Friday, May 03, 2024
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जानिए जयललिता के ग्लैमर गर्ल से राजनीति-अम्मा बनने की दास्तां

India TV News Desk India TV News Desk
Updated on: December 05, 2016 18:13 IST
  • जयललिता 'अम्मा जी' को कल रात फिर हार्ट अटैक पड़ा। जिसके बाद उनके चाहने वालों की भी सांस रुक गई। अम्मा जी की तबियत 22 सितबंर से खराब चल रही है। जिसके बाद से वह हॉस्पिटल में एडमिट है। पिछले एक माह से से बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ वित्त मंत्री अरुण जेटली और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी तक उनका हाल-चाल जानने अस्पताल जा चुके हैं, लेकिन ये जयललिता की रहस्यमयी दुनिया है कि तमाम वीवीआईपी अस्पताल की चौखट से ही हाल-चाल जानकर लौट गए। जयललिता की जिंदगी में तमाम उतार चढ़ाव के बावजूद वो शोहरत की बुलंदियों पर चढ़ती गई। एक समय वो सिल्वर स्क्रीन की सुपरस्टार थी लेकिन राजनीति में लंबी पारी खेलकर भी उन्होंने खुद को सरताज साबित किया।  आईये एक नज़र डालते हैं उनके राजनीतिक सफर और फिल्मी जीवर पर।
    जयललिता 'अम्मा जी' को कल रात फिर हार्ट अटैक पड़ा। जिसके बाद उनके चाहने वालों की भी सांस रुक गई। अम्मा जी की तबियत 22 सितबंर से खराब चल रही है। जिसके बाद से वह हॉस्पिटल में एडमिट है। पिछले एक माह से से बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ वित्त मंत्री अरुण जेटली और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी तक उनका हाल-चाल जानने अस्पताल जा चुके हैं, लेकिन ये जयललिता की रहस्यमयी दुनिया है कि तमाम वीवीआईपी अस्पताल की चौखट से ही हाल-चाल जानकर लौट गए। जयललिता की जिंदगी में तमाम उतार चढ़ाव के बावजूद वो शोहरत की बुलंदियों पर चढ़ती गई। एक समय वो सिल्वर स्क्रीन की सुपरस्टार थी लेकिन राजनीति में लंबी पारी खेलकर भी उन्होंने खुद को सरताज साबित किया। आईये एक नज़र डालते हैं उनके राजनीतिक सफर और फिल्मी जीवर पर।
  • जयललिता का जन्म 24 फरवरी 1948 को मैसूर में एक राजसी ख़ानदान में हुआ था। उन्हें राजनीति विरासत में नहीं मिली थी। महज 2 साल की उम्र में ही उनके पिता का साथ उनसे छूट गया। स्कूल में पढ़ाई के दौरान ही उनकी मां ने उन्हें फिल्मों में काम करने के लिए राजी कर लिया।
    जयललिता का जन्म 24 फरवरी 1948 को मैसूर में एक राजसी ख़ानदान में हुआ था। उन्हें राजनीति विरासत में नहीं मिली थी। महज 2 साल की उम्र में ही उनके पिता का साथ उनसे छूट गया। स्कूल में पढ़ाई के दौरान ही उनकी मां ने उन्हें फिल्मों में काम करने के लिए राजी कर लिया।
  • जयललिता 15 साल की उम्र में ही कन्नड फिल्मों में मुख्य अभिनेत्री की भूमिकाएं करने लगी।
    जयललिता 15 साल की उम्र में ही कन्नड फिल्मों में मुख्य अभिनेत्री की भूमिकाएं करने लगी।
  • कन्नड फिल्मों में काम करने के बाद जयललिता ने तमिल फिल्मों का रुख़ किया। वे दक्षिण भारत की पहली ऐसी अभिनेत्री थीं जिन्होंने फिल्मों में स्कर्ट पहना।
    कन्नड फिल्मों में काम करने के बाद जयललिता ने तमिल फिल्मों का रुख़ किया। वे दक्षिण भारत की पहली ऐसी अभिनेत्री थीं जिन्होंने फिल्मों में स्कर्ट पहना।
  • जयललिता ने 'एपिसल' नाम की अंग्रेजी फिल्म से काम शुरू किया था। उन्होंने एक हिंदी फिल्म में भी काम किया था। विद्यार्थी के तौर पर भी पढ़ाई में उनकी काफी रुची रही। जयललिता ने अपने करियर की शुरुआत ग्लैमर वर्ल्ड से की थी लेकिन आज वो राजनीति की 'अम्मा' कहलाती हैं।
