Friday, April 19, 2024
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आजाद हिंद की 75वीं वर्षगांठ पर मोदी ने फहराया लाल किले पर तिरंगा, एक 'परिवार' को आगे लाने के लिए बोस को भुलाया गया

आज 21 अक्‍टूबर को देश आजाद हिंद फौज की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले पर राष्ट्रध्वज फहराया।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: October 21, 2018 13:23 IST
Azad hind fauj 75th anniversary- India TV Hindi
Azad hind fauj 75th anniversary

आजाद हिंद फौज सरकार की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले पर राष्‍ट्रध्‍वज फहराया। ​इस मौके पर नेताजी को याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सुभाष चंद्र बोस एक वैश्विक नेता थे। आज से 75 वर्ष पूर्व नेताजी ने एक ऐसे भारत की शपथ ली थी जहां सभी के पास समान अधिकार हों। उन्‍होंने एक समृद्ध भारत की कल्‍पना की थी। आजादी के इतने सालों के बाद भी नेताजी का यह सपना पूरा नहीं हो सका है। 

पारंपरिक रूप से देश के प्रधानमंत्री 15 अगस्त को ही ऐतिहासिक लाल किले पर राष्ट्रध्वज फहराते हैं। इस वर्ष प्रधानमंत्री मोदी नेे नेताजी सुभाष चंद्र बोस की अगुवाई और प्रेरणा से बनी आजाद हिंद सरकार की वर्षगांठ मनाने के लिए लाल किले पर तिरंगा फहराया हैैै।

 

एक परिवार को ऊपर लाने के लिए बोस जैसे सेनानियों को भुलाया गया 

नेहरू-गांधी परिवार पर अप्रत्यक्ष हमला बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि केवल ‘एक परिवार’ को बाकी से ऊपर रखने के लिए स्वतंत्रता संघर्ष में सरदार वल्लभ भाई पटेल, भीम राव आंबेडकर और सुभाष चंद्र बोस जैसे नेताओं की ओर से किए गए योगदान को भुलाने के प्रयास किए गए। मोदी ने कहा, ‘लेकिन अब हमारी सरकार यह सब बदल रही है।’

पहनी आजाद हिंद फौज की टोपी 

इस मौके पर प्रधानमंत्री ने ‘आजाद हिंद फौज’ की मशहूर टोपी लगाकर लाल किले में राष्ट्रीय ध्वज फहराया और एक पट्टिका का अनावरण किया। लाल किले की बैरक संख्या तीन में यह पट्टिका होगी जहां आजाद हिंद फौज के सदस्यों पर मुकदमा चलाया गया था। बैरक में एक संग्रहालय भी स्थापित किया जाएगा। 

पटेल और बोस के हाथ कमान होती तो बेहतर होता भारत

मोदी ने अफसोस जताया कि आजादी के बाद भी भारत की नीतियां ब्रिटिश प्रणाली पर ही आधारित रहीं, क्योंकि ‘‘चीजों को ब्रिटिश चश्मे से देखा जाता था।’’ उन्होंने कहा, ‘इसके कारण नीतियों, खासकर शिक्षा से जुड़ी नीतियों, को नुकसान उठाना पड़ा।’मोदी ने कहा कि यदि भारत को पटेल एवं बोस के मार्गदर्शन का लाभ मिलता तो चीजें बहुत बेहतर होतीं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अब इन चीजों को बदल रही है। 

पूर्वोत्‍तर को नहीं मिल पाई मान्‍यता 

मोदी ने कहा कि बोस ने पूर्वी एवं पूर्वोत्तर भारत पर ध्यान दिया लेकिन बाद में दोनों क्षेत्रों को उचित मान्यता नहीं मिली। उन्होंने कहा कि अब उनकी सरकार पूर्वोत्तर को ‘विकास का इंजन’बनाने के लिए काम कर रही है। बोस की राष्ट्रवाद की भावना को सराहते हुए मोदी ने कहा कि 16 साल के किशोर के रूप में वह ब्रिटिश शासन में भारत के कष्ट को देखकर दुखी थे। उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रवाद उनकी विचारधारा थी। उन्होंने राष्ट्रवाद को जिया।’

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