Monday, December 09, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. हरियाणा
  3. विविध संस्कृतियों का संगम 'सुरजकूंड मेला' आगुंतकों की आमद से गुलजार

विविध संस्कृतियों का संगम 'सुरजकूंड मेला' आगुंतकों की आमद से गुलजार

मेले में 'हरियाणवी पगड़ी' ने काफी लोकप्रियता हासिल की है और लोगों ने हरियाणा के गांवों से जुड़ी ऐसी पारंपरिक चीजों के साथ सेल्फी ली हैं, जिनमें से कुछ आधुनिक समय में उपयोग में दुर्लभ हो चुकी हैं।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : Feb 17, 2024 14:42 IST, Updated : Feb 17, 2024 14:42 IST
surajkund mela- India TV Hindi
Image Source : PTI सुरजकूंड मेला

फरीदाबाद: विविध संस्कृतियों का संगम सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला इन दिनों आगुंतकों की आमद से गुलजार है और यहां आने वाले लोग हस्तशिल्प की खरीदारी, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, प्रदर्शनी और विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का आनंद उठा रहे है। इस वर्ष तंजानिया मेले में भागीदार देश है, वहीं गुजरात 'थीम' राज्य है। सूरजकुंड मेले का उद्घाटन 2 फरवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया था। अधिकारियों ने बताया कि मेले में तंजानिया समेत करीब 40 देश हिस्सा ले रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक, रविवार को मेले का समापन हो रहा है और इस बार मेले में आगुंतकों की संख्या दस लाख से अधिक पहुंचने की उम्मीद है।

मेले में 'हरियाणवी पगड़ी' ने हासिल की लोकप्रियता

विरासत प्रदर्शनी के निदेशक महासिंह पूनिया ने कहा कि मेले में 'हरियाणवी पगड़ी' ने काफी लोकप्रियता हासिल की है और लोगों ने हरियाणा के गांवों से जुड़ी ऐसी पारंपरिक चीजों के साथ सेल्फी ली हैं, जिनमें से कुछ आधुनिक समय में उपयोग में दुर्लभ हो चुकी हैं। सूरजकुंड मेले के 37वें संस्करण में इस साल तंजानिया के अलावा महाद्वीप के अन्य देशों ने भी स्टाल लगाये, जहां लोगों को अफ्रीकी संस्कृति की झलक भी देखने को मिल रही है। तंजानियाई शिल्पकार ग्रेस मिहिगो ने कहा कि सूती कपड़े, चमड़े के बैग, अन्य चीजें और हस्तनिर्मित पेंटिंग यहां आगंतुकों को खूब पसंद आ रही हैं। टोगो के एक अन्य शिल्पकार ने कहा कि आगंतुकों को आभूषण भी काफी आकर्षित कर रहे हैं।

surajkund mela

Image Source : PTI
सुरजकूंड मेला

1987 में पहली बार लगा था मेला

मेले में अन्य अफ्रीकी देश जूट उत्पादों, लकड़ी के शिल्प और मिट्टी के बर्तनों के स्टॉल से आगंतुकों को लुभा रहे हैं। मेले की चौपाल पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दर्शकों का ध्यान अपनी ओर खींच रही हैं। हरियाणा पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक और सूरजकुंड मेला प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक नीरज कुमार ने कहा कि आगंतुकों के लिए यह मेला दुनिया भर के क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शिल्प, हथकरघा और प्रसिद्ध व्यंजनों की विशेषता वाला एक अनूठा अनुभव रहा है। हस्तशिल्प, हथकरघा और भारत की सांस्कृतिक विरासत की समृद्धि और विविधता को प्रदर्शित करने वाला सूरजकुंड मेला 1987 में पहली बार आयोजित किया गया था।

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें हरियाणा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement