Monday, April 29, 2024
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सुनवाई के लिए बैठे जज साहब, वकील और शिकायतकर्ता... लेकिन कोर्ट में ही पड़ा रह गया तेजस्वी यादव का नोटिस

आज के पुराने मानहानि मामले में अहमदाबाद की एक मेट्रोपोलिटन अदालत ने तेजस्वी यादव को दूसरा समन जारी किया है। हैरान करने वाली खबर ये है कि कोर्ट का पहला समन एक भ्रम के चलते अदालत में ही पड़ा रह गया।

Swayam Prakash Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Updated on: September 22, 2023 20:16 IST
tejashwi yadav- India TV Hindi
Image Source : PTI बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव

अहमदाबाद की एक मेट्रोपोलिटन अदालत ने आज बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को एक आपराधिक मानहानि मामले में दूसरी बार समन जारी किया है। बता दें कि अदालत ने दूसरा समन तब जारी किया, जब उसे पता चला कि जारी किया गया पिछला समन कन्फ्यूजन के चलते तेजस्वी तक नहीं पहुंच सका। अब अदालत के नए समन के मुताबिक, तेजस्वी को 13 अक्टूबर को कोर्ट के सामने पेश होना होगा। 

सुनवाई शुरू हुई तो खुला कन्फ्यूजन

दरअसल, अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट डी.जे. परमार की अदालत ने तेजस्वी के एक बयान को लेकर 28 अगस्त को उन्हें (पहला) समन जारी किया था। अदालत ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता को भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत दर्ज मामले में 22 सितंबर को उसके समक्ष पेश होने के लिए समन जारी किया था। लेकिन जब अदालत ने शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई शुरू की, तब यह पता चला कि समन अब तक अदालत में ही पड़ा हुआ है और यह तेजस्वी के पास ही नहीं पहुंचाया गया। 

कोर्ट ने तेजस्वी यादव को भेजा दूसरा समन
बताया जा रहा है कि शिकायतकर्ता हरेश मेहता (69) इस भ्रम में रह गए कि अदालत पुलिस या अपने तंत्र के माध्यम से समन राजद नेता को पहुंचाएगी, जबकि अदालत को ऐसा लगा कि मेहता के वकील ने इसे (अदालत से) प्राप्त कर तेजस्वी को पहुंचा दिया। इस भ्रम को दूर करने के लिए, परमार ने शुक्रवार को कहा कि समन तामील कराना मेहता का काम था क्योंकि वह शिकायतकर्ता हैं। इसके बाद, परमार ने दूसरा समन जारी किया और मेहता से इसे तेजस्वी को भिजवाने के लिए आवश्यक प्रबंध करने को कहा। 

तेजस्वी ने दिया था विवादित बयान
गौरतलब है कि अदालत ने अगस्त में तेजस्वी के खिलाफ आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 202 के तहत पड़ताल की थी और सामाजिक कार्यकर्ता एवं अहमदाबाद के कारोबारी मेहता द्वारा दायर शिकायत के आधार पर उन्हें तलब करने के लिए पर्याप्त आधार पाया। मेहता ने इस साल 21 मार्च को पटना में मीडिया के समक्ष दिये तेजस्वी के बयान के सबूत के साथ अदालत में अपनी शिकायत दायर की थी। अपने इस बयान में तेजस्वी यादव ने कथित तौर पर कहा था, ‘‘केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं।’’

(इनपुट- PTI) 

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