Saturday, April 20, 2024
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थर्ड स्टेज कैंसर में योग और आयुर्वेद कितना है असरदार, स्वामी रामदेव से जानिए

योग और आयुर्वेद में वो ताकत है, जो थर्ड स्टेज में भी कैंसर के मरीजों को ठीक कर सकती है। ये दावा योगगुरु स्वामी रामदेव का है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: October 11, 2020 9:56 IST
third stage cancer yoga ayurveda- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV स्वामी रामदेव से जानिए कैंसर के इलाज के लिए योग

कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसका सही समय पर पता नहीं चलने पर ये जानलेवा साबित होती है। लेकिन थर्ड स्टेज पर आकर भी इसे ठीक किया जा सकता है। योग और आयुर्वेद में वो ताकत है, जो थर्ड स्टेज में भी कैंसर के मरीजों को ठीक कर सकती है। ये दावा योगगुरु स्वामी रामदेव का है। उन्होंने बताया कि कैसे योग के जरिए कैंसर को ठीक किया जा सकता है। 

कैंसर के कितने रूप: 

  • ब्लड कैंसर
  • स्किन कैंसर
  • ब्रेस्ट कैंसर
  • सर्वाइकल कैंसर
  • ब्रेन कैंसर
  • बोन कैंसर
  • प्रोस्टेट कैंसर
  • लंग कैंसर
  • पैनक्रियाटिक कैंसर
  • ब्रेस्ट कैंसर

योग करें, कैंसर से बचें:

मंडूकासन

इस आसन के लिए व्रजासन या पद्मासन में बैठ जाएं। इसके बाद गहरी सांस लें और अपने दोनों हाथ के उंगलियों को मोड़कर मुट्ठी बनाएं। अब दोनों हाथ की मुट्ठी को नाभि के दोनों तरफ रखें और सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकेंगे। इस आसन में थोड़ी देर रहने के बाद फिर आराम से  सांस छोड़ते हुए सीधे हो जाए।  इस आसन को 5-6 बार करें। इस आसन को करने से  मधुमेह वालों के लिए फायदेमंद। पैंक्रियाज में इंसुलिन रिलीज करने के साथ ही इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करें।

वक्रासन
इसके लिए सबसे पहले आराम से बैठ जाएं। इसके बाद अपने पैरों को सामने की ओर फैला देंगे पैरों के बीच में कोई गैप नहीं रहेगा इसके बाद दाएं पैर को मोड़ते हुए बाएं पैर के घुटने के बगल ले आएंगे और दाएं हाथ को पीठ के पीछे  से ले जाते हुए जमीन को स्पर्श करेंगे। इसके बाद  बाएं हाथ से दाहिने पैर के बाई ओर से हाथ डालते हुए दाहिने पैर के घुटने को छुएंगे। सांस की गति सामान्य रखें। इस आसन में 2-3 बार करें। इसी तरह दूसरी ओर से दोहराएं। 

गोमुखासन
इस आसन के लिए वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएंगे आप चाहे तो दाहिने पैर को घुटने से मोड़ते हुए बाएं पैर के कुल्हें के नीचे रख सकते हैं और बाएं बाएं पैर को दोनों हाथों से उठाकर के घुटने से मोड़ते हुए दाहिने पैर के ठीक घुटने के ऊपर रखेंगे। इसके बाद बाएं हाथ को ऊपर से लेकर पीठ की ओर ले  जाएंगे। वहीं दूसरा हाथ नीचे से होते हुए पीठ के पास जाएगा। इसके बाद दोनों हाथों की अंगुलियों एक दूसरे से पकड़ लेंगे।  इस आसन को 5 मिनट तक किया जा सकता है। रीढ़ की हड्डी मजबूत, बवासीर में उपयोगी, लिवर-किडनी के लिए फायदेमंद।

