नई दिल्ली: गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने अपने अनशन के दूसरे दिन शनिवार को कहा कि एक शक्ति सम्पन्न भ्रष्टाचार-रोधी निकाय के गठन और परेशान किसानों को राहत देने जैसी उनकी मांगों पर सरकार एक मसौदा भेजने वाली है, जिस पर प्रदर्शनकारियों की कोर कमेटी में चर्चा की जाएगी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "मुझे बताया गया है कि सरकार एक मसौदा भेजने जा रही है। मैं इस पर कोर कमेटी में चर्चा करूंगा।" अन्ना हजारे यहां के रामलीला मैदान में अनिश्चितकालीन अनशन कर रहे हैं। सात साल पहले इसी जगह उनका अनशन लगातार 13 दिनों तक चला था।
अन्ना के आह्वान पर कई राज्यों से आए प्रदर्शनकारी केंद्र में सशक्त लोकपाल व राज्यों में लोकायुक्त को नियुक्त करने, कृषि उत्पादों की उचित कीमतों के लिए एम.एस. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने तथा चुनाव सुधार की मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। पुलिस ने बताया कि अन्ना के आंदोलन में शनिवार को लगभग 3000 लोगों ने भाग लिया। उनके अनुसार, शुक्रवार को लगभग 10,000 प्रदर्शनकारी जुटे थे।
अन्ना का इस बार का आंदोलन सात साल पहले हुए आंदोलन से इस मायने में अलग है कि उनकी शर्त के मद्देनजर किसी राजनीतिक पार्टी का कोई नेता इसमें शामिल नहीं हो रहा है। यहां तक कि इसी आंदोलन से जन्म लेने वाली आम आदमी पार्टी, जो अभी दिल्ली में सत्तारूढ़ है, मगर रामलीला मैदान से दूर है। अन्ना के इस बार के आंदोलन में ज्यादातर किसान हैं, जो कई राज्यों से यहां पहुंचे हैं। अन्ना का अरोप है कि मोदी सरकार उनके आंदोलन में शामिल होने से लोगों को रोक रही है।