृति लेनी होगी।

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