Friday, May 03, 2024
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रूस में फंसा हरियाणा का युवक, बहकाकर ले गए और सेना में भर्ती कर यूक्रेन बॉर्डर पर कर दिया तैनात

बेटे की यूक्रेन बॉर्डर पर तैनाती के बाद परिवार टेंशन में है। परिजनों ने एंबेसी में शिकायत दी है। लेकिन उसे भारत लाने की कोशिश आगे नहीं बढ़ पाई है।

Mangal Yadav Written By: Mangal Yadav @MangalyYadav
Updated on: March 07, 2024 6:27 IST
रूस में फंसा करनाल का युवक हर्ष- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV रूस में फंसा करनाल का युवक हर्ष

हरियाणा के करनाल का एक युवक रूस में फंस गया है। ढाई महीने पहले रूस गए हर्ष नामक युवक को जबरन सेना में भर्ती कर यूक्रेन बॉर्डर पर तैनात कर दिया गया है। महज 15 दिन की ट्रेनिंग के बाद उसे से युद्ध की आग में धकेल दिया गया है। हर्ष के परिवार ने भारत सरकार से अपील की है कि उसे वहां से सुरक्षित निकाला जाए।

टूरिस्ट वीजा पर गया था रूस

मिली जानकारी के अनुसार, टूरिस्ट वीजा पर करनाल के सांभली गांव का 19 साल का हर्ष रूस गया था। रूस जाने का मुख्य उद्देश्य वहां घूमना और अपने पासपोर्ट को मजबूत करना था ताकि वो किसी और देश का आकर वीजा लगाए तो फिर उसका वीजा आ जाए, उसे दिक्कत ना हो। हर्ष की जिंदगी में सब ठीक चल रहा था, वो वहां घूम रहा था, लेकिन एक दिन वो किसी एजेंट के संपर्क में आ गया।

एजेंट ने दिया धोखा

हर्ष के साथ पंजाब के कुछ युवा और भी थे। उस एजेंट ने उन्हें ये बताया कि वो उन्हें बेलारूस भी घुमा देगा। बेलारूस के लिए अलग वीजा चाहिए होता है, ये बात हर्ष और उसके बाकी साथियों को नहीं मालूम थी। इसके बाद उन्हें बेलारूस के रास्ते में पड़ने वाले जंगलों में एजेंट ने छोड़ दिया। वहां उन्हें रूस की पुलिस हिरासत में लेती है, उसके बाद जेल में बंद कर दिया। 

जबरन करवाया था कॉन्ट्रैक्ट साइन 

इसके बाद पुलिस ने आर्मी को हैंड ओवर कर दिया जाता है। इसके बाद उनसे जबरन एक कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाया जाता है जिसमें लिखा था कि वह एक साल के लिए रूस की सेना के लिए हेल्पर के तौर पर काम करेगा। रूस की सेना उन्हें बंदूक चलाने की ट्रेनिंग देती है। करीब 15 दिन की ट्रेनिंग दी जाती है और उसके बाद उनके हाथ में बंदूक थमा दी गई और उन्हें यूक्रेन और रूस के बॉर्डर पर तैनात कर दिया गया। 

परिजनोंने लगाई मदद की गुहार

बेटे की यूक्रेन बॉर्डर पर तैनाती के बाद परिवार टेंशन में है। परिजनों ने एंबेसी में शिकायत दी है। लेकिन उसे भारत लाने की कोशिश आगे नहीं बढ़ पाई है। मां की आंखों में आंसू हैं और चेहरे पर शिकन है। परिजनों का कहना है कि जब फोन पर बात होती है तो हर्ष रोने लग जाता है। वहां से सभी साथियों ने मिलकर एक वीडियो भी बनाया है कि सरकार इनकी मदद करे। वहीं सीएम मनोहर लाल से भी आज करनाल में ये सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमारे संज्ञान में ये मामला नहीं था, अब आया है इस पर कोशिश करेंगे। 

रिपोर्ट- अमित भटनागर

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