Saturday, May 04, 2024
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दिल्ली की हवा को खतरनाक बना रहा है ये कारक, भविष्य में बढ़ सकती हैं ये बीमारियां - रिपोर्ट्स

देश की राजधानी दिल्ली और उसके आसपास बसे क्षेत्र में ओजोन प्रदूषण का खतरा बहुत तेजी से बढ़ रहा है। समय रहते यदि इस पर कंट्रोल नहीं किया गया तो आने वाले समय में स्वास्थ्य के लिए एक गहरा संकट पैदा हो सकता है।

Poonam Yadav Written By: Poonam Yadav @R154Poonam
Updated on: April 23, 2024 7:52 IST
दिल्ली की वायु प्रदूषण को बढ़ा रहा है ओजोन तत्व - रिपोर्ट्स- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL दिल्ली की वायु प्रदूषण को बढ़ा रहा है ओजोन तत्व - रिपोर्ट्स

राजधानी दिल्ली में ओजोन पदूषण का खतरा बहुत तेजी से बढ़ रहा है। बीते आठ घंटों में कई स्टेशनों पर ओजोन का स्तर नियमित मानक से ऊपर गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों कि मानें तो दिल्ली की हवा में ओजोन परत का बढ़ना प्रदूषण का सबसे मुख्य कारण है। ओजोन के बढ़ने के कारण लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियां हो सकती है। साथ ही ये भी अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले समय में ओजोन का स्तर और भी बढ़ सकता है। दरअसलनाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) और वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों (VOCs)  के बीच कॉम्प्लेक्स इंटरेक्शन से ओजोन का निर्माण होता है। और ये सभी चीज़ें ये वाहनों, पावर प्लांट्स, फैक्ट्रीज़ और अन्य स्त्रोतों से उत्सर्जित होते है

बढ़ सकती हैं ये बीमारियां

साल  2023 में सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट के एक विश्लेषण में जानकारी दी गई है। इस विश्लेषण के मुताबिक ओजोन प्रतिक्रियाशील गैस है। इसके संपर्क में आने से लोगों को कई गंभीर स्वास्थ्य संबधी समस्याएं पैदा हो सकती है। ओजोन से संपर्क में आने से सांस से जुड़ी परेशानी, अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) की समस्या और तेजी से बढ़ सकती है।इन बीमारियों का खतरा ज़्यादातर फेफड़े के मरीज, बच्चों और बुजुर्गों में होता है। इस संबंध में सीएसई का कहना है कि जमीनी स्तर का ओजोन एयरवेस को डैमेज  कर सकता है। ओजोन के संपर्क में आने से फेफड़ों का संक्रमण कई गुना बढ़ सकता है। जिस वजह से  लोगों में अस्थमा और क्रोनिक ब्रोंकाइटिस की बीमारी फ़ैल सकती है जिससे अस्पताल में भर्ती होने की संभावना बढ़ सकती है।

गर्मी में बढ़ जाता है ओजोन का स्तर

दिल्ली के कई इलाके ऐसे हैं जहां ओजोन का स्तर 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक था। सीपीसीबी के आंकड़ों की मानें तो डॉ कर्णी सिंह शूटिंग रेंज, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम, नरेला, नेहरू नगर और आरके पुरम इलाकों में ओजोन का स्तर अधिक पाया गया था। सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर के एक अधिकारी की मानें तो पूरे वर्ष, PM2.5 एक चिंता का विषय बना रहता है। वहीं गर्मियों के मौसम में ओजोन का स्तर काफी बढ़ जाता है। ऐसे में ओजोन के स्रोतों पर अंकुश लगाना बेहद ज़रूरी है।

 

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