Saturday, July 27, 2024
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इन बीमारियों का खात्मा करता है आयुर्वेदिक चूर्ण त्रिफला, इतने फायदे हैं कि जानकर हैरान रह जाएंगे

Triphala Churna Benefits: आयुर्वेद में त्रिफला को चमत्कारी दवा माना जाता है। त्रिफला पूरे शरीर से बीमारियों का खात्मा कर सकता है। जो लोग त्रिफला को सिर्फ पेट साफ करने वाला चूर्ण मानते हैं उन्हें मालूम नहीं है कि त्रिफला इन बीमारियों को भी दूर करता है।

Written By: Bharti Singh
Published on: June 11, 2024 12:08 IST
Triphala- India TV Hindi
Image Source : FREEPIK Triphala

त्रिफला यानि तीन फलों के मिश्रण से बना चूर्ण। आयुर्वेद में त्रिफला को एक असरदार दवा माना जाता है। त्रिफला पेट संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। कब्ज, एसिडिटी या पित्त संबंधी बीमारी में त्रिफला रामबाण माना जाता है। त्रिफला के सेवन से पाचन सही होता है और भूख भी बढ़ती है। आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह के अनुसार त्रिफला का सेवन करने से पेट की कई बीमारियों को दूर करने में भी मदद मिलती है।

बाल, आंख और त्वचा के लिए त्रिफला

त्रिफला बाल, आंख और त्वचा को हेल्दी रखने के लिए भी किसी चमत्कार से कम नहीं है। त्रिफला में आंवला सबसे ज्यादा होता है और आंवला विटामिन सी से भरपूर होता है, इसलिए त्रिफला बाल और त्वचा की सेल्स को रिपेयर करता है। त्रिफला का सेवन करने से बाल मजबूत होते हैं और स्किन भी चमकदार बनती है। आयुर्वेदिक डॉक्टर की मानें तो त्रिफला आंखों के लिए भी फायदेमंद है।

एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर त्रिफला

त्रिफला का तीसरा सबसे बड़ा गुण है एंटीऑक्सीडेंट का। त्रिफला शरीर में एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है और ये हमारी बॉडी की कोशिकाएं को खराब होने से बचाता है। एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टी की वजह से ही कई रिसर्च में ये भी सामने आया है कि त्रिफला कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के प्रेवेंशन में कारगर है। आयुर्वेदिक डॉक्टर भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि त्रिफला के सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। रोजाना त्रिफला खाने से कई फायदे मिलते हैं।

कैसे बनता है त्रिफला?

तीन आयुर्वेदिक फलों के रासायनिक फॉर्मूला से तैयार होने की वजह से इसे त्रिफला कहा जाता है। त्रिफला आवंला, बहेड़ा और हरड़ के बीज से बनता है। जिसमें 1 भाग हरड़, 2 भाग बहेड़ा और 3 भाग आंवला का लिया जाता है। हरड़ एक आयुर्वेदिक औषधीय फल है जो हरीतकी पेड़ पर आता है। आयुर्वेद में हरड़ के कई चमत्कारिक फायदे बताए गए हैं और ये पित्त के संतुलन को बनाए रखने के साथ साथ पाचन से जुड़ी समस्याएं भी दूर करता है।

विटामिन C से भरपूर है त्रिफला

त्रिफला में दूसरा हिस्सा बहेड़ा का मिलाया जाता है। बहेड़ा भी एक औषधीय पेड़ है जिस पर लगने वाला फल बहेड़ा रोगाणुरोधी और एंटी-एलर्जी गुणों के लिए मशहूर है। आयुर्वेद के मुताबिक बहेड़ा के सेवन से खांसी और सर्दी दूर होती है। इसके अलावा तीसरा हिस्सा आंवला का होता है जो विटामिन C और एंटी ऑक्सीडेंट गुणों की खान है। बाल, आंख और स्किन के लिए आंवला किसी वरदान से कम नहीं है। त्रिफला को आप बाजार से पाउडर या टैबलेट फॉर्म में खरीद सकते हैं। ऑयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह के मुताबिक सेवन या उपयोग कर सकते हैं।

 

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