मर्कटासन
मर्कटासन कई तरीके से किया जाता है। इसके लिए पीठ के बंल आराम से लेट जाए। इसके बाद कंधों के बराबर अपने हाथों को फैलाएं। फिर दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ लें। अब दोनों पैरों को मिलाकर पहले दाएं ओर करें। इसके साथ ही गर्दन को बाएं ओर मोड़े। फिर इस तरह दोबरा करें। इस आसन को करने से  पीठ दर्द से निजात, रीढ़ की हड्डी संबंधी हर समस्या से निजात, सर्वाइकल, गैस्ट्रिक, गुर्दे के लिए फायदेमंद।

उत्तानपादासन
यह आसन बिल्कुल शलभासन के तरह होता है। बस इसमें पेट के बेल नहीं बल्कि पीठ के बल लेटकर किया जाता है। इस आसन को करने से छाती और मांसपेशियों में खिंचाव, पीठ के दर्द से निजात के साथ ही रीढ़ की हड्डी से सबंधी हर समस्या से निजात मिलता है। इसके साथ ही डायबिटीज कंट्रोल होने के साथ गर्दन और मांसपेशियों में खिंचाव होता है।

ताड़ासन
इस आसन के लिए सीधे खड़े हो जाएं। कमर भी बिल्कुल सीधा रखें। इसके बाद दोनों हाथों की अंगुलियों को आप में फंसा लें। अब हथेलियों को अपने सिर के ऊपर ले जाएं। इसके बाद  धीरे-धीरे सांस लेते हुए पंजों के बल खड़े होते हुए शरीर को ऊपर की ओर खीचें। इस अवस्था में थोड़ी देर रहने के बाद दोबारा पुरानी अवस्था में आ जाएं। इस आसन को कम के कम 7-8 बार करें। इस योगासन को करने से पूरी बॉडी की स्ट्रेचिंग हो जाती है।

शलभासन
इस आसन को करने से पूरा शरीर फिट रहता है। इस आसन को करने के लिए  सहसे पहले पेट के बल योग मैट में लेट जाएं। इसके बाद दोनों पैरों के पंजों को जोड़ लें। और अपने दोनों हाथों को अपने जांघ के नीचे रख लें। इसके बाद धीमे-धीमे सांस भरते हुए पैरों को ऊपर उठाएं। इस स्थिति में कुछ देर रहने के बाद पुरानी स्थिति में आ जाएं। इस आसन को कम सम कम 5 मिनट करें। 

इन योगासनों को भी करें: 

  • शशकासन
  • मकरासन
  • भुजंगासन
  • शलभासन
  • पवनमुक्तासन
  • सूक्ष्म व्यायाम
  • अर्धलासन
  • पादवृत्तासन
  • पश्चिमोत्तासन
  • सर्वांगासन
  • शीर्षासन
  • हलासन
  • चक्रासन

कैंसर के मरीज क्या खाएं:

-पुराना चावल, मक्का, बाजरा और गेहूं
-दाल में मूंग, मसूर, अरहर 
-सब्जियों में लौकी, करेला, सहजन और परवल से लाभ
-कद्दू, खजूर, पत्तागोभी और गाजर खाएं
-फूलगोभी, ब्रोकली, शलजम और मूली खाएं

कैंसर के मरीज क्या न खाएं:

- मटर, चना, राजमा, उड़द, काबुली चना
- सब्जी में बैंगन और कटहल से परहेज करें
- तली चीज, दही, नमकीन, खट्टा और तीखा न खाएं
- मसालेदार खाना, मांसाहार और अचार नहीं खाएं।
- कोल्ड ड्रिंक्स, बेकरी उत्पाद न खाएं
- ज्यादा नमक और शराब का सेवन गलत

कैंसर के इलाज में लाभकारी:

1. ज्वारे का रस
2. अंकुरित गेहूं
3. गिलोय का रस
4. तरबूज

ऑर्गेनिक फूड के फायदे:

- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है
- शरीर को पूरी तरह से स्वस्थ रखता है
- विटामिन, मिनरल्स, प्रोटीन से भरपूर
- कैंसर, ब्लड प्रेशर और डायबिटीज से बचाव
- चर्बी नहीं बढ़ती, वजन नियंत्रित रहता है

 

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