Thursday, May 16, 2024
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इन कारणों से लोगों में तेजी से बढ़ रही है वैरिकोज वेन्स की समस्या, स्वामी रामदेव से जानें उपचार

वैरिकोज वेन्स की समस्या, दुनियाभर में तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में स्वामी रामदेव के ये टिप्स आपके लिए कारगर तरीके से काम करते हैं। कैसे, जानते हैं।

Written By : Sajid Khan Alvi Edited By : Pallavi Kumari Published on: September 06, 2023 12:26 IST
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Image Source : SOCIAL Swami_ramdev_tips

आपके घर में फ्रिज, टीवी, वॉशिंग मशीन जैसे कई इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स होंगे पर हें रिपेयर भी कराया होगा। लेकिन कभी रिपेयर कराते वक्त उन्हें अंदर से देखा है। प्रोडक्ट को चलाने के लिए बिजली के तारों का पूरा जाल होता है। हमारे शरीर में भी नसों की कुछ ऐसी ही वायरिंग होती है। हमारा शरीर हज़ारो वेन्स से बना है। पूरे शरीर में फैली ये ब्लड वेसल्स। सर्कुलेटरी सिस्टम का हिस्सा होती हैं जो ब्लड, ऑक्सीजन और न्यूट्रिशंस को पूरी बॉडी में भेजने का काम करता है। लेकिन जब ये सिस्टम बिगड़ता है तो तमाम तरह के कॉम्प्लिकेशंस दिखने लगते हैं। खतरनाक रोग अटैक कर देते हैं जिनमें से एक है वैरिकोज़ वेन्स जो ज़्यादातर पैरों में होती है इसमें नसों में स्वेलिंग होती है वो मोटी, नीली और मुडी हुई नज़र आती है। ये परेशानी ज़्यादा देर तक खड़े रहने और लगातार बैठे रहने से होती है इसलिए इसके सबसे ज़्यादा शिकार दुकानदार,टीचर,ऑफिस में घंटों बैठने वाले ट्रैफिक पुलिस, और सिक्योरिटी गार्ड्स होते हैं कहने का मतलब है कि जो लोग ज़्यादा चल नहीं पाते वो डेंजर ज़ोन में आ जाते हैं।

मैं आज ही पढ़ रही थी कि दुनिया में 30 से 40% आबादी वैरिकोज़ से जूझ रही है। हमारे देश में तो 16 से 20% महिलाओं को ये बीमारी है। महिलाएं क्या, पुरुष क्या, सबका हाल एक जैसा है तभी तो हर 5 में से 1 अडल्ट वैरिकोज़ से परेशान है और इसकी बड़ी वजह है एक बीमारी से दूसरी बीमारी होना। एक लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक लॉन्ग कोविड का शिकार रहे एक शख्स के सिर्फ 10 मिनट खड़े रहने पर पैर नीले पड़ गए। नसों में खून जमा हो गया जिसके बाद वो ऐसी नज़र आने लगी जैसी वैरिकोज़ में हो जाती है। देखिए इसका कारण तो ब्लड सर्कुलेशन और नसों की कमज़ोरी ही है तो आज इन बीमारियों से बचने के लिए नसों को मज़बूत बनाने के साथ साथ ब्लड सर्कुलेशन परफेक्ट बनाते हैं। 

अध्ययनों के अनुमान के मुताबिक पांच वयस्कों में से एक वयस्क को वैरीकोज़ वेन्स की शिकायत होती है और वैरीकोज़ वेन्स से पीड़ित 16 प्रतिशत वयस्क 60 वर्ष या उससे ज़्यादा आयु के होते हैं। इस आयु वर्ग के 65 फीसदी लोगों में जिनमें वैरीकोज़ वेन्स का निदान किया गया है उनमें कम से कम एक पैर में वैरीकोज़ वेन्स संबंधी लक्षण पाए गए हैं।

वैरिकोज की वजह

घंटों बैठकर काम

लगातार खड़े रहना 
बढ़ती उम्र 
मोटापा 
वर्कआउट की कमी
फैमिली हिस्ट्री
हार्मोनल चेंजेज

वैरिकोज की परेशानी, खतरे में महिलाएं  

हाइपर टेंशन            
गलत पॉश्चर
हाई हील्स                 
खड़े रहकर काम
प्रेगनेंसी                    
पेल्विक एरिया में फैट

3 तरह का होता है डेंगू, सिर्फ प्लेटलेट्स की कमी ही नहीं इन लक्षणों से भी करें पहचान

पैरों में सूजन मसल्स में ऐंठन

वैरिकोज़ वेन्स के लक्षण 
नीली नसों की गांठ स्पाइडर वेन्स 
स्किन अल्सर

वैरिकोज़ में रामबाण, घरेलू नुस्खे 

एप्पल विनेगर से मसाज
जैतून के तेल से मालिश 
बर्फ से नसों पर मसाज

वैरिकोज़ में कारगर

गिलोय 
अश्वगंधा
गुग्गुल
गोखरू 
पुनर्नवा

वैरिकोज़ वेन्स का इलाज

कपिंग थेरेपी
लीच थेरेपी 
मिट्टी लेप 
रश्मि चिकित्सा

वैरिकोज़ वेन्स से बचाव

वज़न  कंट्रोल
कम नमक 
कम चीनी
टाइट कपड़े ना पहने

सुबह उठकर सबसे पहले 20 मिनट करें ये 1 काम, नसों और हड्डियों से जुड़ी समस्याओं से दिलाएगा आराम

वैरिकोज़ में कारगर

नसों पर लगाएं
अदरक पेस्ट
पिपली पेस्ट 
जायफल पेस्ट

वैरिकोज़ में फायदेमंद

लौकी 
नींबू
संतरा
छाछ-लस्सी
मिक्स दालें

वैरिकोज़ में कारगर मिट्टी के लेप

मुल्तानी मिट्टी 
एलोवेरा
हल्दी
कपूर
नीम
गुग्गुल

 

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