    जयललिता ने 'एपिसल' नाम की अंग्रेजी फिल्म से काम शुरू किया था। उन्होंने एक हिंदी फिल्म में भी काम किया था। विद्यार्थी के तौर पर भी पढ़ाई में उनकी काफी रुची रही। जयललिता ने अपने करियर की शुरुआत ग्लैमर वर्ल्ड से की थी लेकिन आज वो राजनीति की 'अम्मा' कहलाती हैं।
  • जयललिता अन्नाद्रमुक के संस्थापक एमजी रामचंद्रन उर्फ एमजीआर की करीबी थी। जयललिता ने अपने चार दशक के राजनीतिक जीवन में काफी उतार चढ़ाव देखे हैं। जयललिता ने एमजीआर के साथ 28 फिल्मों में काम किया। एमजीआर तमिल सिनेमा के सुपरस्टार थे और भारतीय राजनीति के सम्मानित नेताओं में थे। जयललिता ने फिल्मी दुनिया को अलविदा कह कर एमजीआर के साथ राजनीति में आ गईं।
    जयललिता अन्नाद्रमुक के संस्थापक एमजी रामचंद्रन उर्फ एमजीआर की करीबी थी। जयललिता ने अपने चार दशक के राजनीतिक जीवन में काफी उतार चढ़ाव देखे हैं। जयललिता ने एमजीआर के साथ 28 फिल्मों में काम किया। एमजीआर तमिल सिनेमा के सुपरस्टार थे और भारतीय राजनीति के सम्मानित नेताओं में थे। जयललिता ने फिल्मी दुनिया को अलविदा कह कर एमजीआर के साथ राजनीति में आ गईं।
  • एम करुणानिधि की पार्टी द्रमुक से टूटने के बाद एमजीआर ने अन्नाद्रमुक का गठन किया। 1983 में एमजीआर ने जयललिता को पार्टी का सचिव नियुक्त किया और राज्यसभा के लिए मनोनित किया। इस बीच जयललिता और एमजीआर के बीच मतभेद की खबरें भी आईं लेकिन जयललिता ने 1984 में पार्टी के प्रचार अभियान का नेतृत्व किया। एमजीआर के निधन के बाद जयललिता साल 1987 में पूरी तरह से उभर कर सामने आईं। जयललिता पहली बार 1991 में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनीं। वहर राज्य की सबसे कम उम्र की मुख्यमंत्री थी। हालांकि साल 1996 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा लेकिन तब तक जयललिता एक मजबूत राजनीतिक हस्ती बन चुकी थीं।
    एम करुणानिधि की पार्टी द्रमुक से टूटने के बाद एमजीआर ने अन्नाद्रमुक का गठन किया। 1983 में एमजीआर ने जयललिता को पार्टी का सचिव नियुक्त किया और राज्यसभा के लिए मनोनित किया। इस बीच जयललिता और एमजीआर के बीच मतभेद की खबरें भी आईं लेकिन जयललिता ने 1984 में पार्टी के प्रचार अभियान का नेतृत्व किया। एमजीआर के निधन के बाद जयललिता साल 1987 में पूरी तरह से उभर कर सामने आईं। जयललिता पहली बार 1991 में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनीं। वहर राज्य की सबसे कम उम्र की मुख्यमंत्री थी। हालांकि साल 1996 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा लेकिन तब तक जयललिता एक मजबूत राजनीतिक हस्ती बन चुकी थीं।
  • राजनीतिक जीवन के दौरान जयललिता पर सरकारी पूंजी के गबन, गैर कानूनी ढंग से भूमि अधिग्रहण और आय से अधिक संपत्ति के आरोप लगे। उन्हें आय से अधिक संपत्ति के एक मामले में सजा भी हुई और मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा पर कर्नाटक हाई कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया जिसके बाद वो फिर से तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बन गईं।
    राजनीतिक जीवन के दौरान जयललिता पर सरकारी पूंजी के गबन, गैर कानूनी ढंग से भूमि अधिग्रहण और आय से अधिक संपत्ति के आरोप लगे। उन्हें आय से अधिक संपत्ति के एक मामले में सजा भी हुई और मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा पर कर्नाटक हाई कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया जिसके बाद वो फिर से तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बन गईं।