Thursday, May 02, 2024
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Fact Check: Cyber Crime के नाम से आए मेल में यूजर्स को मिल रही धमकी, पड़ताल में आईडी निकली फेक

India TV Fact Check: साइबर क्राइम के नाम से कुछ लोगों को मेल भेजा जा रहा है, जिसमें मेल का जवाब ना देने पर कार्रवाई करने की बात कही गई है। आज की स्टोरी में इसकी तहकीकात करेंगे।

Vikash Tiwary Written By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: August 10, 2023 22:12 IST
India TV Fact Check- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV India TV Fact Check

India TV Fact Check: केंद्र सरकार बढ़ते ऑनलाइन अपराध को रोकने के लिए साइबर क्राइम के नाम से एक संस्था चलाती है, जो किसी भी तरह के साइबर फ्रॉड की स्थिति में यूजर्स की मदद करता है और हर संभव समाधान दिलाने की कोशिश करता है। इन दिनों सोशल मीडिया पर कुछ स्क्रीनशॉट शेयर हो रहे हैं, जिसमें यूजर्स को साइबर क्राइम के नाम से एक मेल आया हुआ दिख रहा है, जिसमें विभाग को उचित जवाब ना देने पर कार्रवाई करने की बात कही गई है। उस वायरल स्क्रीनशॉट की आज हम पड़ताल करेंगे और यह जानेंगे कि क्या सच में साइबर क्राइम के तरफ से ऐसा कोई मेल भेजा जा रहा है।

मेल में क्या लिखा है?

सोशल मीडिया पर शेयर किए गए स्क्रीनशॉट में साइबर क्राइम के नाम से आए मेल में लिखा गया है कि भारतीय पुलिस सेवा की साइबर अपराध इकाई आपसे तुरंत आपके खिलाप संलग्न कथित न्यायालय आदेश का जवाब देने का अनुरोध करती है। पुलिस जांच विभाग एक साइबर अपराध विशेष इकाई के माध्यम से कार्य करता है जो साइबर अपराधों के सभी जटिल और संवेदनशील मामलों को संभालता है, जिसमें पीड़ित महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। साइबर अपराध इकाई एक अत्याधुनिक साइबर प्रयोगशाला से सुसज्जित है जिसमें साइबर फोरेंसिक क्षमताएं हैं जैसे हार्ड डिस्क और मोबाइल फोन से हटाए गए डेटा को निकालना, इमेजिंग और हैश वैल्यू गणना, फोरेंसिक सर्वर, ऑन-साइट जांच के लिए पोर्टेबल फोरेंसिक उपकरण आदि। वहीं एक और मेल में जवाब ना देने पर पुलिस कार्रवाई करने की धमकी दी गई है। 

receiving threats in the mail name of Cyber Crime

Image Source : INDIA TV/TWITTER
ये है साइबर क्राइम के नाम से आए मेल की कॉपी

फर्जी आईडी से आ रहा मेल

वायरल स्क्रीनशॉट के बारे में जब हमें पता चला तो हमने उसकी पड़ताल शुरू की। सबसे पहले हम साइबर क्राइम की ऑफिशियल वेबसाइट पर गए, जहां कॉन्टेक्ट सेक्शन में राजेश कुमार नाम सर्च किया, जिस नाम से मेल आया हुआ था। लिस्ट में उस नाम से कोई जानकारी नहीं मिली। फिर हमने पूरी मेल आईडी को ध्यान से पढ़ा तो वह Cyberalets.org के नाम से आया था। जबकी साइबर से जुड़े किसी भी मेल के आखिरी में gov.in लिखा होता है, क्योंकि सरकार के तरफ से आने वाले ऑफिशियल मेल में यह मेंशन होता है। गूगल पर जब हमने साइबर अलर्ट की वेबसाइट खोजी तो वह भी नहीं मिली। साथ ही इसके बारे में जब हमने केंद्र सरकार की फैक्ट चेक संस्था पीआईबी फैक्ट चेक पर विजिट किया तो एक ट्वीट मिला, जिसमें इस तरह के मेल को फर्जी बताया गया था।

इंडिया टीवी के फैक्ट चेक टीम के द्वारा की गई पड़ताल में यह मेल फर्जी पाया गया। साइबर क्राइम के तरफ से या फिर किसी भी सरकारी विभाग से आने वाले मेल में gov.in आखिरी में होता है। इसमें यह भी नहीं था। जिस डोमेन के नाम पर यह मेल लिया गया था, वह डोमेन भी गूगल पर ओपेन नहीं हो रहा था। इसलिए इस तरह के मेल को नजरअंदाज कीजिए और कोशिश कीजिए कि फर्जी खबरें दूसरों तक ना पहुंचे। 

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