Saturday, May 04, 2024
Advertisement

प्रदूषण की वजह से सांस लेना हुआ दूभर, जहरीली धुंध से फेफड़ों की सुरक्षा करेंगे ये योग आसन!

इस समय प्रदूषण की वजह से लोगों के फेफड़े पर सबसे ज़्यादा बुरा असर पड़ रहा है, जिस वजह से रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो रही है। ऐसे में आपके लंग्स सुरक्षित रहें इसलिए आप इन योगआसन को अपनी लाइफ में शामिल करें।

Poonam Yadav Written By: Poonam Yadav @R154Poonam
Published on: November 09, 2023 16:59 IST
yoga asanas for lungs - India TV Hindi
Image Source : FREEPIK yoga asanas for lungs

दिल्ली-एनसीआर का मौसम इस समय धुंध की मोटी चादर में लिपटा हुआ है। प्रदूषण का स्तर दिन ब  दिन बढ़ते जा रहा है। जिस वजह से हमारे फेफड़ों पर बुरा असर पड़ रहा है। दरअसल, लंबे समय तक हानिकारक प्रदूषण के संपर्क में रहने से फेफड़े डैमेज होने लगते है। जिस वजह से हमारा शरीर अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज लंग कैंसर जैसी बीमारियों की चपेट में आ सकता है। प्रदूषण से बचने के लिए लोग कई तरीके आज़माते हैं। जिनमे से एयर प्यूरीफायर एक है। अपने आसपास के वातावरण और अपन घर को धूल, मिट्टी से बचाने के लिए एयर प्यूरीफायर ज़रूर लगाएं। लेकिन उसके साथ ही अपने आप को सुरक्षित और हेल्दी रखने के लिए आप अपनी लाइफ में योग को शामिल करें। योग की वजह से आप कई बड़ी से बड़ी बीमारियों से मुक्ति पा सकते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे योग के बारे में बताएंगे जो प्रदूषण की मार से आपको बचाएंगे।

उष्ट्रासन (कैमल पोज़)

उष्ट्रासन को कैमल पोज़ भी कहा जाता है। यह योगासन फेफड़ों की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इसमें पीठ को पीछे की तरफ झुकाएं और दोनों हाथों से एड़ियों को पकड़ें। यह आसान फेफड़ों को खोलता है और  लंग्स की केपेसिटी को इम्प्रूव करने में मदद करता है। उष्ट्रासन करने से पोस्चर में सुधार आता है और गर्दन और कंधे के तनाव भी कम होता  है। उष्ट्रासन को रोज़ाना करने से ऑक्सीजन इंटेक इम्प्रूव होता है साथ ही सांस की नली और छाती की मसल्स स्ट्रेच होती है। इसलिए इस जहरीली हवा से बचने के लिए आप इस योगासन का अभ्यास शुरू कर दें।

प्रदूषण का हमला, लिवर पर कितना बढ़ा खतरा? बाबा रामदेव से जानें योग-आयुर्वेद से लिवर को कैसे बनाएं स्वस्थ

kobra pose

Image Source : FREEPIK
kobra pose

भुजंगासन (कोबरा पोज़ )

भुजंगासन सुर्य नमस्कार के 12 आसनों में से एक आसन हैं, भुजंगासन में ' भुजंग ' का अर्थ होता हैं, साप और आसन का अर्थ होता हैं, योग मुद्रा। इस आसन को करते वक्त फन फैलाये हुऐ साप की तरह शरीर की आकृति बनती हैं, इसलिए इसे यह नाम दिया गया हैं। इस आसान को कोबरा पोज़ भी कहा जाता है। यह आसन प्रदूषण से आपके लंग्स की सुरक्ष करता है। यह आसान फेफड़ों को स्ट्रेच कर उन्हें धीरे धीरे खोलता है, जिस वजह से वायु प्रवाह बेहतर होता है। इस योग को रोज़ करने से लंग्स की केपेसिटी बढ़ती है और उसमें सुधार आता है।

shirshasana

Image Source : FREEPIK
shirshasana

शीर्षासन (हेडस्टैंड)

शीर्षासन को हेडस्टैंड भी कहते हैं।  इस एडवांस योगा पोज़ से सेहत को कई चौंकाने वाले फायदे मिलते हैं। बॉडी की ग्रेविटी को उलट कर, यह दिमाग और फेफड़ों में ब्लड और ऑक्सीजन के संचार को बेहतर करता है। यह आसन शरीर को डिटॉक्सिफाई कर, श्वसन तंत्र को मजबूत बनाने में मदद कर सकता है। हालाँकि, अगर आपने अभी अभी इस योग आसान की शुरुआत की है तो किसी कुशल योग प्रशिक्षक की निगरानी में इसका पहले अभ्यास करें।

कपालभाति और अनुलोम विलोम

अपने फेफड़ों के बेहतर स्वास्थ के लिए आप अपने जीवन में कपालभाति और अनुलोम विलोम को ज़रूर शामिल कर लें। यह आसन करने से सिर्फ आपके फेफड़े ही मजबूत नहीं होंगे बल्कि आपको और भी कई फायदे होंगे। अगर आप नियमित रूप से जीवनभर अनुलोम विलोम और कपालभाति का अभ्‍यास करें तो कई बीमारियों से बच जायेंगे। 

प्रदूषण से बढ़ रहा है इंफर्टिलिटी का खतरा, हार्ट स्ट्रोक समेत इन बीमारियों की है वजह

 

Latest Health News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें हेल्थ सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement